Breast Cancer एक ऐसा रोग है, जिसमें ब्रेस्ट के सेल्स (कोशिकाएं) अनियंत्रित तौर पर बढ़ने शुरू हो जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि ये किस भाग के सेल्स (कोशिकाएं) कैंसर में बदलते हैं। फरीदाबाद स्थित एशियन हॉस्पिटल की रेडिएशन ऑनकोलॉजी की असोसिएट डायरेक्टर, डॉ नीतू सिंघल से ब्रेस्ट कैंसर, इसके प्रकार और इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातों के बारे में जानते हैं।
क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेस्ट के किसी भी भाग की ग्लैन्ड, ट्यूब और इससे जुड़े हुए टिशू से शुरू हो सकता है। लोब्यूल्स ऐसे ग्लैन्ड होते हैं, जो दूध का उत्पादन करते हैं। ट्यूब दूध को निप्पल तक ले जाते हैं। जुड़े हुए टिशू (जिनमें गांठदार व वसायुक्त टिशू होते हैं) चारों ओर होते हैं और सब हिस्सों को जोड़ते हैं। अधिकांश ब्रेस्ट कैंसर ग्लैन्ड या दूध के ट्यूब से शुरू होते हैं। ब्रेस्ट कैंसर ब्लड वेसल्स और लिम्फ वेसल्स के जरिए ब्रेस्ट के बाहर तक फैल सकता है। जब ब्रेस्ट कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है, तो इसे प्रसारित कैंसर (मेटास्टासाइज़्ड) कहा जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार
ब्रेस्ट कैंसर के दो मुख्य प्रकार इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा और इनवेसिव लोबुलर कार्सिनोमा है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण जेनेटिक, हारमोनल, जीवनशैली व पर्यावरणीय कारक हो सकते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
- ब्रेस्ट में गांठ या उभार जो आसपास के टिशू से अलग महसूस होता है
- ब्रेस्ट के आकार, आकृतियां या स्किन में बदलाव
- निप्पल का विपरीत दिशा में जाना
- निप्पल या ब्रेस्ट के आसपास की त्वचा का छिलना, फटना या रंग फीका पड़ना
- ब्रेस्ट के ऊपर की स्किन पर लाली आना या गड्ढे पढ़ना

ब्रेस्ट कैंसर का निदान व उपचार
निदान : विशिष्ट मामलों के आधार पर, ब्रेस्ट कैंसर के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षणों व जांच की सलाह दी जाती है –
- ब्रेस्ट की जांच
- मैमोग्राफी
- ब्रेस्ट का अल्ट्रासाऊंड
- बायोप्सी
- ब्रेस्ट (एमआरआई)
- खून की जांच
- बोन स्कैन
- सीटी स्कैन
- पैट (पीईटी) स्कैन
उपचार : सटीक इलाज, ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार, इसके चरण, आकार तथा इस बात पर भी निर्भर करता है कि क्या कैंसर सेल्स हारमोन्स के प्रति संवेदनशील हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिए की जाने वाली सर्जरी में शामिल हैं –
ब्रेस्ट कैंसर को निकालना (लम्पेक्टाॅमी)
पूरे ब्रेस्ट को निकालना (मस्टेक्टाॅमी)
लिम्फ नोड्स (लसीका ग्रंथियों) को सीमित संख्या में निकालना (सेंटिनल नोड बायोप्सी)
अनेक लिम्फ नोड्स (लसीका ग्रंथियों) को निकालना
दोनों ब्रेस्ट को निकालना (प्रीवेंटिव)

कई महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन कराती हैं और कई सर्जरी के बाद भी इलाज कराती हैं, जैसे कीमोथेरेपी, हारमोन थेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या रेडियेशन थेरेपी आदि। उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए डाॅक्टर, नर्स और अन्य प्रशिक्षित प्रोफेशनल लोगों की एक टीम उनकी देखभाल करती है।
ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारी
- यदि आपको अपने ब्रेस्ट में कोई उभार या गांठ अथवा कोई और बदलाव महसूस हो रहा है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
- ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कुछ जोखिम कारकों में कैंसर का पारिवारिक इतिहास, रेडियेशन रिएक्शन, मोटापा, किशोरावस्था की शीघ्र शुरूआत, देर से मेनोपॉज, शराब का सेवन, मेनोपॉज के बाद की हारमोन थेरेपी शामिल हैं।
- इसके रोकथाम उपायों में नियमित जांच और चेकअप, एक्सरसाइज, हेल्दी वेट और डाइट शामिल है।
