Overview:
डायबिटीज ठीक करने के लिए बहुत जरूरी है कि आप एक बैलेंस और हेल्दी डाइट लें। अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करें जिनसे ब्लड शुगर लेवल न बढ़े।
Glycemic Load in Diabetes: डायबिटीज दुनियाभर के साथ ही भारत के लोगों के लिए भी एक बड़ी परेशानी बन गई है। अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा मीठा खाने के कारण उन्हें डायबिटीज हुई है। इसे ठीक करने के लिए वे मीठा खाना-पीना छोड़ देते हैं। लेकिन सिर्फ मीठा छोड़ना या कम खाना, डायबिटीज का इलाज नहीं है। आपको खाने के ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड दोनों पर भी ध्यान देना होगा।
डाइट पर ध्यान देना जरूरी

डायबिटीज ठीक करने के लिए बहुत जरूरी है कि आप एक बैलेंस और हेल्दी डाइट लें। अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करें जिनसे ब्लड शुगर लेवल न बढ़े। आमतौर पर लोग मानते हैं कि सिर्फ मीठा खाने से ब्लड शुगर बढ़ता है। लेकिन असल में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और हाई ग्लाइसेमिक लोड वाला हर खाना, डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। चिंता की बात ये है कि ज्यादातर लोग इन दोनों पर ध्यान नहीं देते हैं।
चीनी-मीठे से खतरनाक है ये
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत ने पिछले दिनों लोगों को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और हाई ग्लाइसेमिक लोड के बारे में बताने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में डॉक्टर ने दोनों के बीच अंतर को भी बताया है। डॉ. सहरावत ने बताया कि चीनी और मीठा छोड़ने से भी जरूरी है हाई ग्लाइसेमिक लोड वाले भोजन से दूर रहना।
जानें दोनों में बड़ा अंतर
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स को जीई और हाई ग्लाइसेमिक लोड जीएल कहा जाता है। ये दोनों ही भोजन और ब्लड शुगर लेवल को बताते हैं। हालांकि जीई केवल कार्बोहाइड्रेट के ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने की क्षमता को मापता है। वहीं जीएल यह बताता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कितनी देर तक हाई रहा। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन ब्लड शुगर को एकदम से बढ़ा देता है। लेकिन हाई ग्लाइसेमिक लोड वाला भोजन ब्लड में काफी देर तक शुगर लेवल को बढ़ाए रखता है। ऐसे में साफ है कि हाई ग्लाइसेमिक लोड वाला भोजन आपको ज्यादा देर तक प्रभावित करता है।
ऐसे पहचानें हाई ग्लाइसेमिक लोड
डॉ.सहरावत ने बताया कि जिन चीजों में 70 से ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, वो सभी हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आते हैं। वहीं जिन चीजों का ग्लाइसेमिक लोड 20 या उससे ज्यादा है वे हाई ग्लाइसेमिक लोड की श्रेणी में आती है। ये ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और लंबे समय तक यह स्पाइक बनी रहती है। जिससे कई परेशानियां हो सकती हैं।
सोच समझ कर खाएं ये
सफेद चावल, व्हाइट ब्रेड, मैदा से बने फूड, पैकेज फूड, प्रोसेस्ड फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आलू, शकरकंद आदि का ग्लाइसेमिक लोड बहुत ज्यादा होता है। इसी के साथ केक, पेस्ट्री, कुकीज जैसे बेकरी आइटम भी हाई जीएल वाले हैं। इसलिए डायबिटीज के लोगों को इनका हमेशा सीमित सेवन ही करना चाहिए। बहुत ज्यादा तला हुआ या मसालेदार भोजन भी परेशानी का कारण बन सकता है।
क्या फल भी बढ़ाते हैं परेशानी
वहीं तरबूज और केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स तो हाई होता है, लेकिन लोड कम होता है। ऐसे में इन्हें खाने से आपकी ब्लड शुगर एकदम से बढ़ेगी। लेकिन बहुत जल्दी कम भी हो जाएगी। प्री-डायबिटीज से पीड़ित लोगों को सप्ताह में दो बार से ज्यादा इनका सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं अनानास और आम में भी ग्लाइसेमिक लोड ज्यादा होता है। इसका सेवन भी डायबिटीज में कम करना चाहिए।
