Tea during Pregnancy
Tea during Pregnancy

Tea during Pregnancy: भारत में बहुत से लोगों की सुबह की शुरुआत चाय के साथ होती है। जब तक सुबह की चाय न मिल जाए, तब तक दिन अधूरा सा लगता है। ऐसी ही स्थिति गर्भवती महिलाओं के साथ भी देखी जाती है। गर्भावस्था के दौरान भी कई बार महिलाओं को चाय पीने की इच्छा होती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या गर्भावस्था में चाय पीना सुरक्षित है? दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर बहुत नाजुक होता है। इस समय शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनका सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। रिसर्च के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सीमित मात्रा में ही चाय का सेवन करना चाहिए या इसे पीने से परहेज ही करना चाहिए। इसके अत्यधिक सेवन से कई नुकसान हो सकते हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं उन साइड इफेक्ट के बारे में।

Tea during Pregnancy
Risks of Tea During Pregnancy

चाय में कैफीन नमक उत्तेजक तत्व होता है। इसके अत्यधिक सेवन से गर्भावस्था के दौरान गर्भपात और समय से पहले प्रसव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी में चाय ना पीने की ज्यादा सलाह दी जाती है।

कई रिपोर्ट के अनुसार, प्रेगनेंसी के दौरान चाय पीने से सीने में जलन और मतली जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जिससे पेट में पल रहे नवजात शिशु का वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है, इसलिए प्रेगनेंसी में डॉक्टर महिलाओं को कम चाय पीने की सलाह देते हैं।

चाय में टैनिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में आयरन को अवशोषित करने में बाधा डालता है। गर्भावस्था के दौरान आयरन की जरूरत काफी बढ़ जाती है, क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। यदि चाय के कारण आयरन नहीं अवशोषित हो पाता, तो महिला को अनीमिया हो सकता है, जिससे कमजोरी, थकान और चक्कर आने की शिकायत बढ़ सकती है।

चाय हल्की डाइयूरेटिक होती है, यानी इसे पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है। इससे शरीर से पानी जल्दी निकल जाता है और डिहाइड्रेशन हो सकता है। गर्भावस्था में शरीर को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है ताकि रक्त संचार सुचारु रूप से हो और भ्रूण को पोषण मिलता रहे। डिहाइड्रेशन से सिर दर्द, थकान और चक्कर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

गर्भावस्था में पाचन तंत्र थोड़ा कमजोर हो जाता है और अगर इस समय चाय, खासकर खाली पेट पी जाए, तो इससे एसिडिटी, गैस और बदहजमी की परेशानी हो सकती है। कुछ महिलाओं को इससे सीने में जलन और पेट में भारीपन महसूस होता है, जिससे दिनभर असहजता बनी रहती है।

Lack of sleeping

चाय में मौजूद कैफीन के कारण नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। कई बार चाय का सेवन नींद न आने का कारण भी बन सकता है। नींद न आने या नींद सही तरीके से न आने की वजह से थकावट, चिड़चिड़ापन और मोटापा जैसी समस्या हो सकती है।

प्रेगनेंसी के दौरान अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से घबराहट, तनाव, चिंता और बेचैनी का कारण बन सकता है। इसलिए जितना हो सके प्रेग्नेंसी में चाय नहीं ही पीना चाहिए।

स्वाति कुमारी एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो वर्तमान में गृहलक्ष्मी में फ्रीलांसर के रूप में काम कर रही हैं। चार वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली स्वाति को खासतौर पर लाइफस्टाइल विषयों पर लेखन में दक्षता हासिल है। खाली समय...