इस समय न पूरा देश बल्कि, पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। बढ़ती बीमारियों और फ्लू के बीच खुद का ख्याल रखना इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी है। छोटी सी भी तकलीफ आपके लिए जान का खतरा बन सकती है। देखा जाए तो शरीर में क्या कुछ चल रहा है, इसके बारे में भी आपसे बेहतर किसी और को नहीं पता होगा। वैसे तो शरीर को स्वस्थ्य रखने लिए सबसे पहली बात तो ये है कि हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सही हो। ऑक्सीजन की मात्रा सही होगी तो शरीर में रक्त संचार भी सही रहेगा। वहीं अगर ऑक्सीजन की कमी हुई तो बड़ी समस्या भी हो सकती है। इसके पहले अगर शरीर में ऑक्सीजन की कमी है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लेने में बिलकुल भी देरी न करें।

  1. कितना हो ऑक्सीजन– कोविड-19 के चलते इस वक्त सबसे ज्यादा मरीज भी इसी महामारी से ग्रसित हैं। शुरुवाती लक्षण की सांस लेने में तकलीफ। ये तकलीफ तभी होती है जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। और इस इसी वजह से समस्या बढ़ने लगती है। एक स्वस्थ्य वयस्क की लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन का सामान्य स्तर 96-98%  होना चाहिए। वहीं बुजुर्ग लोगों या पहले से मौजूद श्वसन स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों में यह 94% और उससे अधिक हो सकता है। हालांकि सामान्य स्तर से 3-4% की गिरावट को गंभीर माना जाता है जिसमें डॉक्टर की जरूरत पड़ सकती है। कुछ लोगों की लापरवाही और सही समय में डॉक्टर से परामर्श न लेने पर सबसे ज्यादा जान भी इसी वजह से जाती है।
  2. विशेषज्ञों की राय– विशेषज्ञों की मानें तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी सबसे ज्यादा मौत के कारणों में से एक है। जहां 50 फीसदी ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर वाले रोगी देखने को मिलते हैं। कम ऑक्सीजन का स्तर पहले फेफड़े को प्रभावित करता है अगर समस्या बनी रहती है, तो अन्य अंग, जैसे कि दिल और मस्तिष्क भी प्रभावित होते हैं, जिसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
  3. कैसे पहचानें कम है ऑक्सीजन– विशेषज्ञों की मानें तो कोविड -19 के हल्के लक्षणों से पीड़ित लोगों में सांस लेने की तकलीफ सबसे ज्यादा थी। अगर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 3-4% या उससे अधिक गिरती है तो छह मिनट की पैदल दूरी पर व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। और अगर सासन लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और जरूरत पड़ने पर आप अस्पताल में भर्ती भी हो सकते हैं। जब ऑक्सीजन की मात्रा लगातार गिरती है और 3-4% से नीचे चली जाती है, उस समय पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है। उच्च स्तर के पूरकता के बावजूद सामान्य स्तर के निकट आने वाले मरीजों को गैर-आक्रामक या आक्रामक वेंटिलेटर पर रखा जाना चाहिए।
  4. जब ना दिखें लक्षण– संक्रमण का दूसरा सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जहां दो दिन पहले तक बिना किसी परेशानी के मरीज बात कर रहा था और अचानक बेहोश हो गया। यह साइटोकिन की वजह से हो सकता है। चिकित्सकों की मानें तो बेहद गम्भीर शिकयत हो सकती है वो भी तब जब ओको सम्बंधित लक्षण ही न दिखें। यह एक गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जिसमें शरीर बहुत से साइटोकिन्स को खून में जल्दी से छोड़ देता है, साइटोकिन बेहद खतरनाक हो सकता है।
  5. होम्योपैथी है मददगार- जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होगी तो जाहिर सी बात है कि खून में भी ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाएगी। जिसकी वजह से धीरे-धीरे पूरा शरीर इसकी चपेट में आ जाता है और नई बीमारियों को जन्म दे देता है। विशेषज्ञों की मानें तो शुरुवाती लक्षण में होम्योपैथी आपके लिए मददगार साबित हो सकती है । लेकिन ध्यान रखें होम्योपैथी की दवा लेने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। लेकिन आपको ये भी ध्यान देना होगा कि अगर आपको सांस लेने में कठिनाई,  छाती में लगातार दर्द ऐसे संकेत हैं तो लापरवाही बिलकुल भी न करें।
  6. कैसे बढाएं ऑक्सीजन– हमारा शरीर उस ऑक्सीजन के बिना नहीं रह सकता जो आप हवा से सांस लेते हैं। लेकिन अगर आपको फेफड़ों की बीमारी या अन्य चिकित्सा स्थितियां हैं, तो आप इसे पर्याप्त नहीं पा सकते हैं। इससे आपको सांस की कमी हो सकती है और आपके दिल, मस्तिष्क और आपके शरीर के अन्य हिस्सों में समस्या हो सकती है। इसके लिए ऑक्सीजन थेरेपी मदद कर सकती है। यह आपके लिए सांस लेने के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राप्त करने का एक तरीका है। 
  7.  कितना ऑक्सीजन जरूरी– आपको प्रति मिनट कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है ये जानना जितना जरूरी है उतना ही दिलचस्प भी। कुछ लोगों को ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता तभी हो सकती है जब वे व्यायाम करते हैं या सोते हैं। आपके सामान्य स्तरों की जांच करने के बाद आपको कितनी अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता है, ये रक्त परीक्षण के साथ या त्वचा के माध्यम से एक उपकरण का उपयोग करके पता लगाया जा सकता है। जो आपकी उंगली, पैर की अंगुली या इयरलोब पर क्लिप करके आपको रिजल्ट दे देता है।
  8.  ये भी रखें ध्यान– ऑक्सीजन की कमी कई बिमारियों को न्योता दे सकती है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा दुरुस्त रहे इसके लिए आपको खुद भी प्रयास करने होंगे। इसके लिए कभी भी धूम्रपान न करें, और दूसरों को अपने आस-पास धूम्रपान करने भी न दें। इससे निकलने वाला धुवां इसका सेवन करने वाले के साथ आस पास खड़े लोगों के लिए भी घातक हो सकता है, क्योंकि इसका धुवां शरीर में ऑक्सीजन जला देता है।
  9. इन चीजों से बनाएं दूरी- इसमें गैस स्टोव, मोमबत्तियाँ, रोशनी वाले फायरप्लेस और इलेक्ट्रिक हीटर शामिल हैं। इसके अलावा सफाई करने वाले तरल पदार्थ, पेंट, थिनर और एरोसोल स्प्रे जैसे ज्वलनशील उत्पादों का उपयोग न करें। क्योंकि ऐसी चीजों को पास रखने से सांस लेने की समस्या हो सकती है।

प्रत्येक अंग को काम करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। अगर आपके शरीर का ऑक्सीजन स्तर बहुत कम है, तो आपके अंग कम करना बंद कर सकते हैं। आप स्पष्ट रूप से सोचने में सक्षम नहीं होंगे। आपका दिल भी पंप नहीं कर पाएगा। आपकी किडनी आपके रक्त को प्रभावी ढंग से फ़िल्टर और साफ करने में सक्षम नहीं होगी। ऑक्सीजन का स्तर और इसकी जरूरत समझना बेहद जरूरी है। ऐसे में आपको जरा सी भी सांस लेने में तकलीफ हो या आपको लगे की आपके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है तो आप तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श लें।

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