how to cook potatoes for diabetics
how to cook potatoes for diabetics

Overview:

एमडी और पोषण विशेषज्ञ डॉ. आर्यना अमिनी ने पिछले दिनों डायबिटीज के मरीजों को पांच ऐेसे तरीके बताए हैं, जिन्हें अपनाने से बिना ब्लड शुगर बढ़ाए आप आलू खा सकते हैं।

Potatoes for Diabetics: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डाइट का खास ध्यान रखना होता है। उनकी बिगड़ी हुई डाइट ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती है। खासतौर पर हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड खतरनाक हो सकते हैं। इन्हीं में शामिल है आलू। हर भारतीय के लिए आलू से दूर बनाना एक मुश्किल है। अगर आप भी इसमें परेशानी महसूस करते हैं तो आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप डायबिटीज में सेफ तरीके से आलू खा सकते हैं।

आलू खाकर भी नहीं बढ़ेगी ब्लड शुगर

All carbohydrate-containing foods can increase your glucose levels.
Sweet Potato

एमडी और पोषण विशेषज्ञ डॉ. आर्यना अमिनी ने पिछले दिनों डायबिटीज के मरीजों को पांच ऐेसे तरीके बताए हैं, जिन्हें अपनाने से बिना ब्लड शुगर बढ़ाए आप आलू खा सकते हैं। अपने पोस्ट में डॉ. अमिनी ने बताया कि सभी कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ आपके ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा सकते हैं। हालांकि कुछ तरीके अपनाकर आप आलू के प्रभाव और ग्लाइसेमिक स्पाइक्स दोनों को कम कर सकते हैं। खासतौर पर आलू खाने के शौकीन लोगों के लिए यह टिप्स बहुत काम की हो सकती हैं।

1. चुनें सही किस्म के आलू

डॉ.अमिनी ने बताया कि अगर आप डायबिटीज में भी आलू खाना पसंद करते हैं तो आपको कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आलू का ही सेवन करना चाहिए। रसेट, इडाहो, फिंगरलिंग किस्मों के आलू में स्टार्च कम होता है। फिंगरलिंग आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से 60 के बीच और रसेट आलुओं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 80 से 110 होता है।

2. तैयार करने का तरीका

सही आलू चुनने के बाद उसे खाने के लिए तैयार करना भी जरूरी है। डॉ.अमिनी ने बताया कि आलू को खाने के लिए तैयार करना काफी महत्वपूर्ण है। आलू उबालने से उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी हद कम हो सकता है। उबले हुए आलुओं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स करीब 80 होता है। वहीं बेक किए गए आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स करीब 110 तक होता है। ऐसे में आलू उबालना काफी फायदेमंद हो सकता है।

3. आलू को ठंडा करना न भूलें

आलू उबालने के बाद उसे ठंडा करना भी जरूरी है। डॉ.अमिनी का कहना है कि इससे शुगर स्पाइक कम हो सकता है। क्योंकि जब आप सफेद स्टार्च को रेफ्रिजरेट करते हैं, तो कुछ प्रतिरोधी स्टार्च फिर से बन सकते हैं। ऐसे में इसे पचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे ग्लूकोज का स्तर कम होता है। साथ ही कम कैलोरी व चीनी अवशोषित होती है। इसके बाद आप आलू को फिर से गर्म कर सकते हैं। डॉ. अमिनी के अनुसार उबालकर ठंडे किए गए आलू का ग्लाइसेमिक स्पाइक करीब 25 से 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

4. आलू का सही मेल करें

आलू के साथ आप क्या खा रहे हैं, यह भी काफी मायने रखता है। जब भी आप आलू खाएं तब उसके साथ पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फैट्स जोड़ें। ऐसा करने से इसका ग्लाइसेमिक प्रभाव कम किया जा सकता है। पनीर एक बेहतरीन विकल्प है। इससे ग्लूकोज स्पाइक कम होने में मदद मिलती है।

5. सिरका आएगा काम

अपनी पोस्ट में डॉ. अमिनी ने बताया कि आलू में एसिटिक एसिड से भरपूर सिरका मिलाना फायदेमंद हो सकता है। इससे ग्लूकोज और इंसुलिन स्पाइक्स को कम किया जा सकता है। रेफ्रिजरेशन हैक के साथ, ठंडे उबले आलुओं में थोड़ी मात्रा में सिरका मिलाएं। जरूरत के अनुसार करीब 15 से 20 मिली सिरका पर्याप्त होगा, इससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स को करीब 43 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल सकती है।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...