Kanji Vada Benefits
Kanji Vada Benefits

Kanji Vada Benefits: एंटीऑक्सीडेंट से भरा हुआ, कांजी वड़ा घर में बनाया जाने वाला प्रोबायोटिक पेय है, जो डाइजेशन और इम्यूनिटी को दुरुस्त रखने में मदद करता है। पोषण विशेषज्ञ कविता देवगन से जानते हैं इसके फायदों के बारें में।

मौसम खुशनुमा हो गया है। सुबह और रात के वक्त हल्की-हल्की ठंड लगने लगी है। सर्दियां अपने साथ बहुत से जायकों की महक भी लाती है। उन्हीं जायकों में कांजी वड़ा भी एक प्रमुख जायका है। जिसे हम बरसों से पीते आ रहे हैं। यह कांजी वड़ा स्वाद में तो अच्छा होता ही है, पोषण के मामले में भी यह बेमिसाल है। यह काली गाजर से बनने वाला एक पेय है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। अगर किसी का हाजमा दुरुस्त न हो तो उसे रोज एक गिलास कांजी वड़ा पीना चाहिए।
यह एक फर्मेर्न्टेड ड्रिंक है। यह गुड वर्सेज बैड बैक्टीरिया को संतुलन में लाती है। यह आंतों में अच्छे बग्स (कीड़ों) को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे खाना अच्छी तरह पचता है। वैसे भी पुराने जमाने से ही यह बात मानी जाती है कि अगर आपका पेट सही है तो सभी कुछ सही है। अगर आपका पेट सही रहता है तो आपको एंजाइटी और स्ट्रेस भी नहीं होता। आपका मैटाबॉलिक रेट भी अच्छा बना रहता है। आप जो भी खाते हैं वो आपके शरीर पर लगता है।

एक जादू है यह

इस ड्रिंक को लेने से एक फायदा यह भी होता है कि विटामिन ‘बी’ और ‘के’ ग्रुप के माइक्रोन्यूट्रिएंट सही तरह से अवशोषित हो पाते हैं। इससे हमारे डाइजेस्टिव एंजाइम भी बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं। हमारे शरीर को इन एंजाइम्स की बहुत जरूरत है क्योंकि प्रदूषण, तनाव और हमारे खाने-पीने की गलत आदतें इन्हें खत्म कर देती हैं, इसलिए कह सकते हैं कि काली गाजर से बना यह प्रोबायोटिक ड्रिंक हमारे शरीर के लिए एक जादू का काम करता है।

पोषण का है खजाना

Kanji Vada Benefits
Nutrition is plentiful in Kanji Vada

कांजी वड़ा में पोषण भरपूर मात्रा में है। दूसरा यह काली गाजर कुछ असाधारण पोषण लाभ प्रदान करता है। इसमें एंथोसायनिन है, जो कि एंटी-कार्सिनोजेनिक हैं। यह आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं।

फर्मेंटेशन की वजह से बनता है खास

यह ड्रिंक खमीर की वजह से बनता है। यही वजह है कि उस गाजर में जो विटामिन और एंजाइम होते हैं यह उनके गुणों को बढ़ाता है। इसमें फाइबर, बीटा कैरोटीन, विटामिन के, विटामिन बी- 8, पोटेशियम, मैंगनीज और कई एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।

खराब कोलेस्ट्रॉल पर करता है काम

एक और अच्छी बात यह है कि इसमें राई के तौर पर गुड फैट्स भी शामिल हैं। रिसर्च में यह साबित हुआ है कि तिल से भरपूर आहार का सेवन करने से वजन कंट्रोल में रहता है। तिल कैल्शियम और जिंक से भरपूर है। यह हमारे खराब कोलेस्ट्रॉल पर काम करता है।

सर्दियों में कैसे पिएं कांजी

सर्दियों का मौसम काली गाजर, गाजर, मूली, चुकंदर आदि का रहता है ऐसे में आपको इनका सेवन खूब करना चाहिए। ये हमारे शरीर में पानी और रक्त दोनों की ही कमी को पूरा करते हैं। यदि ठंडी कांजी पीने में आपको दिक्कत है तो गर्म पानी के बर्तन में कांजी वाला बर्तन रखें और उसके बाद उसे पीएं।

आइए जानते हैं रेसिपी

इतना सब पढ़कर आप जान ही गए होंगे कि आखिर कांजी वड़ा का सेवन बरसों से क्यों किया जा रहा है। अगर आपको कांजी वड़ा बनाना नहीं आता तो कोई बात नहीं। आप इसकी रेसिपी यहां जान सकते हैं।
सामग्री : 500 ग्राम काली गाजर, 3 लीटर पानी, ½ छोटा चम्मच लाल मिर्च, 1 बड़ा चम्मच काला नमक, 4 बड़े चम्मच राई का पाउडर।
विधि : एक मटका लें। उसमें 500 ग्राम काली गाजरों को 3 इंच के लंबे टुकड़े में काटकर मटके में डाल लीजिए। इस मटके में तीन लीटर पानी डालें। ½ छोटा चम्मच लाल मिर्च, 1 बड़ा चम्मच काला नमक और 4 बड़े चम्मच राई (सरसों) का पाउडर डाल दें। इन्हें अच्छे से मिक्स करें। इस मटके को एक पतले मलमल के कपड़े से ढककर रख दें। इसे तीन-चार दिन ऐसी जगह रखें जहां धूप आती हो। इसे चार दिन बाद खोलकर देख लें। गर यह स्वाद में खट्‌टा है तो यह तैयार है। इस घोल को छानकर उसमें काला नमक मिला लें। इसे आप कांच की बोतल में भरकर रख सकती हैं। ठ्ठ

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