Shiva Muthi
Shiva Muthi

Overview:सावन 2025 : शिव पूजा करते समय महिलाओं को ज़रूर अपनाने चाहिए ये पवित्र नियम

सावन 2025 में भगवान शिव की पूजा करते समय महिलाओं को सात खास नियमों का पालन ज़रूर करना चाहिए। इसमें शुद्धता, सही अर्पण सामग्री, मन से मंत्र जाप, सुबह की पूजा, पीरियड्स के दौरान दूरी, सफाई और भावना से पूजा जैसे नियम शामिल हैं। ये छोटी-छोटी बातें भक्ति को गहराई देती हैं और शिव कृपा पाने में मदद करती हैं।

Shiva Puja Rules for Women: सावन का महीना हिंदुओं के लिए त्योहारों और शिव आराधना की शुरुआत लेकर आता है। विशेष रूप से महिलाएं इस पावन समय में भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर सुख-शांति, सौभाग्य, और वैवाहिक जीवन में मधुरता की कामना करती हैं। परंतु, पूजा विधि में किसी भी प्रकार की शुद्धता की कमी या अनवांछित कार्य, शिवलिंग की आराधना को अशुद्ध कर सकती है। इसलिए सावन में शिव पूजा के नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है।

महिलाओं के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि वे इन नियमों का सही तरीके से पालन करें। जल, दूध, बेलपत्र, चंदन, और श्रीफल जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल — अराधना को सफल बनाता है। साथ ही पूजा का समय, स्त्री धर्म, और ध्यान-मन की स्वच्छता भी पूजा की पवित्रता को बढ़ाती है।

इस लेख में हम जानेंगे सावन 2025 में महिलाएं शिवलिंग पूजा के दौरान कुछ नियम अवश्य अपनाएं। ये नियम न केवल पूजा को शुद्ध बनाते हैं, बल्कि मन को विशुद्ध कर, भक्ति की लौ को जीवंत करते हैं। याद रखिए, शिव जी बाहरी चीज़ों से नहीं, आपके अंदर की सच्चाई से प्रसन्न होते हैं।

मन साफ हो, सोच पवित्र हो

शिव जी को सिर्फ दूध या जल नहीं, आपके भाव और सोच की शुद्धता चाहिए। अगर मन में नेगेटिव बातें हैं – जैसे ईर्ष्या, घमंड या गुस्सा – तो चाहे जितना दूध चढ़ा दो, पूजा अधूरी मानी जाएगी। इसलिए सबसे पहले अपने मन को शांत और साफ़ करो। सोच में सच्चाई और दिल में श्रद्धा होनी चाहिए। जब आप धीरे-धीरे “ॐ नमः शिवाय” बोलते हुए जल या दूध चढ़ाते हैं, तो हर बूंद में आपका प्रेम और विश्वास झलकना चाहिए।

ताजा सामग्री का प्रयोग करें

महिलाओं को भगवान शिव को वही चीज़ें अर्पित करनी चाहिए जो शास्त्रों में शुद्ध और योग्य मानी गई हैं। जैसे बेलपत्र, सफेद फूल, शुद्ध जल या गाय का दूध — ये सब शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं। लेकिन तुलसी के पत्ते और केतकी के फूल शिव पूजा में मना हैं, इन्हें कभी अर्पित न करें। जो भी वस्तु चढ़ाएं, वह हमेशा ताज़ा, साफ-सुथरी और कीड़े-मकोड़ों से मुक्त होनी चाहिए।

माहवारी के वक्त शिवलिंग को न छूए

periods के दौरान महिलाएं शिवलिंग को हाथ न लगाएं I वे शुभ संकल्प ले सकती हैं, मंत्र जाप कर सकती हैं, या मन ही मन शिव का ध्यान रख सकती हैं। शिव जी भाव के देवता हैं। वो बस आपका मन और श्रद्धा देखते हैं। मन शांत रखें और दिल से जुड़ी रहें। यही सच्ची पूजा है।

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा

सबसे उत्तम समय शिवजी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त है — सूर्योदय से लगभग एक घंटा पहले, जब चारों ओर शांति और सकारात्मक ऊर्जा होती है । इस समय स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र धारण करके, शांत मन से पूजा करने पर आंतरिक उर्जा जागृत होती है।

हल्दी का प्रयोग न करें

जबकि हल्दी का प्रयोग कई पूजा विधियों में होता है, शिवलिंग पूजा में इसका प्रयोग निषिद्ध है । इसके स्थान पर चंदन और भस्म (विभूति) का प्रयोग करें, जो शिवजी को विशेष प्रिय और संतुलन प्रदान करते हैं। धीरे-धीरे, शांत मन से और पूरे ध्यान से “ॐ नमः शिवाय” का मंत्र जाप करें I

सभी प्रकार से स्वच्छता बनाए रखें

शिव जी की पूजा करते समय सफाई सबसे ज़रूरी होती है। पूजा से पहले महिलाओं को स्नान करना चाहिए, साफ कपड़े पहनने चाहिए और जिस जगह पूजा हो रही है, उसे अच्छे से साफ रखना चाहिए।जिस बर्तन में जल, दूध या भोग रखा जा रहा है, वो भी पूरी तरह साफ होना चाहिए। बाहर की सफाई , मन की सफाई और एकाग्रता को भी बढ़ाती है।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...