Know About Endometriosis: बॉलीवुड एक्ट्रेस शमिता शेट्टी आजकल खूब चर्चा में हैं। दरअसल, शमिता शेट्टी को क्रॉनिक स्टेज का एंडोमेट्रियोसिस हुआ है जिसकी वजह से उन्होंने सर्जरी करवाई है। एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को होने वाली एक ऐसी समस्या है जो कि पीरियड्स के नॉर्मल फ्लो को ब्लॉक करती है और ये स्थिति बहुत दर्दनाक होती है। चलिए जानते हैं, एंडोमेट्रियोसिस आखिर क्या है, किस वजह से यह बीमारी होती है, किन लोगों को यह बीमारी होती है। साथ ही जानते हैं इसके लक्षण और इलाज के बारे में।
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क्या होता है एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को होने वाली बीमारी है जो एक ऐसी स्थिति है जहां गर्भाशय की परत के समान टिश्यू गर्भाशय की परत के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में डवलप होने लगते हैं। यह टिश्यू शरीर के जिन अंगों में या जिस हिस्से में डवलप होते हैं, उन जगहों में दर्द होने लगता हैं। यहां तक कि कुछ महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भधारण करने में भी समस्या हो सकती है।
मेडिकल की भाषा में समझे तो, एंडोमेट्रियम आपके गर्भाशय की आंतरिक परत है। यह वही टिश्यू हैं जो मासिक धर्म के दौरान ब्लीडिंग के जरिए बाहर निकलते हैं। एंडोमेट्रियम को टिश्यू की परतों के रूप में देखें तो यह आपके गर्भाशय की अंदरूनी परत के साथ बनते हैं, जब महिला को मासिक धर्म होता है तो यह टिश्यू गर्भावस्था की दीवारों से अलग हो जाते हैं और ब्लडिंग के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यदि आप गर्भवती हैं तो यह एंडोमेट्रियम डेवलपमेंट की शुरुआती चरणों में सहायता करते हैं। जब किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस होता है तो एंडोमेट्रियल जैसे एकसमान टिश्यू शरीर के अन्य अंगों में बढ़ने लगते हैं। यह टिश्यू पेट, पेल्विक यहां तक की चेस्ट में भी डेवलप हो सकते हैं। यह टिश्यू हार्मोनल रूप से बेहद संवेदनशील होते हैं और महिला के मासिक धर्म चक्र के दौरान इनमें सूजन हो सकती है। इसके अलावा ये टिश्यू जो शरीर के अंदर अन्य हिस्सों में है यह ओवेरियन सिस्ट, इंटरनल ब्लीडिंग, घाव, गांठें और निशान तक शरीर के अंदर बना सकते हैं।
शरीर के इन हिस्सों में एंडोमेट्रियम टिशूज विकसित हो सकते हैं –
- यूट्रेस के बाहर या यूट्रेस के पीछे
- फैलोपियन ट्यूब
- ओवरसीज
- वैजाइना
- ब्लैडर और यूट्रेस
- इंटेस्टाइन
- रेक्टम
- पेरिटोनियमम (एब्डोमेन और पेल्विस की लाइन होती है)
- डायाफ्राम (यह आपकी चेस्ट के नीचे की एक मांसपेशियां होती है जो सांस लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है)
कितना खतरनाक है एंडोमेट्रियोसिस

यह ऐसी स्थिति है जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को डिस्टर्ब कर सकती है। यह लंबे समय तक दर्द, मासिक चक्र में अनियमितता के साथ ही गंभीर दर्द होना और प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को नियंत्रित कर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
इतना ही नहीं, कुछ शोधों में ये बात भी सामने आई है कि एंडोमेट्रियोसिस ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। शुरुआत में अगर एंडोमेट्रियोसिस की पहचान कर ली जाए तो यह जोखिम कम होता है, लेकिन अगर एंडोमेट्रियोसिस लंबे समय तक रहता है तो दुर्लभ मामलों में कैंसर तक हो सकता है। इसके अलावा एक अन्य दुर्लभ कैंसर जिसे एंडोमेट्रियोसिस-संबंधित एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है, यह भी एंडोमेट्रियोसिस के कारण हो सकता है।
किन लोगों को हो सकता है एंडोमेट्रियोसिस
आमतौर पर यह महिलाओं को होता है। 25 से 40 साल की उम्र के बीच की महिलाओं को यह सबसे ज्यादा होता है। हालांकि किशोरावस्था में जिन महिलाओं को पीरियड शुरू हो गए हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। यहां तक की मेनोपॉज के बाद भी इन लक्षणों से बेशक राहत मिलती है लेकिन ये कभी भी असुविधा और दर्द का कारण बन सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। किसी को यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं तो किसी को हल्के लक्षण हो सकते हैं। दरअसल, एंडोमेट्रियोसिस किस स्टेज पर है, लक्षण इस पर निर्भर करते हैं। लेकिन आमतौर पर कुछ लक्षणों को देखा जा सकता है, जैसे-
- पेल्विक फ्लोर में दर्द होना सबसे आम लक्षण है
- पेनफुल पीरियड्स होना
- मासिक धर्म से एक-दो सप्ताह पहले क्रैंप्स पड़ना
- मासिक धर्म में के दौरान हैवी ब्लीडिंग
- इनफर्टिलिटी
- संभोग के दौरान दर्द होना
- मल त्यागने में असुविधा होना
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, खासतौर पर मासिक धर्म के दौरान
- मासिक धर्म खत्म होने के एक हफ्ते बाद तक भी दर्द रहना
- पेशाब करते समय दर्द होना खासतौर पर मासिक धर्म के दौरान
- पेशाब या मल से ब्लीडिंग होना
- बहुत ज्यादा दस्त या कब्ज होना
- लगातार थकान रहना जो लंबे समय तक दूर ही ना हो
- कुछ मामलों में ब्लॉटिंग या मितली होना
- कई महिलाओं में डिप्रेशन या चिंता भी देखा गया है
एंडोमेट्रियोसिस के कारण
एंडोमेट्रियोसिस के होने के कारण अभी तक ठीक से ज्ञात नहीं है लेकिन यह कहा जाता है कि जब भी महिला के गर्भाशय की परत के समान टिश्यू गर्भाशय के बाहर फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, इंटेस्टाइन और यहां तक की पेल्विक कैविटी के भीतर डेवलप होते हैं तो यह दर्दनाक लक्षण पैदा करते हैं। यह दर्द, बढ़ी हुई सूजन और अक्सर फाइब्रोसिस और गांठों से संबंधित होता है। लेकिन डॉक्टर्स ने कुछ कारणों को हाईलाइट किया है, जैसे-
- अबॉर्शन
- बिनाइन प्रॉलीफरेशन
- यूट्रेस में इंफेक्शन
- ओवरी इंफेक्शन
- पीरियड्स के दौरान संभोग
कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी रोकने के लिए ट्यूबवैक्टनी करवाती है जो कि एंडोमेट्रियोसिस का कारण बन सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस के अन्य कारण

- रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन – कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मासिक धर्म का रक्त जिसमें एंडोमेट्रियल सेल्स होते हैं वे फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से पेल्विक कैविटी में जा सकते हैं, जहां सेल्स ऑर्गन से चिपक जाते हैं, इसे रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन कहा जाता है। इसमें मासिक धर्म में ब्लीडिंग बाहर होने के बजाय शरीर के भीतर ही होने लगती है।
- जीन – कुछ डॉक्टर्स मानते हैं कि जीन भी इस बीमारी के होने में भूमिका निभा सकते हैं। यदि महिला की मां या बहन को एंडोमेट्रियोसिस है, तो इसके होने की अधिक संभावना हो सकती है। एक शोध से पता चलता है कि यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जा सकता है।
- पेरिटोनियल सेल ट्रांसफॉर्मेशन – विशेषज्ञों का मानना है कि हार्मोन या प्रतिरक्षा जैसे कारक, पेरिटोनियल कोशिकाएं को एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाओं में बदलने को बढ़ावा दे सकते हैं।
- एम्ब्रियोनिक सेल ट्रांसफॉर्मेशन – एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन एम्ब्रियोनिक सेल्स को प्यूबर्टी के दौरान एंडोमेट्रियल जैसे सेल इंप्लांट में बदल सकते हैं।
- सर्जिकल स्कार इंप्लांटेशन- सी-सेक्शन या हिस्टेरेक्टॉमी जैसी सर्जरी होने के बाद एंडोमेट्रियल सेल्स सर्जिकल इन्सिशन से जुड़ सकते हैं।
- एंडोमेट्रियल सेल ट्रांसपोर्ट- रक्त वाहिकाएं या टिश्यू फ्लूड (लसीका तंत्र) एंडोमेट्रियल कोशिकाओं को शरीर के अन्य भागों में पहुंचा सकते हैं।
- इम्यून सिस्टम कंडीशन- इम्यून सिस्टम में समस्या के कारण शरीर एंडोमेट्रियोसिस टिश्यू को पहचानने और नष्ट करने में असमर्थ हो सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस पर डॉक्टर्स का पहलू, निदान और इलाज के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
