Mistakes Made Keto Diet: आज के समय में लोग खुद को चुस्त व तंदरूस्त रखने के लिए तरह-तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। जब आप अपने खान-पान का अतिरिक्त ख्याल रखते हैं तो इससे आपको अपने हेल्थ गोल्स को पूरा करने में मदद मिलती है। ऐसी कई डाइट्स हैं, जो इस समय पूरी दुनिया में काफी ट्रेन्ड में हैं। इन्हीं में से एक है कीटो डाइट। यह एक हाई फैट लो कार्ब डाइट है, जिसे वेट लॉस के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इस डाइट से आपकी बॉडी कीटोसिस में चली जाती है, जिससे वजन कम होना शुरू होता है।
कीटो डाइट को सिर्फ वेट लॉस के लिए ही नहीं, बल्कि मेटाबॉलिक हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। इस डाइट को फॉलो करने से लंबे समय में इंसुलिन सेंसेटिविटी में भी सुधार होता है। हालांकि, अक्सर यह देखने में आता है कि जब लोग कीटो डाइट को फॉलो करते हैं तो उस दौरान कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं होता है या फिर मनचाहे रिजल्ट नहीं मिल पाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कीटो डाइट को फॉलो करते समय की जाने वाली कुछ छोटी-छोटी गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए-
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कार्बोहाइड्रेट इनटेक का ख्याल ना रखना

कीटो डाइट एक लो कार्ब डाइट है। इसमें आपको अपना कार्ब इनटेक बहुत कम लेना होता है, आमतौर पर प्रतिदिन लगभग 20-50 ग्राम कार्ब्स इनटेक पर्याप्त रहता है। लेकिन अक्सर लोग अपने कार्ब्स इनटेक पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उनकी बॉडी कीटोसिस में नहीं जा पाती है या फिर वह कीटोसिस में नहीं रुक पाती है। कीटोसिस वह स्थिति है, जहां बॉडी एनर्जी के लिए फैट को बर्न करती है। हो सकता है कि आप अपनी डाइट में सॉस या ड्रेसिंग आदि को शामिल करें, जिससे आप कार्ब्स इनटेक बढ़ जाता है। इसलिए, अगर आप कीटो डाइट फॉलो कर रहे हैं तो ऐसे में आपको अपने कार्ब्स इनटेक को जरूर ट्रैक करना चाहिए।
फैट का पर्याप्त सेवन ना करना
अमूमन लोग कीटो डाइट फॉलो करते हुए पर्याप्त फैट का सेवन नहीं करते हैं। वे अपने कार्ब्स को तो कम करते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ वे फैट भी कम लेने लग जाते हैं, जिससे आपका आहार असंतुलित हो जाता है। इससे आपको फायदे की जगह नुकसान ही उठाना पड़ता है। आपको यह ध्यान देना चाहिए कि कीटो डाइट में एनर्जी का प्राइमरी सोर्स फैट है। इसलिए, जब आप शरीर की आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त फैट नहीं लेते हैं तो ऐसे में आपको थकान, ऊर्जा की कमी और कार्ब्स के लिए क्रेविंग बहुत अधिक बढ़ सकती है।
प्रोटीन पर बहुत अधिक फोकस करना

कीटो डाइट लेते हुए प्रोटीन को मध्यम मात्रा में लिया जाता है। लेकिन कुछ लोगों की यह मान्यता होती है कि चूंकि उनकी डाइट में कार्ब्स प्रतिबंधित हैं, इसलिए प्रोटीन बढ़ाने से उन्हें एनर्जी मिलेगी। हालांकि, बहुत अधिक प्रोटीन लेने से ग्लूकोनेजेनेसिस के माध्यम से ग्लूकोज में परिवर्तित हो सकता है। ऐसा करने से शरीर कीटोसिस से बाहर निकल सकता है, जिससे फैट बर्न करने में समस्या पैदा हो सकता है और आपके लिए वजन कम करना काफी मुश्किल टास्क हो सकता है।
डाइट में वैरायटी ना लाना
कई बार यह देखने में आता है कि लोग कीटो डाइट फॉलो तो करते हैं, लेकिन कुछ ही वक्त में वे उसे छोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अपनी डाइट में वैरायटी नहीं लेकर आते हैं। हो सकता है कि आप खुद को केवल कीटो फ्रेंडली ऑप्शन जैसे चीज़, बेकन और अंडे जैसे कुछ फूड आइटम्स तक ही सीमित कर दें। इससे आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी, और नॉन-कीटो फूड आइटम्स की क्रेविंग्स हो सकती है। इसलिए, अगर आप कीटो डाइट को लंबे समय तक फॉलो करना चाहते हैं तो ऐसे में आप अपने खाने में वैरायटी लेकर आएं और चीज़, बेकन व अंडे के अलावा मीट, मछली, मेवे, बीज, कम कार्ब वाली सब्जियां और हेल्दी फैट्स को जरूर शामिल करें।
बहुत अधिक जल्दबाजी करना

कई बार लोग कीटो डाइट फॉलो करते हैं और कुछ ही वक्त में परिणाम की उम्मीद करते है। लेकिन जब उनका वजन तुरंत कम नहीं होता है या फिर अपने शरीर व एनर्जी लेवल में बदलाव महसूस नहीं होता है तो इससे वे निराश हो जाते हैं और इसे छोड़ देते हैं। अगर आप भी वेट लॉस के लिए कीटो डाइट को फॉलो कर रहे हैं तो आपको यह समझना चाहिए कि शरीर को एनर्जी के लिए फैट बर्न करने के लिए पूरी तरह से अनुकूल होने में कई सप्ताह लग सकते हैं। इसलिए, आपको धैर्य रखना चाहिए। हो सकता है कि शुरुआत में आपको शरीर में थकान या कम एनर्जी का अहसास हो, लेकिन तब भी आपको निराश नहीं होना चाहिए और डाइट को फॉलो करते रहना चाहिए।
पर्याप्त पानी न पीना
यह कीटो डाइट फॉलो करते समय की जाने वाली एक आम गलती है। जब आप कीटो डाइट फॉलो करते हैं तो उस दौरान ग्लाइकोजन स्टोरेज कम होने के कारण पानी की कमी बढ़ जाती है। लेकिन बहुत से लोग अपने वाटर इनटेक पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उन्हें हेल्थ प्रोब्लम हो सकती है। शरीर में पानी की कमी से थकान, चक्कर आना और “कीटो फ्लू“ के लक्षण बढ़ सकते हैं। इससे आपके लिए अपने काम में मन लगाना या फिर कीटो डाइट पर बने रहना काफी मुश्किल हो सकता है।
