Epidural Analgesia Effects- बच्चे को जन्म देना एक मां के लिए दूसरा जन्म माना जाता है। जो अपार खुशियों के साथ काफी दर्दनाक भी होता है। पिछले कुछ सालों में लेबर पेन को कम करने के लिए दर्दनिवारक गोलियां या इंजेक्शन का उपयोग काफी बढ़ गया है। जिसे एपिड्यूरल एनाल्जेसिया के नाम से जाना जाता है। अधिकांश महिलाएं डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द से निपटने के लिए इस तकनीक का चुनाव करती हैं। खासकर पहली बार मां बनने जा रही महिलाएं इसका इस्तेमाल मुख्यरूप से कर रही हैं। वैसे तो ये एक सुरक्षित प्रक्रिया है लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव भी हैं। यदि आप भी डिलीवरी के दौरान इसका इस्तेमाल करने का विचार बना रही हैं तो एक बार इसके लाभ और दुष्प्रभावों के बारे में जरूर जान लें।
क्या है एपिड्यूरल एनाल्जेसिया

एपिड्यूरल एनाल्जेसिया का प्रयोग रीढ़ की नसों को सुन्न करने और लेबर पेन से राहत देने के लिए किया जाता है। इसे रीढ़ की हड्डी के एपिड्यूरल स्पेस में इंजेक्ट किया जाता है। ये एक लोकल एनेस्थेसिया है जो नसों को सुन्न करने में मदद करता है। दवा एपिड्यूरल स्पेस से नसों तक जाती है और दर्द के संकेतों को ब्रेन तक पहुंचने से रोकने का काम करती है। रीढ़ की हड्डी में लगने के कारण महिला को शरीर के निचले हिस्से में किसी प्रकार की हरकत या सनसनी महसूस नहीं होती है। जो महिलाएं लेबर पेन सहन नहीं कर पातीं वे इस विकल्प का चुनाव करती हैं।
एपिड्यूरल एनाल्जेसिया के बेनिफिट्स
– लेबर पेन के दौरान अन्य दर्द निवारक विकल्पों की तुलना में अधिक प्रभावी है।
– इससे महिला का मूवमेंट आसान हो जाता है साथ ही पुश करने की ताकत में भी वृद्धि हो जाती है।
– ये लेबर पेन के दौरान किसी भी स्टेज में दिया जा सकता है।
– डिलीवरी के दौरान जागने और सतर्क रहने में आपको मदद मिलती है।
– सी-सेक्शन के मामले में शरीर के केवल निचले हिस्से को सुन्न करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
– आपको आराम करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, खासकर जब आप थका हुआ महसूस करती हैं।
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एपिड्यूरल एनाल्जेसिया के साइड इफैक्ट्स

– एपिड्यूरल आमतौर पर सुरक्षित होते हैं लेकिन इससे कुछ दुष्प्रभाव भी हैं।
– एपिड्यूरल लेबर टाइम को बढ़ा सकता है।
– ये ब्लड प्रेशर को सामान्य से कम कर सकता है जिससे आपको चक्कर या मितली आ सकती है।
– ब्लड प्रेशर के अचानक कम हो जाने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है।
– एपिड्यूरल के कारण अधिकतर महिलाओं को बुखार आ सकता है।
– इसके प्रयोग से रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ को नुकसान पहुंच सकता है।
– यदि सुई गलती से सबराचनोइड स्पेसी में डाली जाती है तो सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
– आप पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस कर सकती हैं।
– शरीर का निचला हिस्सा सुन्न होने की वजह से यूरिन करने और महसूस होने में परेशानी आ सकती है।
– नॉर्मल डिलीवरी की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।
– डिलीवरी के दौरान एपीसीओटॉमी की आवश्यकता होती है, जिस वजह से टांके लगाए जाते हैं।
– एपिड्यूरल से खुजली हो सकती है, जिसका इलाज एंटीहिस्टामाइन से किया जाता है।
