Overview: ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन अवेयरनेस डे – 15 अक्टूबर 2025
स्तन पुनर्निर्माण स्तन कैंसर से गुजर रही महिलाओं के लिए सिर्फ शारीरिक रूप की बहाली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
Breast Reconstruction: भारत में स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर बन चुका है। देश के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में अकेले 1,92,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से लगभग 60% मामलों की पहचान कैंसर के तीसरे या चौथे चरण में होती है, जब मास्टेक्टॉमी यानी स्तन को पूरी तरह निकालना जीवनरक्षक उपाय बन जाता है।
लेकिन ज़्यादातर भारतीय महिलाओं के लिए कैंसर से जंग यहीं खत्म नहीं होती। पश्चिमी देशों में जहां 60% से अधिक महिलाएं मास्टेक्टॉमी के बाद स्तन पुनर्निर्माण (ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन) करवाती हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा मुश्किल से 1% तक पहुंचता है। यह अंतर चिकित्सा क्षमता के कारण नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी, सामाजिक संकोच, आर्थिक बाधाओं और इस भ्रांति के कारण है कि स्तन पुनर्निर्माण केवल सौंदर्य सुधार की प्रक्रिया है, न कि चिकित्सा उपचार का हिस्सा।
क्या है स्तन पुनर्निर्माण?

यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके ज़रिए मास्टेक्टॉमी के बाद स्तन का आकार और रूप फिर से बनाया जाता है। इसमें या तो इम्प्लांट का प्रयोग किया जाता है या फिर मरीज के अपने शरीर (जैसे पेट, पीठ या जांघों) के ऊतकों का। यह किसी प्रकार की सौंदर्य शल्यक्रिया नहीं, बल्कि जीवनरक्षक सर्जरी से उत्पन्न शारीरिक विकृति को ठीक करने की प्रक्रिया है।
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ा विषय
स्तन खोना केवल शारीरिक परिवर्तन नहीं, बल्कि महिला की भावनात्मक और मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालता है। यह आत्मविश्वास, शरीर के प्रति धारणा और सामाजिक संबंधों को प्रभावित करता है। स्तन पुनर्निर्माण से महिलाएं खुद को फिर से ‘पूर्ण’ महसूस कर सकती हैं। दुनिया भर के शोध बताते हैं कि जिन महिलाओं ने पुनर्निर्माण करवाया, उनमें जीवन की गुणवत्ता बेहतर रही और अवसाद व चिंता की दरें काफी कम पाई गईं।
आधुनिक तकनीकों से सुरक्षित और सफल सर्जरी
आज पुनर्निर्माण तकनीकें काफी उन्नत हो चुकी हैं। माइक्रोसर्जरी तकनीक से मरीज के अपने ऊतकों (अक्सर पेट से) का उपयोग करके स्तन बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को DIEP फ्लैप कहा जाता है, जिसकी सफलता दर 99% से अधिक है, बशर्ते इसे अनुभवी सर्जन द्वारा किया जाए। यह सर्जरी कैंसर के साथ ही एक ही ऑपरेशन में की जा सकती है और इसमें बहुत कम अतिरिक्त समय लगता है। यह प्रक्रिया बेहद सुरक्षित है, कैंसर के जोखिम को नहीं बढ़ाती और भविष्य के उपचार में कोई बाधा नहीं डालती।
पेट के ऊतकों से किए गए पुनर्निर्माण का एक अतिरिक्त लाभ यह भी है कि इससे शरीर का आकार सुधरता है और परिणामस्वरूप बना स्तन बिल्कुल प्राकृतिक लगता है जो उम्र के साथ सामान्य रूप से बदलता है।
भारत में क्यों ज़रूरी है जागरूकता
भारत में अधिकांश महिलाएं 40 से 50 वर्ष की उम्र में स्तन कैंसर से प्रभावित होती हैं — यानी पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग एक दशक पहले। इस उम्र में स्तन पुनर्निर्माण न केवल आत्म-सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करता है, बल्कि महिलाओं के जीवन में आत्मविश्वास भी लौटाता है।
भारत में पुनर्निर्माण की कम दर का सबसे बड़ा कारण है – जागरूकता की कमी। कई बार मरीजों को यह बताया ही नहीं जाता कि ऐसा विकल्प मौजूद है। इसीलिए अपोलो एथेना वीमेंस कैंसर सेंटर की BRAVE (Breast Reconstruction Awareness, Voice & Education) पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य है महिलाओं और स्वास्थ्यकर्मियों को शिक्षित, सशक्त और जागरूक करना ताकि स्तन पुनर्निर्माण को कैंसर देखभाल का अभिन्न हिस्सा बनाया जा सके।
नीति स्तर पर बदलाव की आवश्यकता
भारत में अब समय आ गया है कि स्तन पुनर्निर्माण को कैंसर उपचार प्रोटोकॉल में शामिल किया जाए। इसके लिए अधिक पुनर्निर्माण सर्जनों को प्रशिक्षित करना, बहु-विशेषज्ञ सहयोग को प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में इस सर्जरी को कॉस्मेटिक नहीं बल्कि चिकित्सकीय आवश्यकता के रूप में मान्यता देना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा ऐसे ‘वन-स्टॉप’ सेंटर स्थापित किए जाने चाहिए जहां निदान, सर्जरी, पुनर्निर्माण और पुनर्वास सभी सेवाएं एक ही स्थान पर मिल सकें।
संदेश स्पष्ट है — यह सौंदर्य नहीं, सम्मान की बात है
स्तन पुनर्निर्माण केवल बाहरी सुंदरता नहीं लौटाता, यह एक महिला के आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और पूर्णता को पुनर्जीवित करता है। अब समय आ गया है कि हम हर स्तन कैंसर विजेता महिला को न केवल जीवन दें, बल्कि उसे पूरा जीवन जीने का अवसर दें — सम्मान, आत्मविश्वास और उम्मीद के साथ।
Input By : डॉ. वेंकट रामकृष्णन, लीड – प्लास्टिक एवं ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी, अपोलो एथेना वीमेंस कैंसर सेंटर, नई दिल्ली
