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Avoid Milk And Yogurt Credit: Istock

Overview: बारिश के दिनों में क्‍यों दूध-दही खाने से किया जाता है मना

बारिश के मौसम दही खाने से मना किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, दही का ठंडा गुण पाचन, श्वसन, और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है।

Why avoid Milk in Monsoon: भारत में दूध और दही का सेवन करना संस्कृति का एक अभिन्न अंग माना जाता है। लगभग हर भारतीय थाली में दही या उससे बनी कोई न कोई डिश जरूर शामिल होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, बारिश के मौसम, खासकर सावन के महीने में दही खाने की मनाही है? अगर आप भी रोजाना दही का सेवन करते हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाएं। सावन में कुछ खास खाद्य पदार्थों, जैसे दूध, दही, और शहद के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। आखिर इसके पीछे क्‍या कारण है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

आयुर्वेद क्या कहता है

What does Ayurveda say?
What does Ayurveda say?

आयुर्वेद के अनुसार, बारिश के मौसम में दही का सेवन तीनों दोषों—वात, पित्त, और कफ—को एक साथ प्रभावित कर सकता है। इस मौसम में वात और पित्त दोष विशेष रूप से असंतुलित हो जाते हैं, जिससे शरीर कई मौसमी बीमारियों का शिकार हो सकता है। दही का ठंडा गुण (शीतलता) शरीर के पाचन अग्नि को कमजोर कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

बैक्‍टीरिया का प्रकोप

ऐसा माना जाता है कि सावन में दही से बनी चीजें, जैसे कढ़ी व छाछ  खाने से भी परहेज करना चाहिए। यह केवल धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि आयुर्वेद के सिद्धांतों पर भी आधारित है। बारिश के मौसम में पर्यावरण में नमी और बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है।

पाचन संबंधी समस्याएं

आयुर्वेद के अनुसार, दही का गुण ठंडा होता है। बारिश के मौसम में ठंडे और भारी खाद्य पदार्थ, जैसे दही और दूध खाने से पाचन अग्नि कमजोर पड़ सकती है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सूजन, गैस, और अपच हो सकती है। इसीलिए दही में हमेशा एक चुटकी काली मिर्च, भुना जीरा, या शहद मिलाने की सलाह दी जाती है। बिना मसाले के दही खाने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

श्वसन संबंधी समस्याएं

Respiratory issues
Respiratory issues

बारिश के मौसम में दही का नियमित सेवन शरीर में बलगम यानी म्यूकस को बढ़ा सकता है जिससे सर्दी, खांसी और नाक बंद होने जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस मौसम में नमी और आर्द्रता के कारण एलर्जी और बीमारियों का जोखिम और भी अधि‍क बढ़ जाता है। दही का ठंडा गुण इन समस्याओं को और गंभीर बना सकता है।

इम्‍यूनिटी पर प्रभाव

आयुर्वेद के अनुसार, बारिश में ठंडे गुण वाले खाद्य पदार्थ जैसे दही, शरीर की इम्‍यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं। अधिक दही खाने से बलगम का निर्माण बढ़ता है जिससे आंतों की सेहत प्रभावित होती है और शरीर मौसमी बीमारियों और एलर्जी के लिए अधिक संवेदनशील हो जाता है। कमजोर इम्‍यूनिटी के कारण सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।

बारिश में दही खाने का सही तरीका

अगर आप बारिश के मौसम में दही खाना चाहते हैं, तो इसे सही तरीके से खाना जरूरी है। दही में भुना जीरा पाउडर, काली मिर्च, काला नमक, या शहद मिलाएं। ये सामग्रियां दही के ठंडे गुण को संतुलित करती हैं और पाचन को बेहतर बनाती हैं। इसके अलावा, दही को दोपहर में खाना बेहतर माना जाता है, क्योंकि इस समय पाचन अग्नि सबसे मजबूत होती है। रात में दही खाने से बचें, क्योंकि यह बलगम को बढ़ा सकता है।