Weight Gain Reasons
Weight Gain Reasons

Weight Gain Reasons: वजन बढ़ने की समस्या आजकल हर किसी के लिए एक आम चुनौती बन गई है। कभी ऐसा लगता है कि आपने ज्यादा खा लिया या फिर शारीरिक गतिविधि में कमी हो गई, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हो सकते हैं? असल में, वजन बढ़ने का कारण सिर्फ ज्यादा खाने या कम चलने से नहीं जुड़ा है। हमारे शरीर में कई ऐसे जैविक और हार्मोनल कारक होते हैं, जिनका सीधा असर हमारे वजन पर पड़ता है। ये कारण इतने जटिल और आपस में जुड़े होते हैं कि कभी-कभी हमें इन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, नींद की कमी और मानसिक तनाव जैसे कारक भी शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिसके कारण वजन बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

कल्पना कीजिए, शरीर एक जटिल मशीन है और हार्मोन हैं उसके काम करने वाले गियर।

हमारा सबसे प्रमुख हार्मोन है इंसुलिन, जो शरीर के लिए शर्करा यानी शुगर को संतुलित रखता है। जब हम ज्यादा मीठा खाते हैं या प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करते हैं, तो यह गियर सही से काम नहीं करता और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाता है। इसका नतीजा? शरीर ज्यादा वसा जमा करता है, खासकर पेट के आस-पास। जैसे अगर आपकी गाड़ी के इंजन में कोई गड़बड़ी हो, तो वह भी सही से नहीं चलता-ठीक वैसे ही।

अब, तनाव के कारण एक और हार्मोन बढ़ता है, जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। जब हम लगातार तनाव में रहते हैं, तो यह हार्मोन हमारी भूख बढ़ा देता है और पेट के आसपास वसा का जमाव कर देता है। कोर्टिसोल भी लगातार बढ़ता रहता है, जिससे वजन बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

लेकिन यही नहीं! हमारे शरीर में दो और महत्वपूर्ण हार्मोन हैं, घ्रेलिन और लेप्टिन। घ्रेलिन, जिसे हम “भूख वाला हार्मोन” कहते हैं, हमें बताता है कि हमें भूख लगी है। वहीं लेप्टिन, जो “संतोष वाला हार्मोन” है, यह हमें बताता है कि हम भरपूर खा चुके हैं। लेकिन जब इन दोनों का संतुलन बिगड़ता है, तो हमें अधिक भूख लगने लगती है और पता नहीं चलता कि कब हमें रुकना चाहिए।

सोचिए आपने रात को पूरी तरह से सोने की बजाय देर तक जागकर फोन पर काम किया। अगली सुबह, आपको भूख बहुत ज्यादा लगी और आपने ब्रेकफास्ट में वह सब खा लिया जो आमतौर पर आप नहीं खाते-चाय, बर्गर, और फिर कुछ मिठाई भी! क्यों? क्योंकि आपकी नींद की कमी ने आपके घ्रेलिन को बढ़ा दिया और लेप्टिन को घटा दिया।

और फिर नींद! नींद का सीधा असर आपके हार्मोनल सिस्टम पर होता है। जब आप ठीक से सोते हैं, तो आपका शरीर ठीक से काम करता है। लेकिन अगर नींद की कमी हो, तो घ्रेलिन बढ़ जाता है और लेप्टिन कम हो जाता है, जिससे आपको भूख ज्यादा लगती है और संतुष्टि कम। जैसे अगर आपके स्मार्टफोन की बैटरी कम हो, तो वह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है-ठीक वैसे ही, आपकी नींद की कमी आपके शरीर को पूरी तरह से सक्रिय नहीं होने देती।

इंसुलिन को सही रखें

जैसे आप एक अच्छी मशीन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले तेल का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही शरीर के लिए कच्चे, बिना प्रोडेस्ड का सेवन करें। चीनी और फास्ट फूड से बचें।

अच्छी नींद लें

एक अच्छी नींद की तरह अपने शरीर को आराम देना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप अपने कार को सर्विस कराते हैं। सोने से पहले एक नींद की दिनचर्या बनाएं, स्क्रीन से दूर रहें और अपने कमरे को शांत और आरामदायक बनाएं।

तनाव को कम करें

तनाव से दूर रहकर और आराम से जीवन जीने की कोशिश करें। योग, व्यायाम और परिवार के साथ समय बिताने से मानसिक शांति मिलती है।

इस तरह, हार्मोन और नींद के सही संतुलन से आप अपने शरीर को उस आदर्श स्थिति में ला सकते हैं, जहां वजन को नियंत्रित करना और जीवन को पूरी तरह से जीना आसान हो जाता है।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...