Cancer
Increasing Cancer in Women

Overview:

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि स्तन का आकार बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण होते हैंः एक तो चर्बी का जमाव या ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी। ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी में स्तन ग्रंथियों का साइज़ बढ़ जाता है।

Breast Cancer and Breast Size: यह आम धारणा है कि अगर स्तन का साइज़ बड़ा होता है तो इसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा नहीं है। केवल ब्रेस्ट साइज़ की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम नहीं बढ़ता, यह रोग दरअसल, ब्रेस्ट टिश्यू पर निर्भर करता है। अब सवाल यह हो सकता है ब्रेस्ट साइज़ क्यों बढ़ता है – क्या ऐसा अधिक फैट (चर्बी/वसा) बढ़ने के कारण होता है या ग्लैंड्यूलर टिश्यू ग्रोथ इसके लिए जिम्मेदार है। इन सभी सवालों का जवाब दे रहे हैं सी के बिरला हॉस्पीटल, दिल्ली के डायरेक्टर सर्जिकल ओंकोलॉजी डॉ. मनदीप सिंह मलहोत्रा।

Breast Cancer and Breast Size- ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी में स्तन ग्रंथियों का साइज़ बढ़ जाता है।
In glandular hypertrophy, the size of the breast glands increases.

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि स्तन का आकार बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण होते हैंः एक तो चर्बी का जमाव या ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी। ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी में स्तन ग्रंथियों का साइज़ बढ़ जाता है। देखा गया है कि युवतियों में स्तन का आकार बढ़ने का प्रमुख कारण प्रायः ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफीहोता है जबकि अधिक उम्र की महिलाओं में यह चर्बी बढ़ने की वजह से होता है। इस अंतर को समझना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी, जिसमें ब्रेस्ट टिश्यू ख्रुद ब खुद साइज़ में बढ़ते हैं, ही ब्रेस्ट कैंसर के अधिक जोखिम से जुड़ा है। वहीं अगर स्तन का आकार चर्बी बढ़ने के कारण बढ़ता है, तो उसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई नाता नहीं होता। जो महिलाएं अपने ब्रेस्ट साइज़ को घटाना चाहती हैं (ब्रेस्ट रिडक्शन) या इसके लिए कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद लेना चाहती हैं, उन्हें इस प्रक्रिया से पहले मैमोग्राम जरूर करवाना चाहिए। मैमोग्राम यह निर्धारित करने में मदद करता है कि ब्रेस्ट साइज़ में बदलाव चर्बी (फैट) बढ़ने की वजह से हुआ है या इसका कारण ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी है। यदि ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी की वजह से स्तन का आकार बढ़ा होता है तो स्तन कैंसर से बचाव के लिए सर्जरी अधिक फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि ग्लैंड्यूलर टिश्यू को कम करने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

यह खासतौर से ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी की वजह से अधिक ब्रेस्ट साइज़ वाली युवतियों के मामले में महत्वपूर्ण है। बेशक, अधिक बड़े साइज़ के स्तन जहां एक ओर कॉस्मेटिक कारणों से परेशानी खड़ी कर सकते हैं, वहीं यह समझना जरूरी है कि रिडक्शन सर्जरी से ब्रेस्ट कैंसर रिस्क भी कम हो सकता है, और इस लिहाज से यह हेल्थ संबंधी काफी महत्वपूर्ण फैसला है। लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि केवल ब्रेस्ट साइज़ ही ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क नहीं बढ़ाता। इस रोग में ब्रेस्ट का बढ़ना सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि ऐसा चर्बी बढ़ने के कारण हुआ है या फिर इसकी वजह ग्लैंड्यूलर हाइपरट्रोफी है। जरूरी जानकारी होने पर महिलाएं अपनी ब्रेस्ट हेल्थ के मामले में सही फैसला ले सकती हैं जो कि जोखिम कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...