Baby Blues After Pregnancy: बेबी ब्लूज शब्द शायद बहुत से लोगों को नया लगे, लेकिन बहुत सी महिलाएं इसे एक्सपीरियंस करती हैं। इस दौरान आप शायद अधिक उदास, तनाव या मूड स्विंग्स को एक्सपीरियंस करें। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसका सामना न्यू मॉम करती हैं। हालांकि, यह स्थिति केवल कुछ वक्त के लिए ही होती है, लेकिन फिर भी इस दौरान महिला को यह समझ ही नहीं आता है कि उसके साथ क्या हो रहा है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बेबी ब्लूज के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं-
बेबी ब्लूज क्या हैं?
बेबी ब्लूज एक ऐसी स्थिति है, जिसे प्रसव के बाद अधिकतर महिलाएं एक्सपीरियंस करती हैं। यहां तक कि लगभग 80 प्रतिशत माताओं के सामने यह स्थिति आती है। बेबी ब्लूज होने पर महिला को एंग्जाइटी, स्ट्रेस या फिर मूड स्विंग्स आदि समस्या का सामना करना पड़ता है। बेबी ब्लूज के लक्षण बच्चे के जन्म के कुछ दिनों के भीतर ही नजर आ सकते हैं। बेबी ब्लूज केवल कुछ वक्त के लिए ही होते हैं और इसके लिए आपको अलग से दवाई लेने की जरूरत नहीं है।
बेबी ब्लूज के लक्षण क्या हैं?

बेबी ब्लूज के लक्षण बच्चे के जन्म के 2 से 3 दिन बाद ही शुरू हो सकते हैं और यह दस से पन्द्रह दिनों के भीतर खुद ब खुद ही चले जाते हैं। बेबी ब्लूज होने पर आपको कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। मसलन-
- मामूली ट्रिगर्स पर रोना या फिर बिना किसी वजह के रोना
- लगातार मूड स्विंग्स होना या बहुत अधिक चिड़चिड़ा महसूस करना
- बच्चे के जन्म के बाद भी उसे अटैचमेंट महसूस ना करना
- अपने बच्चे ही हेल्थ और सुरक्षा को लेकर बहुत अधिक चिंतित महसूस करना
- बेचैनी महसूस करना या ठीक ढंग से नींद ना आना
- किसी भी आसान फैसले को लेने में परेशानी होना
बेबी ब्लूज और पोस्टपार्टम डिप्रेशन में होता है अंतर

कई बार महिलाएं बेबी ब्लूज और पोस्टपार्टम डिप्रेशन को एक ही समझ लेती हैं। यकीनन इन दोनों के लक्षण एकसमान ही होते हैं, लेकिन फिर भी इनमें अंतर होता है। बेबी ब्लूज केवल कुछ ही वक्त होता है और समय के साथ यह खुद ठीक हो जाता है। जबकि पोस्टपार्टम डिप्रेशन लंबे वक्त तक हो सकता है। इतना ही नहीं, इसे मैनेज करने के लिए आपको प्रोफेशनल्स की जरूरत हो सकती हैं। बेबी ब्लूज और पोस्टपार्टम डिप्रेशन दोनों के लिए ही कहीं ना कहीं महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव जिम्मेदार होते हैं। लेकिन फिर भी बेबी ब्लूज से आप कुछ ही वक्त में निजात पाने में सक्षम हो जाती हैं।
बेबी ब्लूज के कारण

बेबी ब्लूज के सटीक कारणों के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन फिर भी ऐसी कई वजहें होती हैं जो बेबी ब्लूज का कारण बन सकती हैं। मसलन-
- जन्म के बाद होने वाले हार्मोन परिवर्तन से महिला को बेबी ब्लूज हो सकते हैं। डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा अचानक कम हो जाती है, जिससे मूड स्विंग होता है।
- कई बार थायरॉयड ग्रंथि द्वारा बनाए गए हार्मोन भी तेजी से गिर सकते हैं, जिससे महिला बहुत अधिक थका हुआ और उदास महसूस कर सकती हैं। साथ ही साथ, पर्याप्त नींद न लेना और ठीक से खाना न खाना आपकी इन फीलिंग्स को बढ़ा सकता है।
- कई बार इमोशनल इश्यूज के कारण भी बेबी ब्लूज हो सकते हैं। मसलन, आप अपने न्यूबॉर्न की देखभाल करने को लेकर घबरा सकती हैं या इस बात को लेकर चिंतित हो सकती हैं कि बच्चे के जन्म के बाद से आपका जीवन कैसे बदल गया है। ये विचार आपको उदास महसूस करवा सकते हैं।
- जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के कारण उदासी या तनाव आदि महसूस होता है तो संभावना है कि आपको बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या अधिक हो।
बेबी ब्लूज को कैसे हैंडल करें-
बेबी ब्लूज की समस्या भले ही बेहद कॉमन हो, लेकिन इसके साथ एक अच्छी बात यह है कि यह आमतौर पर बिना इलाज के अपने आप चले जाते हैं। लेकिन फिर भी जब आप इसे एक्सपीरियंस करती हैं तो ऐसे में अपने तनाव, उदासी व मूड स्विंग्स आदि को हैंडल करने के लिए कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर सकती हैं-
- जितना हो सके उतनी अच्छी नींद लें। अच्छी और गहरी नींद आपको फिजिकली और मेंटली रिलैक्स होने में मदद करेगी।
- अगर आप खुद को अकेला या परेशान महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में अपने पार्टनर, परिवार और दोस्तों से मदद मांगें। उन्हें बताएं कि आप कैसा फील कर रहे हैं और वास्तव में क्या चाहते हैं। इस तरह किसी से बात करके आप खुद को अच्छा फील करवा सकती हैं।
- अपने लिए समय निकालें और कुछ देर घर से बाहर निकलें। आप अपने बच्चे की जिम्मेदारी अपने पार्टनर या परिवार के अन्य सदस्य को सौंप सकती हैं। बाहर निकलकर कुछ धूप लेने से भी आपको मदद मिल सकती है।
- शराब का सेवन बिल्कुल भी न करें और ना ही खुद से किसी दवा का सेवन करें। दवाइयों का ओवरडोज भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ये सभी आपके मूड को प्रभावित कर सकती हैं।
- हेल्दी फूड खाएं और अगर हो सके तो हल्का व्यायाम करें। एक्सरसाइज करने के आपको तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।