Avoid Dairy Product in Monsoon: जून के मध्य से ही मानसून की शुरुआत पूरे भारत में हो जाती है और ये मौसम अगस्त के अंत तक या फिर सितंबर की शुरुआत तक बना रहता है, वैसे भी हम लोगों को मानसून का मौसम काफी अच्छा लगता है, किसान अपने खेतों में पानी पाकर खुश होता है वहीं हम लोगों को अप्रैल से लेकर जून तक भयंकर गर्मी सहने के बाद बरसात आने से राहत मिलती है, इसलिए समूचा भारत मानसून का इंतजार बेसब्री से करता है।
वहीं दूसरी ओर मानसून आते ही इस मौसम में कई सारी बीमारियां खराब खानपान होने से फैलती हैं, ऐसे में हमें इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए खासकर डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, पनीर आदि चीजों को खाने से परेहज (Avoid Dairy Product in Monsoon) करना चाहिए।
आज हम आपको इस आर्टिकल में एम्स रायबरेली में कार्यरत डॉक्टर शशांक तिवारी जी से की गई बातचीत के आधार पर बताएंगे कि हमें बरसात के मौसम में डेयरी प्रोडक्ट (Avoid Dairy Product in Monsoon) को खाने से परहेज क्यों करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं कि मानसून में हमें डेयरी प्रोडक्ट को खाने से क्यों परहेज करना चाहिए-
सर्दी-जुकाम होने की संभावना

डॉक्टर हमें कई बार ये राय देते हैं कि बरसात में दही, दूध आदि खाने से परहेज (Avoid Dairy Product in Monsoon) करना चाहिए, दरअसल दही पेट को ठंडा रखने में मदद करती है ऐसे में अगर हम बरसात में दही का सेवन करेंगे तो हमें सर्दी-जुकाम होने का खतरा ज्यादा रहता है। अतः आपकी सेहत के लिए ये बेहतर रहेगा कि आप दूध-दही का सेवन मानसून में कम से कम करें और अपने स्वास्थ्य को सही रखें।
बैक्टेरियल बीमारियों का खतरा ज्यादा

बारिश होने के बाद वातावरण में कई सारे कीटाणु पनपते हैं और ये कीटाणु घास या ऐसी जगह जाकर बैठते हैं जो पशुओं द्वारा खाया जाता है। आपको बता दें कि ये कीटाणु देखने में काफ़ी छोटे होते हैं पर इनसे बैक्टेरियल बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। जब ऐसे कीटाणुओं को पशु खा लेते हैं वो दूध या उससे बनने वाले प्रोडक्ट के जरिये हमारे खाने में भी आते हैं जिससे हमें कई भयंकर बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसलिए मानसून में हमें दूध अथवा दूध से बने पदार्थों को कम से कम खाना चाहिए (Avoid Dairy Product in Monsoon) और अपने स्वास्थ्य का ख्याल ज्यादा रखना चाहिए।
पाचन तंत्र में रहेगी समस्या :

अगर हम दूध अथवा दूध से बने हुए पदार्थों (Avoid Dairy Product in Monsoon) को मानसून के सीजन में खाते हैं तो हमें उसे पचाने में समस्या हो सकती है। दरअसल, दूध में फैट ज्यादा पाया जाता है और हमारा पेट मानसून में उसे पचाने में सक्षम नहीं रहता है। ऐसी हालत में अगर हम दूध अथवा दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन बरसात के सीजन में करते हैं तो हमें पेट दर्द, गैस, दस्त, उल्टी आदि पेट से जुड़ी कई बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए मानसून में हमें दूध-दही आदि खाने से परहेज करना चाहिए।
इन्फेक्शन का होगा खतरा

डॉ शशांक तिवारी जी ने अपनी बातचीत जारी रखते हुए हमें बताया कि इन्फेक्शन के मरीजों से पूछने पर पता चला है कि वो बरसात में दूध दही आदि ज्यादा खाते हैं। दरअसल, आयुर्वेद में बताया गया है कि सावन और भादो ( बरसात के दो महीने) में दही खाने से वात ज्यादा होता है ऐसे में पित्त ज्यादा बढ़ने का खतरा होता है पित्त ज्यादा बढ़ने से बीमारियां हमारे शरीर को जकड़ लेती हैं इसलिए मानसून में डेयरी प्रोडक्ट खाने से परहेज (Avoid Dairy Product in Monsoon) करना चाहिए।
अन्य कई बीमारियों का खतरा

बरसात में दूध दही खाने (Avoid Dairy Product in Monsoon) से अन्य कई बीमारियां जैसे गले में खराश, कफ होना, पुराने दर्द का उभार होना आदि हो सकती हैं। इसलिए बरसात में डेयरी प्रोडक्ट खाने से हमें परहेज करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आप मानसून में दूध अथवा दूध से बने हुए प्रोडक्ट (Avoid Dairy Product in Monsoon) का खाने में कम से कम इस्तेमाल करेंगी, जिससे आपके साथ आपके परिवार का भी स्वास्थ्य सही रहेगा।
