Consuming Ghee In Monsoon: मानसून का मौसम और झमाझम बारिश को महसूस करना एक खूबसूरत और अनोखा अहसास होता है। बारिश जहां लोगों के मन को पुलकित कर देती है वहीं अपने साथ कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी लाती है। ऐसे मौमस में जहां बाहर के दूषित भोजन से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है, वहीं घर के पौष्टिक और हेल्दी खाने को प्रोत्साहित किया जाता है। बारिश के मौसम में ऐसा ही एक पोषक तत्व है जिसे खाने में जरूर शामिल करने की सलाह दी जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं देशी घी की। देशी घी एक ऐसा घटक है जो हमारे प्रिय व्यंजनों में समृद्धि, पोषण और परंपरा के स्पर्श को जोड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बारिश के मौसम में घी खाने की सलाह क्यों दी जाती है, तो चलिए जानते हैं क्या कहता है आयुर्वेद।
क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में हमें हेल्थ, डाइट और लाइफस्टाइल में संतुलन बनाकर चलना चाहिए। घी को आयुर्वेद में सात्विक भोजन माना जाता है जो कई शारीरिक समस्याओं को ठीक करने का काम कर सकता है। घी खाने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है, जो मौसम से उत्पन्न वायरस और इंफेक्शन से लड़ने में मदद कर सकती है। इसके अलावा घी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से पाचन तंत्र को भी सुधारा जा सकता है। जो कि बारिश के मौसम में खासतौर पर बिगड़ जाता है।
बारिश के मौसम में घी खाने के फायदे
इम्प्रूव इम्यूनिटी
देशी घी को इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, जो कि बारिश के मौसम में महत्वपूर्ण है। इस मौसम में दोष, वात और कफ बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसमें विटामिन ए और एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और बरसात में होने वाली सर्दी, खांसी और फ्लू से बचाव करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन ए, डी और ई होते हैं जो कई गंभीर बीमारियों से बचाते हैं।
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ब्रेन फंक्शन सुधरता है
बारिश के मौसम में कई लोगों को डिप्रेशन और निराशा की समस्या हो जाती है। घी का सेवन करने से दिमाग स्पष्ट रूप से काम करने लगता है। ये तनाव और चिंता को कम करने के लिए जाना जाता है। इसमें अधिक मात्रा में फैटी एसिड होता है जो ब्रेन फंक्शन में सुधार करता है, मैमोरी, कॉन्सनट्रेशन, फोकस और निर्णय लेने जैसी क्षमताओं को बढ़ाता है। घी मूड को बेहतर बनान में भी मदद करता है।
डाइजेशन में सुधार
बरसात के मौसम में डाइजेशन बिगड़ जाता है। ऐसे में घी पेट संबंधित विकारों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद चिकनाई पाचन तंत्र को शांत करने और सूजन को कम करने का काम करती है। इसके सेवन से आंत में मौजूद बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा घी मितली, सूजन और कब्ज जैसी सामान्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
घी को इस तरह करें अपनी डाइट में शामिल

– सब्जियों को तलने, सौते करने और भूनने के लिए खाद्य तेल की जगह घी का उपयोग करें। इसका भरपूर स्वाद और बढि़या सुगंध आपके व्यंजनों का स्वाद बढ़ा देगी।
– अपने पसंदीदा व्यंजनों में ऊपर से घी डालें, और उन्हें घी की अनूठी विशेषताओं और स्वादिष्टता से भर दें।
– चाय या कॉफी में एक चम्मच घी मिलाकर पिया जा सकता है।
– घर में बनाई जानी वाली मिठाईयों को शानदार और लाजवाब स्वाद देने के लिए घी का अधिक उपयोग करें।
