Exercise during Periods: पीरियड्स के दौरान एक्सर्साइज़ करना एक ऐसा सब्जेक्ट है जो कई महिलाओं के लिए कन्फ्यूज़ करने वाला हो सकता है। कुछ लोग मानते हैं कि इस समय आराम करना चाहिए, जबकि कुछ कहते हैं कि हल्का व्यायाम फायदेमंद हो सकता है।
वास्तव में, पीरियड्स के दौरान हल्की एक्सरसाइज करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह कई हैल्थ बैनेफिट भी प्रदान कर सकता है।
व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्राव होता है, जो नैचुरल दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है और मूड को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योगा या स्ट्रेचिंग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे ऐंठन और सूजन में राहत मिलती है I
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने शरीर की सुनें और अपनी सुविधा के अनुसार व्यायाम करें। यदि आप अत्यधिक थकान या दर्द महसूस कर रही हैं, तो आराम करना बेहतर हो सकता है। इस लेख में, हम पीरियड्स के दौरान व्यायाम करने के फायदे, सावधानियां और उपयुक्त एक्सरसाइज के बारे में चर्चा करेंगे।
पीरियड्स में व्यायाम के लाभ
पीरियड्स के दौरान हल्की एक्सरसाइज करने से कई लाभ हो सकते हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी पाज़िटिव इफेक्ट डालता है।
- दर्द में राहत: व्यायाम से एंडोर्फिन का स्राव होता है, जो नैचुरली पेन और ऐंठन को कम करता है।
- मूड में सुधार: व्यायाम करने से मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन कम होता है, जिससे आप बेहतर महसूस करती हैं।
- ऊर्जा स्तर में वृद्धि: हल्की एक्सरसाइज से थकान कम होती है और आप अधिक एनर्जी महसूस करती हैं।
- ब्लड सर्कुलेशन में सुधार: व्यायाम से ब्लड फ़्लो बेहतर होता है, जिससे सूजन और बेचैनी में राहत मिलती है।
- नींद में सुधार: नियमित व्यायाम से नींद की क्वालिटी में सुधार होता है, जिससे आप अधिक तरोताजा महसूस करते हैं।
पीरियड्स के दौरान कौन-कौन सी एक्सरसाइज करें
पीरियड्स के दौरान लाइट और मीडियम इनटेन्सिटी वाली एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है। यह न केवल शरीर को ऐक्टिव रखता है, बल्कि दर्द और थकान को भी कम करता है।
- वॉकिंग: हल्की वॉक से शरीर में ब्लड सरक्यूलेशन बेहतर होता है और मूड में सुधार होता है।
- योगा: विशेषकर प्राणायाम और स्ट्रेचिंग से तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है।
- स्ट्रेचिंग: हल्की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की जकड़न कम होती है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है ।
- साइक्लिंग: धीमी गति से साइक्लिंग करने से पैरों की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और थकान कम होती है।
पीरियड्स के दौरान किन एक्सरसाइज से बचें
मासिक धर्म के दौरान कुछ एक्सरसाइज से बचना चाहिए, क्योंकि वे शरीर पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती हैं और असुविधा बढ़ा सकती हैं।
- हाई इंटेंसिटी वर्कआउट: जैसे कि भारी वजन उठाना या तेज दौड़ना, जिससे थकान और दर्द बढ़ सकता है।
- उल्टे योगासन: जैसे कि शीर्षासन, जो ब्लड फ़्लो को प्रभावित कर सकते हैं।
- लंबे समय तक एक्सरसाइज: अत्यधिक समय तक व्यायाम करने से शरीर में थकावट और कमजोरी हो सकती है।
- पेट पर दबाव डालने वाली एक्सरसाइज: जैसे कि क्रंचेस या सिट-अप्स, जो पेट की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
- तेज साइक्लिंग: जिससे पेट में खिंचाव और दर्द बढ़ सकता है।
पीरियड्स में एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
पीरियड्स के दौरान व्यायाम करते समय कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है, ताकि आप सुरक्षित और आरामदायक महसूस करें ।
- शरीर की सुनें: यदि आप थकान या दर्द महसूस करती हैं, तो आराम करें और व्यायाम को सीमित करें।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- आरामदायक कपड़े पहनें: हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें, जो पसीने को सोख सकें।
- वार्म-अप और कूल-डाउन करें: व्यायाम से पहले और बाद में हल्की स्ट्रेचिंग करें, ताकि मांसपेशियां तैयार हों और थकान कम हो।
- डॉक्टर से सलाह लें: यदि आपको पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द या असुविधा होती है, तो डॉक्टर से कन्सल्ट करें।
पीरियड्स में एक्सरसाइज से जुड़े मिथ और फैक्ट्स
मासिक धर्म के दौरान व्यायाम को लेकर कई मिथ हैं, जिन्हें समझना और सच्चाई जानना आवश्यक है।
- मिथ : पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए। फैक्ट : हल्की एक्सरसाइज से दर्द और थकान में राहत मिलती है और मूड बेहतर होता है।
- मिथ : व्यायाम से रक्तस्राव बढ़ता है। फैक्ट : हल्की एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, लेकिन रक्तस्राव में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती I
- मिथ : व्यायाम से थकान बढ़ती है। फैक्ट : सही प्रकार की एक्सरसाइज से ऊर्जा स्तर बढ़ता है और थकान कम होती है।
- मिथ : पीरियड्स के दौरान योग नहीं करना चाहिए। फैक्ट : हल्के योगासन, जैसे प्राणायाम और स्ट्रेचिंग, फायदेमंद होते हैं।
- मिथ : व्यायाम से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। फैक्ट : नियमित और संतुलित व्यायाम से हार्मोनल संतुलन बना रहता है और पीरियड्स नियमित होता है।
