Bone Char and Sugar: जब हम चाय, कॉफी या मिठाइयों में चीनी मिलाते हैं, तो हमारे मन में एक ही भाव आता है मिठास। ये मीठा स्वाद हमें सुकून देता है, बचपन की यादों में ले जाता है, त्योहारों की रौनक बनता है और हर घर की रसोई में रोज़ाना इस्तेमाल होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सफेद, चमचमाती चीनी इतनी साफ, इतनी सुंदर और इतनी प्योर कैसे दिखती है? इस लेख में जानेंगे कि बोन चार क्या होता है और इसका चीनी से क्या कनेक्शन है।
बोन चार क्या होता है?
बोन चार को हड्डियों की राख कहा जा सकता है। यह मवेशियों की हड्डियों को बहुत ऊंचे तापमान पर जलाकर बनाया जाता है। यह काला, कार्बन-युक्त पदार्थ होता है जो एक प्रकार के प्राकृतिक फ़िल्टर के रूप में काम करता है।
इसका उपयोग कहां होता है?
बोन चार का मुख्य उपयोग होता है शुगर इंडस्ट्री में, विशेष रूप से उस प्रक्रिया में जिसमें कच्ची गन्ने की चीनी को शुद्ध और चमकदार सफेद रंग देने के लिए फ़िल्टर किया जाता है। इस प्रक्रिया को रिफाइनिंग कहा जाता है। बोन चार उस गंदगी, रंग और अशुद्धियों को हटा देता है जो गन्ने से निकली कच्ची चीनी में होती हैं।
रिफाइनिंग प्रक्रिया में बोन चार की भूमिका क्या है?
गन्ने से प्राप्त कच्ची चीनी पीली या भूरी होती है, क्योंकि उसमें मौजूद होते हैं पौधों के रेशे, सूक्ष्म गंदगी, प्राकृतिक रंग देने वाले यौगिक। बोन चार इन सभी को अवशोषित कर लेता है, जिससे हमें मिलती है एकदम सफेद, चमचमाती चीनी। यह प्रक्रिया शुद्धता और रंग को बेहतर बनाती है, लेकिन इसके कारण चीनी की प्रकृति प्रोसेस्ड और रिफाइन्ड हो जाती है।
क्या बोन चार चीनी में मिल जाता है?
बोन चार का उपयोग सिर्फ़ एक फिल्टर के रूप में किया जाता है। इसका कोई अंश चीनी में नहीं रहता। हालांकि, शुद्ध शाकाहारी या धार्मिक कारणों से बहुत से लोग ऐसी चीनी से परहेज़ करते हैं जो बोन चार से साफ की गई हो।
कैसे पहचाने कि आपकी चीनी में बोन चार प्रयोग हुआ है?
भारत में अधिकतर ब्रांड इस बात का ज़िक्र नहीं करते, लेकिन ऑर्गेनिक, रॉ या अनरिफाइन्ड शुगर में अक्सर बोन चार का उपयोग नहीं होता। कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियाम वीगन फ्रेंडली शुगर भी बनाती हैं, जो शुद्ध शाकाहारी होती है।
क्या यह स्वास्थ्य पर असर डालता है?
स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो बोन चार का कोई अंश चीनी में शेष नहीं रहता। यह सिर्फ एक फ़िल्टर की तरह काम करता है।
हालाँकि, रिफाइन्ड शुगर खुद स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकती है, विशेषकर जब उसका ज़्यादा सेवन किया जाए। इससे जुड़ी समस्याएं हैं मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग।
अगर आप प्राकृतिक, कम प्रोसेस्ड और पौधों से निकले उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं, तो अनरिफाइन्ड शुगर, ऑर्गेनिक शुगर, या गुड़ बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
तो अगली बार जब आप अपनी मिठाई में सफेद चमकती चीनी देखें, तो याद रहे यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि एक लंबी और अजीब सी प्रक्रिया का भी नतीजा है।
