Prevent Heart Attack: आज कल के युवा अपने शरीर को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। वे नियमित जिम जाते हैं और महंगी डाइट लेते हैं, बावजूद इसके वे स्ट्रेस और एंग्जायटी के शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण उनकी नींद पूरी न होना है। नींद उन सभी पोषक तत्वों के समान है जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है। यदि हम पर्याप्त नींद न लें तो इससे शरीर में ऐसे रसायनों का स्राव होने लगता है जो हाई ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज, हाइपरटेंशन इत्यादि का कारण बनता है। परिणामस्वरूप इन सभी बीमारियों के कारण हार्ट अटैक की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
1. पर्याप्त नींद लें

नींद पूरी न होने पर हृदय रोग होने की संभावना रहती है। काम करने या ज्यादा सामाजिक मेलजोल बढ़ाने के लिए नींद से परहेज करना आपको कूल नहीं बनाता है। कई अध्ययनों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं ने नींद की कमी को दिल में इंफ्लेमेशन बढ़ने से जोड़ा है। आप दुनिया की सबसे बेहतरीन डाइट और एक्सरसाइज रूटीन से फायदा पा सकते हैं, लेकिन अगर आप हर समय नींद से वंचित रहते हैं, तो आपका शरीर किसी न किसी समय आपको निराश कर देगा।
जल्दी सोने का मतलब यह नहीं है कि आप मजेदार जीवन जीना बंद कर दें। आपको इसे बेहतर तरीके से प्लान करने की जरूरत है। आप यह मान सकते हैं कि आप हर समय व्यस्त रहते हैं, लेकिन अगर आप बैठकर अपने दिन को बेहतर तरीके से व्यवस्थित करें, तो आपको कम से कम तीन से चार घंटे का अतिरिक्त समय मिल जाएगा। हमें भागदौड़ और काम को महिमामंडित करना बंद कर देना चाहिए और अपने शरीर को वह आराम देना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।
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2. तनाव को नियंत्रित करें
कॉर्डियोलॉजिस्ट और कॉर्डियोवैस्कुलर एक्सपर्ट आपको बताएंगे कि कैसे क्रॉनिक स्ट्रेस दिल के दौरे का सबसे बड़ा कारण है। इससे पहले कि आप कहें कि हर किसी को तनाव होता है, जो सच है। यह समझें कि आप अपने तनाव से कैसे संबंधित हैं और इससे कैसे निपटते हैं, यह महत्वपूर्ण है। अपने तनावों का आकलन करें।
खुद से पूछें: आप तनावपूर्ण स्थितियों को किस तरह नियंत्रित करते हैं? क्या आप पर्याप्त आराम करते हैं? अगर आपको नहीं लगता, तो खुद से पूछें कि आप कितने लालची हो गए हैं कि आपने अपने कामों में इतना समय लगा लिया है कि आपको आराम करने का समय ही नहीं मिल पाता। क्रॉनिक स्ट्रेस और इसे संभालने में आपकी असमर्थता आपको होमियोस्टेसिस से बाहर कर देती है। इससे आपके ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और पल्स रेट में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आप इसे स्लो डाउन करने के तरीके खोजें। आपका तनाव जितना ज्यादा होगा, कोर्टिसोल के स्तर में उतनी ही तेजी आएगी। आपके शरीर में जितना ज्यादा कोर्टिसोल होगा, उतनी ही ज्यादा इंफ्लेमेशन होगी और इस तरह दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाएगा।
जीवनशैली में बदलाव
वेजिटेबल ऑयल ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। ओमेगा-6 की अधिकता शरीर में इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ा सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। जैतून का तेल दिल के लिए बहुत अच्छा और सेहतमंद तेल है। लेकिन इसे सलाद, हम्मस, ब्रेड वगैरह पर छिड़कने के लिए सबसे अच्छा है।
प्रोसेस्ड फूड न खाएं
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स लो ग्रेड रिफाइंड ऑयल से बनाए जाते हैं जिसका बार-बार दोबारा इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर में इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव डैमेज बढ़ सकता है। जबकि हर कोई कभी-कभार बाहर खाना पसंद करता है, लेकिन इसका अधिक सेवन आपके शरीर और दिल पर अस्वास्थ्यकर प्रभाव डाल सकता है।
सुस्त लाइफस्टाइल से बचें
भले ही आप पूरी तरह से कसरत न भी करें, लेकिन फिर भी बस सक्रिय रहें। टहलना और योग सबसे प्रभावी व्यायाम हैं। डांस, एरोबिक्स, जुम्बा, स्वीमिंग करने से भी आप एक्टिव रह सकते हैं।
धूम्रपान से दूर रहें
आपके द्वारा लिया गया हर कश दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को न केवल आपके लिए बल्कि पैसिव स्मोक में सांस लेने वालों के लिए भी 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
