दिल को सेहतमंद रखने के लिए इन लक्षणों की न करें अनदेखी: Heart Diseases Symptoms
Heart Diseases Symptoms

Heart Diseases Symptoms: आज पूरी दुनिया में सडन डैथ या अकाल मृत्यु का सबसे बड़ा कारण दिल से जुड़ी बीमारियां हैं। सच तो यह है कि हार्ट अटैक जैसी दिल की कोई भी समस्या अचानक नहीं आती, बल्कि हार्ट अटैक दिल में चल रही समस्याओं की सबसे आखिरी स्टेज होती है। हार्ट अटैक आने के कई महीने पहले ही शरीर में इससे जुड़े लक्षण नजर आने लगते हैं। जिन्हें किसी दूसरी बीमारी के लक्षण मानकर हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत कार्डियोलाॅजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

हालांकि दिल के सभी रोगों में हार्ट अटैक और कार्डिएक अरैस्ट सबसे ज्यादा काॅमन हैं जिनके लक्षणों में काफी फर्क होता है। रिसर्च बताती है कि कार्डिएट अरेस्ट या हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति को आने से पहले ही रोका जा सकता हैै। जो लोग हार्ट संबंधी समस्याओं के शुरुआती लक्षणों को समझ जाते हैं, उनकी दिल की किसी भी बीमारी से बचने की संभावना 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। ऐसे ही कुछ लक्षण इस प्रकार हैं जो दिल की सेहत बिगड़ने की ओर इशारा करते हैं। वक्त रहते इन पर ध्यान दिया जाए और कार्डियोलाॅजिस्ट से जांच कराई जाए, तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या को आने से पहले ही रोका जा सकता है।

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Heart Diseases Symptoms:चेस्ट में दर्द होना

सीने में दर्द होना हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है। जोकि हार्ट की ट्यूब में ब्लाॅकेज आने या ब्लड सर्कुलेशन में कमी आने से होता है। हालांकि एसिडिटी, स्पांडेलाइटिस, गैस, जलन या मांसपेशियों में दर्द की वजह से भी चेस्ट में दर्द हो सकता है। हार्ट ब्लाॅकेज की वजह से होने वाले दर्द में चेस्ट में तेज चुभन होना, चेस्ट में भारीपन और जकड़न महसूस होना, नसों में सिकुड़न जैसा महसूस होता है। हार्ट ब्लाॅकेज का यह दर्द बढ़कर बाएं कंधे, गर्दन, पीठ और जबड़े तक भी पहुंच सकता है। ब्लाॅकेज ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठे या आराम करते हुए यह दर्द महसूस नहीं होता। चलने-फिरने, दौड़ने, फिजीकल वर्क आउट के बाद या स्ट्रैस में होने की वजह से होता है।

सांस लेने में तकलीफ होना

दिल का धड़कना और सांस लेना क्रियाएं साथ-साथ चलती हैं। सांस लेने में तकलीफ होना यह संकेत करता है कि दिल में कोई कमजोरी है, हार्ट कों समुचित ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है या हार्ट से लंग्स तक ऑक्सीजनयुक्त ब्लड नहीं पहुंच पा रहा है। यह सही है कि जब व्यक्ति कोई फिजीकल एक्सरसाइज या काम करता है- तो उसे सांस फूल सकती है। लेकिन बैठे-बैठे घबराहट, हल्का-फुल्का काम करने पर सांस लेने में तकलीफ हो, तो यह आगे जाकर हार्ट अटैक आने का भी संकेत हो सकात है। सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ चेस्ट में भी दर्द हो, तो यह दिल से जुड़ी बीमारी से भी हो सकता है।

गर्दन या कंधे में दर्द होना

आमतौर पर यह दर्द गर्दन को एक ही पोजिशन में रखने या गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में अकड़न की वजह से होता है। लेकिन अगर यह दर्द लगातार बना रहे तो यह दिल की सेहत खराब होने का संकेत भी हो सकता है। गर्दन या कंधे का दर्द सर्वाइकल दर्द भी हो सकता है। लेकिन हार्ट समस्या के कारण गर्दन या कंधे में होने वाला दर्द चलने-फिरने या दौड़ते समय ज्यादा महसूस होता है और बैठने या आराम करते समय कम हो सकता है। इसके अलावा हार्ट समस्या में यह दर्द ज्यादातर बाई तरफ ज्यादा होता है।

हाथ-पैरों का ठंडा पड़ जाना

Heart Disease
Heart Disease Causes

दिल की कमजोरी के कारण हाथ-पैर में ज्यादा ठंड लगना या ठंडा पड़ जाना भी आम लक्षण माना जाता है। ऐसा तब होता है जब हमारे दिल की पंप करने की क्षमता कम पड़ जाती है। हमारे हाथ-पैर दिल के नजदीक नहीं होते, इसलिए कमजोर दिल जब धड़कता है, तो अपनी पूरी ताकत दिमाग, फेफड़े, लिवर जैसे शरीर के मुख्य अंगों को ब्लड सप्लाई करने में लगा देता है। हाथ-पैर में ब्लड सकुलेशन ठीक तरह नहीें कर पाता जिससे अक्सर हाथ-पैरों में ज्यादा ठंड लगती रहती है।

पसीना आना

आमतौर जब हम फिजीकल वर्क आउट करते हैं या तेज गर्मी लग रही होती है, तो पसीना आता है। यह हमारे शरीर का खुद को कूल डाउन करने का नेचुरल तरीका है। लेकिन जब किसी व्यक्ति को हर वक्त जरूरत से ज्यादा पसीना आने लगे खासकर तब जब फिजीकल वर्क आउट न कर रहा हो या रात के समय सोेते हुए भी पसीना आ सकता है। तो यह दिल की कमजोरी और आने वाले हार्ट अटैक का इशारा भी हो सकता है। ठंडा पसीना आना इस बात का संकेत देता है कि हार्ट आर्टरीज में किसी तरह की ब्लाॅकेज है और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन रिच ब्लड नहीं मिल पर रहा है।

थकान और कमजोरी

Heart Disease Causes
Weakness Problem

बार-बार या हर वक्त थकान भी कमजोर दिल की तरफ इशारा करता है। रात को देर तक जागने, लगातार दिमाग लगाने वाला काम करने, फिजीकल वर्क आउट या शारीरिक मेहनत के बाद थकान होना लाजिमी है। लेकिन अगर डेली रूटीन के कामों में भी आप थकान महसूस करते हैं- यह भी दिल की खराब सेहत की ओर इशारा करता है। जब दिल ठीक तरह ब्लड पंप नहीं कर पाता या आर्टरीज में किसी तरह की ब्लाॅकेज आ जाती है, तब हमारा हार्ट सर्वाइवल के लिए शरीर के ज्यादा जरूरी अंगों में ही ब्लड सर्कुलेट कर पाता है। इसकी वजह से शरीर की अन्य मांसपेशियों में ऑक्सीजनयुक्त ब्लड की कमी होने लगती है और हम थकान महसूस करने लगते हैं। थोड़ा-बहुत चलने, सीढ़ियां चढ़ने, सामान उठाने जैसे कामों में ही काफी थकावट महसूस होती है। शरीर में लगातार कमजोरी महसूस होने लगती है।

मेंटल कन्फ्यूजन होना

हार्ट के ठीक तरह काम न करने यानी ब्लड पंप ठीक तरह न कर पाने का असर दिमाग पर भी पड़ता है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है और इसका असर हमारी याददाश्त पर भी होता है। अक्सर ऐसी स्थिति का संबंध हार्ट फैल्योर से भी हो सकता है जो व्यक्ति को दिमागी तौर पर प्रभावित करती है। इससे व्यक्ति में डिमेंशिया, एमनीसिया जैसे मानसिक रोग भी हो सकते हैं।

लगातारया बार-बार पेट में दर्द होना

Heart Disease Problem
Stomach Pain

पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना हार्ट संबंधी समस्या की ओर इशारा करते हैं। इससे व्यक्ति को अक्सर भ्रामक कन्फ्यूजन रहती है कि उसका पेट खराब है। लेकिन हार्ट संबंधी समस्या होने पर पेट दर्द की दवाइयां खाने पर भी राहत नहीं मिलती। असल में हमारी ग्रासनली, पेट का ऊपरी हिस्सा और हार्ट एक-दूसरे के काफी नजदीक होते हैं जिससे कई बार व्यक्ति इसी गफलत में रहता है कि यह एसिडिटी या पेट दर्द है। आमतौर पर हार्ट संबंधी समस्या की वजह से यह दर्द बढ़कर शरीर के दाहिनी हिस्से में फैलने लगता है।

घबराहट और चक्कर आना

अक्सर हार्ट अटैक से पहले व्यक्ति को घबराहट, जी मिचलाना, उल्टी महसूस होना जैसी समस्याएं भी होती हैं। आंखों के आगे अंधेरा आना, चक्कर आना जैसी स्थिति भी आती है। ऐसी स्थिति के पीछे मुख्य कारण हार्ट का दिमाग को समुचित ब्लड सप्लाई न करना होता है।

(डाॅ एससी मनचंदा, सीनियर कार्डियोलाॅजिस्ट, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली)