यदि दर्द निवारक दवा की बात करें तो प्रसव के दौरान ऐसी कई दवाएँ ली जा सकती हैं। इसमें एनस्थेटिक (दर्द महसूस नहीं होगा व नींद आ जाएगी।, एनालजैसिक (दर्द निवारक), एट्रैक्ज्स, (टैंक्विलाइजर्स) शामिल होते हैं। आप स्वयं चुन सकती हैं कि इनमें से कौन सा तरीका आपके लिए आरामदेह रहेगा। यदि आपकी कोई मेडिकल हिस्ट्री या वर्तमान अवस्था थोड़ी अलग है तो आपका चुनाव सीमित हो सकता है।
आपको यह भी देखना होगा कि कोई दवा दर्द को किस हद तक घटाएगी या आप पर उसका क्या असर होगा क्योंकि अलग-अलग दवाएँ, लोगों पर अलग-अलग असर डालती हैं। यह भी हो सकता है कि जो दवा आपने चुनी हो, वह उस समय न मिल पाए और आपको कोई दूसरी दवा दे दी जाए। हालांकि दर्द की दवाएँ उसी रूप में दी जाती हैं, जैसा आप व आपके डॉक्टर चाहते हैं।
यहां लेबर व दर्द के लिए खास दवाओं के बारे में बताया जा रहा है।
एपीड्यूलरल :- दो-तिहाई गर्भवती महिलाएँ अस्पतालों में दर्द घटाने के लिए इसी दवा का इस्तेमाल करती हैं इसकी लोकप्रियता की एक वजह यह भी है कि इसकी अधिक मात्रा की जरूरत नहीं पड़ती। शरीर के निचले हिस्से में लोकल पेन रिलीफ दिया जाता है। इस तरह आप पूरी तरह जागती रहती हैं और शिशु जन्म के बाद उसका स्वागत करने को तैयार रहती हैं। इसे दूसरी दवाओं के मुकाबले शिशु के लिए भी सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसका इंजेक्शन रीढ़ की हड्डी में लगता है। यह दवा दूसरी दवाओं की तरह आपके रक्तप्रवाह में नहीं मिलती। यह आपको उसी समय दी जा सकती है, जब आप चाहें। अध्ययनों से पता चला है कि इससे ऑपरेशन में खतरा भी नहीं बढ़ता और लेबर की प्रक्रिया भी धीमी नहींप ड़ती। यदि लेबर की प्रक्रिया धीमी पड़ भी जाए तो डॉक्टर आपको पीटोसिन हार्मोन दे सकते हैं ताकि प्रसव अपनी गति में आ जाए।
एपीड्यूरल के दौरान आप क्या उम्मीद कर सकती हैं :-
- एपीड्यूरल देने से पहले, आई.वी. चालू की जाती है ताकि आपका ब्लडप्रेशर कम न हो जाए। कुछ अस्पतालों में, ब्लैडर में कैथेटर डाल दिया जाता है ताकि उस प्रक्रिया के दौरान मूत्र किया जा सके। दवा की वजह से मूत्र रुक सकता है। कई अस्पतालों में जरूरत पड़ने पर कैथेटर का इस्तेमाल होता है।

- आपकी पीठ के बीच वाले व निचले हिस्से पर एंटिसैप्टिक लोशन लगाया जाता है और पीठ के उस हिस्से कोलोकल एनस्थीसिया से सुन्न कर देते हैं। सुन्न हिस्से में से एक बड़ी सुई रीढ़ की हड्डी के एपीड्यूरल वाली जगह में डाली जाती है। ऐसा तब किया जाता है जब आप एक ओर करवट लेकर लेटती हैं या किसी की मदद से मेज पर झुकी होती हैं। कइयों को सुई चुभने का दर्द महसूस होता है यदि आप किस्मत वाली हैं तो ज्यादातर महिलाओं की तरह आपको कुछ भी महसूस नहीं होगा। प्रसव के दर्द के मुकाबले तो सुई का दर्द कुछ भी नहीं है।
- सुई निकाल कर वहाँ एक पतली कैथेटर ट्यूब डाल दी जाती है यह ट्यूब पीठ पर टेप से चिपका दी जाती है ताकि आप हिल-डुल सकें। पहली खुराक देने के 3 से 5 मिनट के भीतर ही गर्भाशय के स्नायु सुन्न होने लगते हैं। 10 मिनट बाद पूरा आराम आ जाता है। दवा से शरीर का पूरा निचला हिस्सा सुन्न हो जाता है और आप कांट्रैक्शन (संकुचन) महसूस नहीं कर पातीं। आपका ब्लॅड प्रेशर लगातार जांचा जाता है।
- कई बार एपीड्यूल की वजह से भ्रूण के दिल की धड़कन धीमी पड़ जाती है इसके लिए भ्रूण पर भी लगातार नजर रखी जाती है। हालांकि इससे आपके हिलने-डुलने में बाधा आती है लेकिन डॉक्टर को आप दोनों व संकुचन पर नजर रखने में आसानी होती है। खुशी की बात यह है कि इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट काफी कम होते हैं। हालांकि कई महिलाओं को शरीर का एक हिस्सा ही सुन्न महसूस होता है। यदि बैक लेबर का मामला हो तो ये पूरी तरह से दर्द पर काबू नहीं कर पाते।

स्पाइनल एपीड्यूरल :- यह भी पारंपरिक एपीड्यूरल की तरह ही दर्द-निवारक का काम करता है लेकिन इसमें दवा की थोड़ी खुराक ली जाती है। हर जगह यह सुविधा भी नहीं मिलती, आप पहले इसके बारे में पता कर लें। एनस्थीसिया के डॉक्टर आपको स्पाइनल द्रव्य में इसकी थोड़ी खुराक देकर दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं, लेकिन आपकी टाँगें व मांसपेशियाँ सुन्न नहीं होतीं इसलिए आप उनका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आपको दर्द में आराम न आए तो कैथीटर की मदद से और दवा दी जा सकती है। हालांकि टाँगें सुन्न तो नहीं होतीं पर आप काफी कमजोरी महसूस करती हैं इसलिए उस समय आप चलना नहीं चाहेंगी।
स्पाइनल ब्लॉक या सैडल ब्लॉक :- इन दिनों,इन दोनों ब्लॉकों का इस्तेमाल न के बराबर होता है अगर आपने एपीड्यूरल नहीं लिया और डिलीवरी के लिए दर्द निवारक चाहती हैं तो प्रसव के दौरान स्पाइनल ब्लॉक दे सकते हैं। इसमें भी स्पाइनल कॉर्ड के द्रव्य में इंजेक्शन दिया जाता है। इनकी वजह से भी ब्लडप्रेशर कम हो सकता है।
पुडेंडल ब्लॉक :- इसे वैजाइनल डिलीवरी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। सुई के जरिए दवा दी जाती है जिससे वह हिस्सा सुन्न पड़ जाता है। यदि फोरसैप या वैक्यूम एक्ट्रैक्शन करना हो तो यह तरीका कारगर है। इसका असर एपीसिओटोमी तक होता है।
जनरल एनस्थीसिया :- आजकल आम डिलीवरी में इसका इस्तेमाल काफी कम होता है। केवल आपातकालीन सर्विकल जन्म के मामले में ही इसे दिया जाता है। इससे नींद आ जाती है और आप डिलीवरी के दौरान बेहोश रहती हैं। होश में आने के बाद जी मिचलाने,उल्टी या खांसी की शिकायत हो सकती है। इससे माँ के साथ-साथ शिशु पर भी असर पड़ता है। वैसे कोशिश यही की जाती है कि शिशु तक ज्यादा असर होने से पहले उसे बाहर निकाल लिया जाए। डॉक्टर आपको ऑक्सीजन भी दे सकते हैं ताकि शिशु को पूरी ऑक्सीजन मिले व उस पर दवा का ज्यादा असर न हो।

डैमेरोल :- यह दर्द-निवारक काफी इस्तेमाल होता है। इससे दर्द घटता है व माँ को कॉट्रैक्शन झेलने में आसानी होती है। इसे दो से चार घंटे में दोहरा सकते हैं। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं; जैसे‒उलटी, जी मिचलाना या रक्तचाप में कमी। नवजात पर इसका असर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने डिलीवरी के कितने पास आकर दवा दी है। यदि इसे डिलीवरी के साथ ही दिया गया है तो शिशु सो सकता है, सांस लेने में तकलीफ होगी और उसे ऑक्सीजन देनी पड़ सकती है। ये प्रभाव अस्थायी होते हैं, जिनका इलाज हो सकता है। इसे आमतौर पर डिलीवरी से दो-तीन घंटे पहले ही देने की कोशिश की जाती है।
टैक्वलाइजर्स :- इनसे माँ पूरी तरह शांत होकर बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में सहयोग दे पाती हैं। इनसे दर्द निवारकों की ताकत भी बढ़ जाती है। अगर माँ की व्यग्रता के कारण प्रसव में दिक्कत आ रही हो तो इन्हें दिया जाता है। कुछ महिलाएँ हल्के उनींदेपन का स्वागत करती हैं तो कइयों को लगता है कि वे इन पलों को खो रही हैं, जो उनकी जिंदगी के सबसे यादगार पल हैं। खुराक से काफी फर्क पड़ता है। ज्यादा खुराक थोड़ा नुकसान भी कर सकती है। हालांकि इनसे शिशु को कोई खतरा नहीं होता लेकिन डॉक्टर बहुत जरूरत पड़ने पर ही इनका इस्तेमाल करते हैं। वैसे आपको अपनी उत्तेजना शांत करने के लिए दवाएँ लेने की बजाए रिलैक्सेशन तकनीकें सीखनी चाहिए।
दर्द के बिना
क्या धकेलने के लिए दर्द की जरूरत है,नहीं अधिकतर महिलाओं ने माना है किए पीड्यूरल के बाद भी उन्हें शिशु को बाहर धकेलने में दिक्कत नहीं आती। नर्स उन्हें संकुचन का समय बता देती है और वे जोर लगाती हैं। यदि दर्द के बिना बात न बन रही हो तो एपीड्यूरल रोक दिया जाता है। फिर डिलीवरी के बाद दोबारा दवा देकर उस हिस्से को सुन्न कर सकते हैं।
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