pregnancy spices to avoid that cause miscarriage
pregnancy spices to avoid that cause miscarriage Credit: Istock

Increase Platelets during Pregnancy: प्रेग्‍नेंसी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के जीवन में विभिन्‍न प्रकार के परिवर्तन आते हैं। ये परिवर्तन भावनात्‍मक, शारीरिक और मानसिक हो सकते हैं। कई बार हार्मोनल परिवर्तन के परिणामस्‍वरूप शरीर में प्‍लेटलेट्स की कमी हो जाती है। प्रेग्‍नेंसी में प्‍लेटलेट्स का घटना सामान्‍य माना जाता है लेकिन ये समस्‍या बच्‍चे के विकास को बाधित कर सकती है। एक स्‍वस्‍थ्‍य शरीर में प्‍लेटलेट्स का आंकड़ा 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर ब्‍लड के बीच होता है। यदि ये 150,000 से कम हो जाता है तो लो प्‍लेटलेट्स की समस्‍या हो जाती है। प्रेग्‍नेंसी में दवाओं का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में घरेलू नुस्‍खों को अपनाकर प्‍लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है। प्रेग्‍नेंसी में  प्‍लेटलेट्स क्‍यों कम होती हैं और इसे कैसे सामान्‍य किया जा सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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प्रेग्‍नेंसी में क्‍यों कम हो जाते हैं प्‍लेटलेट्स

Increase Platelets during Pregnancy
Why do platelets decrease during pregnancy?

फैटी लिवर: फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्‍लड में माइक्रोलीटर तेजी से कम हो सकता है। यदि प्‍लेटलेट्स काउंट 20,000 से नीचे है तो समस्‍या गंभीर हो सकती है।

इम्‍यून थ्रोम्‍बोसाइटोपेनिक पुरपुरा: इम्‍यून थ्रोम्‍बोसाइटोपेनिक पुरपुरा यानी आईटीपी एक ऑटोइम्‍यूनिटी डिसऑर्डर है। ये समस्‍या प्रेग्‍नेंसी में प्‍लेटलेट्स कम होने के सबसे आम कारणों में से एक है।

हाई बीपी: प्रेग्‍नेंसी के दौरान कम प्‍लेटलेट्स एचईएलपी, प्रीक्‍लेम्‍पसिया जैसे डिसऑर्डर के कारण हो सकता है। इसमें अधिक तनाव की स्थिति महिला के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

प्रेग्‍नेंसी में लो प्‍लेटलेट्स के लक्षण

– थकावट

– यूरिन और स्‍टूल में ब्‍लड

– बार-बार चोट लगना और देर में ठीक होना

– त्‍वचा में छोटे लाल धब्‍बे

– त्‍वचा में भूरे और लाल रंग के घाव

– ब्रश और फ्लॉसिंग के कारण मसूड़ों में ब्लड आना

– नाक से ब्‍लड आना

– चक्‍कर

– कमजोरी

प्‍लेटलेट्स कम होने से हो सकती हैं ये समस्‍याएं

प्‍लेटलेट्स को ऐसे बढ़ाएं
These problems can occur due to low platelets

– प्‍लेटलेट्स कम होने से मां और बच्‍चे दोनों को समस्‍याएं आ सकती हैं।

– महिला को प्रीमेच्‍योर डिलीवरी का सामना करना पड़ सकता है।

– डिलीवरी के दौरान ओवर ब्‍लीडिंग की समस्‍या हो सकती है।

– बच्‍चे की ग्रोथ में बाधा आ सकती है।

– महिला को यूरिन सिंड्रोम का सामना करना पड़ सकता है

– ब्‍लड क्‍लॉट हो सकता है जिससे मल्‍टीपल ऑर्गेन डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।

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 इन घरेलू नुस्‍खों से बढ़ सकती हैं प्‍लेटलेट्स

प्रेग्‍नेंसी में कम दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में विशिष्‍ट खाद्घ पदार्थ का सेवन करने से प्‍लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हालांकि बिना डॉक्‍टर की सलाह के किसी भी डाइट और नुस्‍खों को फॉलो न करें।

– नियमित रूप से सब्जियों और फल जैसे गाजर, टमाटर, चुकंदर और जामुन का सेवन करें।

– हरी पत्‍तेदार सब्जियों जैसे पालक, मैथी और केल का सेवन कर सकते हैं।

– प्रेग्‍नेंसी में दाल, अंडे, बीफ और अनाज का भरपूर मात्रा में सेवन करें।

– प्रेग्‍नेंसी में अपनी डाइट में अखरोट, डार्क चॉकलेट और डेयरी प्रोडक्‍ट शामिल करें।

– ओमेगा 3 फैटी एसिडयुक्‍त चीजें जैसे अलसी, मछली और मशरूम का सेवन करें।