बोन मील के बारे में हर गार्डनर को होनी चाहिए जानकारी
बोनमील पौधों की ग्रोथ के लिए एक बेहतर फर्टिलाइजर है। इसमें काफी मात्रा में फास्फोरस, कैल्शियम और प्रोटीन होता है।
Bone Meal for Gardening: पेड़ पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना आसान काम नहीं, क्योंकि पेड़ पौधों को हरा भरा रखने और उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए उन्हें खाद-पानी की जरुरत होती है। नर्सरी में तमाम तरह की खाद आपको मिल जाएगी। ऐसी ही एक खास तरह की उर्वरक है बोन मील, जिससे पौधों को पोषक तत्व मिलता है। इस लेख में जानते हैं कि बोन मील क्या है और पौधों में इसे डालने के क्या फायदे है। साथ ही जानेंगे आप बोन मील का इस्तेमाल कर अपने पौधों को कैसे स्वस्थ्य रख सकते है।
बोन मील क्या है?
बोन मील जैसे की नाम से पता चलता है कि ये हड्डियों से बनने वाली खाद है। इसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियों को उबाल कर पीसा जाता है। यह पौधों की ग्रोथ के लिए एक बेहतर फर्टिलाइज़र है। इसमें काफी मात्रा में फास्फोरस, कैल्शियम और प्रोटीन होता है। इसके अलावा इसमे काफी कम मात्रा में नाइट्रोजन होता है, जो कि पौधों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
पौधों की जड़ों को मजबूत करे
कई बार आपके पौधे अचानक मुरझा जाते है। उसकी वजह पौधे का कमजोर होना होता है। ऐसे में अगर आप पौधों में बोन मील का उपयोग करेंगे, तो पौधों की जड़े मजबूत होती है।
फूलों की तादाद बढ़ाए
अगर आपके पौधे ने फूल देना बंद कर दिया या पौधे में फूल नहीं आ रहे तो आप पौधे में बोन मील डाले इससे पौधे में फूल आने लगेंगे और पौधे टूटेंगे भी नहीं।
पौधे के तने को मजबूत बनाएं
बोन मील में नाइट्रोजन बहुत कम और फोस्फोरस बहुत ज्यादा होता है। जिसकी वजह से यह पौधे के तने और जड़ को मजबूत बनाता है।
बोन मील का उपयोग कैसे करें
अगर आपके गार्डन की मिट्टी का पीएच 7 से कम है, तब बोन मील का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए आप पौधा लगाने से पहले मिट्टी या खाद के ढेर में बोन मील को अच्छी तरह मिला लें। इसके अलावा पौधा लगाने से पहले गमले में कुछ बड़े चम्मच बोन मील को डाल सकते हैं। बोन मील फर्टिलाइज़र को मिट्टी में पूरी तरह से विघटित होने में लगभग 4 महीने का समय लगता है, इसलिए इस समय अवधि में बोन मील का दोबारा प्रयोग न करें।
प्रत्येक 100 वर्ग फुट मिट्टी के लिए 4-5 किलोग्राम की दर से बोन मील उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है।
घर पर कैसे बनाएं बोन मील?
बोन मील पाउडर घर पर बनाने के लिए सबसे पहले 10-12 अंडे के छिलके कलेक्ट कीजिए फिर उन्हें अच्छे से धोकर एक दिन धूप में सुखा लीजिए। फिर मिक्सर में पीस कर बारीक चूर्ण बना ले। अब आपका बारीक बोन मील पाउडर उपयोग के लिए तैयार है।
बोन मील से होने वाले नुकसान
बोन मील का पौधों पर असर दिखने में समय लगता है, जिसके वजह से लोग इसे अधिक मात्रा में उपयोग कर लेते है। ऐसे में ओवरफर्टिलाइज़र की समस्या उत्पन्न हो जाती है। बोन मील सभी प्रकार के पौधों के लिए उपयुक्त नहीं है, जिनमें कुछ हर्बल प्लांट और हाउस प्लांट शामिल है। इसलिए इसका इस्तेमाल सोच समझकर करें।
