क्‍या आप दही में बूंदी या खीरा मिलाकर खाते हैं, तो तुरंत बंद कर दें इसका सेवन: Curd Eating Tips
Curd Eating Tips

Curd Eating Tips: क्‍या आप भी दही के शौकीन हैं? क्‍या आप भी डेली अपने भोजन में दही को शामिल करते हैं, या इसका रायता खाते हैं या दही-चावल खाना पसंद करते हैं? आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो इस आदत को यहीं रोक दीजिए, क्‍योंकि आप दही को गलत तरीके से खा रहे हैं। गलत तरीके से दही खाने से कई तरह की पाचन संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं जिसका आपको अंदाजा भी नहीं है। भारत में, इम्‍यून सिस्‍टम और डाइजेस्टिव हेल्‍थ को बेहतर बनाने के लिए खाने के बाद या खाने के साथ दही का सेवन किया जाता है। हेल्‍थ एक्‍सपर्ट भी दूध पीने की अपेक्षा दही खाने की सहाल देते हैं। आपको बता दें कि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम और प्रोबायोटिक होता है जो हड्डियों और पेट को मतबूत बनाने में मदद करता है। हम बचपन से दही खाते आ रहे हैं। दूध से बने इस उत्‍पाद का सेवन करने के कई तरीके हैं, जिनमें दही चावल, रायता, दही-चीनी आदि शामिल हैं। क्‍या दही खाने के ये सभी तरीके सही हैं? आइए जानते हैं आप किन गलत तरीकों से दही खा रहे हैं और दही का सेवन करने का सही तरीका क्‍या होना चाहिए।  

दही खाने के फायदे

Curd Eating Tips
Benefits Of Curd

आयुर्वेद के मुताबिक दही में कई तरह के सूक्ष्‍मजीव होते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और सामान्‍यरूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में मदद करते हैं। जिन लोगों में लैक्‍टोज की कमी होती है, उनके लिए दही कैल्शियम और फॉस्‍फोरस की जरूरत को पूरा करता है। फर्मेंटिंग बैक्‍टीरिया में मौजूद एंजाइम की सहायता से दूध में उपस्थित लैक्‍टोज को लैक्टिक एसिड में बदला जाता है। दही खाने से कई फायदे होते हैं, दही से अधिकतम स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए इसके सही तरीके से सेवन करने के आयुर्वेद में कुछ दिशा-निर्देश हैं। आयुर्वेद के अनुसार दही फैट को बढ़ाता है, जो वजन बढ़ाने के लिए उत्‍कृष्‍ट होता है, शरीर को शक्तिवर्धक बनाता है, कफ और पित्‍त को बढ़ाता है, वात को कम करता है, और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। दही स्‍वाद में खट्टा, प्रकृति में गर्म, पचने में भारी और फैट को बढ़ाता है।

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6 कारण जो बताते हैं कि आप गलत तरीके से दही खा रहे हैं:

गलत तरीके से खाते हैं दही
Eating yogurt the wrong way

रात में न खाएं दही

सामान्‍यतौर पर दही को रात में खाना खाने से बचना चाहिए, ऐसा इसलिए क्‍योंकि दही हमारे कफ दोष को बढ़ाता है। जो रातभर आपको परेशान कर सकता है। जब आपका कफ दोष बढ़ता है तब अत्‍यधिक मात्रा में बलगम बनता है, जिसके परिणामस्‍वरूप आपको अपच की समस्‍या हो सकती है। इसलिए रात में दही खाने से मना किया जाता है। अगर आप रात में दही का सेवन करना चाहते हैं तब इसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चुटकी मेथी पाउडर मिला लें। ऐसा करने से दही ज्‍यादा स्‍वादिष्‍ट तो नहीं लगेगा लेकिन अपच को कम करने में जरूर मदद कर सकता है।    

दही को नहीं करना चाहिए गर्म

दही को कभी भी गर्म नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों में बताया गया है कि दही को गर्म करने से उसके गुण बदल सकते हैं, जिससे आपके शरीर में सफोकेशन और सूजन को बढ़ावा मिल सकता है। दही को गर्म करके खाना आयुर्वेद के सिद्धांत के खिलाफ है। दही को यदि गर्म किया जाए जो वह फट सकता है और उसका सेवन करने से पेट संबंधित समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं।  

रोज न खाएं दही

आयुर्वेद के मुताबिक दही भारी होता है और इसे शरीर में सूजन बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। शरीर में सूजन होने पर कफ और पित्‍त दोष भी बढ़ता है, जो आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत बुरा हो सकता है। इसलिए सावधान रहें और रोज दही खाने से बचें। दही के स्‍थान पर आप छाछ का रोजाना सेवन कर सकते हैं।  

दही में न मिलाएं फल

गलत तरीके से खाते हैं दही
Do not mix fruits in curd

दही में किसी भी तरह के फल को मिलाना एकदम अच्‍छा आइडिया नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि दही एक चैनल ब्‍लॉकर होता है, जो फूड के साथ अनुकूल नहीं होता है। इसलिए दही में फलों को नहीं मिलाया जाना चाहिए। दही में फलों को मिलाकर लंबे समय तक खाने से आपको एलर्जी और मेटाबोलिक समस्‍याएं हो सकती हैं।

मछली या मीट के साथ न खाएं दही

मछली या मीट  के साथ दही का सेवन असंगत माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार जब भी चिकन या मछली जैसे मीट के साथ दही को पकाया जाता है, तो इससे शरीर में विषाक्‍त पदार्थ पैदा हो सकते हैं। इसलिए अपने मीट या मछली के साथ दही का उपयोग करने से बचना चाहिए।

न बनाएं रायता

अक्‍सर हम दही में बूंद डालकर खाते हैं या गर्मी के मौसम में खीरे का रायता बनाते हैं। खीरे का रायता और बूंदी का रायता एक गलत कॉम्बिनेशन हो सकता है। खीरा और दही गुणों के मामले में दो विपरीत खाद्य पदार्थ हैं और इन्‍हें किसी भी तरह से मिलाने से आपके सिस्‍टम को नुकसान होगा और इसका दुष्‍प्रभाव बुखार और त्‍वचा रोग के रूप में दिख सकता है। बूंदी को घी या तेल में तल कर बनाया जाता है, इसलिए ये दही के साथ मेल नहीं खाती और यह वजन बढ़ने के लिए भी जिम्‍मेदार होती है। खीरे के रायते से भी सबसे बढि़या विकल्‍प है लौकी का रायता। आयुर्वेद के मुताबिक दही को कभी-कभार खाना चाहिए और दही खाने का सबसे अच्‍छा समय दोपहर का है, वो भी कम मात्रा में।

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