Overview: सावन चौथा सोमवार व्रत इसलिए है खास
सावन महीने का आखिरी या चौथा सोमवार व्रत कब रखा जाएगा। जानिए शिव उपासना की पूजा विधि, जरी नियम और व्रह का महत्व।
Sawan Last Somwar Vrat 2025: सावन का महीना शनिवार 9 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा। बता दें कि, इस साल सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी, जिसमें चार सोमवार पड़ेंगे। अब तक तीन सावन सोमवार व्रत पूर्ण हो चुके हैं और अंतिम सावन सोमवार व्रत शेष है। वैसे तो सावन का पवित्र महीना हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण, पुण्यदायी और शिवजी का प्रिय मास माना जाता है। कहा जाता है कि सावन के महीने में शिवजी का वास पृथ्वी पर होता है। साथ ही सावन महीने का हर दिन किसी पर्व के समान होता है। लेकिन सावन का चौथा या आखिर सोमवार बहुत विशेष होता है, जोकि भक्ति और उपासना से परिपूर्ण होता है।
इस शुभ दिन पर शिव भक्त व्रत रखते हैं शिवलिंग पर दूध,जल, शहद आदि से जलाभिषेक करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। शिवजी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए सावन का अंतिम सोमवार बहुत पुण्यदायी भी होता है। माना जाता है कि, सावन में किए गए पूजा-व्रत का लाभ इसी दिन परिपूर्ण होता है। आइये जानते हैं सावन का आखिरी सोमवार व्रत किस दिन है और इस दिन कैसे करें पूजन।
सावन 2025 का आखिरी सोमवार व्रत कब

सावन महीने का आखिरी सोमवार इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि जैसे-जैसे सावन समाप्ति की ओर होता है भक्ति-भाव से शिवमय ऊर्जा अपने चरम बिंदु पर होती है और यह भक्तों को मनोकामना पूरी करने का अंतिम अवसर भी होता है। बात करें सावन के आखिरी सोमवार की तो, 4 अगस्त 2025 को सावन का आखिरी या चौथा सोमवार व्रत रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार इस दिन सावन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि रहेगी। साथ ही कई शुभ योग भी बनेंगे।
सावन सोमवार 2025 पूजा विधि, नियम और महत्व

पूजा विधि:- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। संभव हो, तो किसी पवित्र नदी स्नान करें और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा की तैयारी करें। सबसे पहले पूजाघर में शिवजी के सामने घी का दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिवलिंग का जलाभिषेक करें। बेलपत्र, शमी के पत्ते, चंदन, भांग, धतूरा, भोग, फूल, अक्षत, फल आदि अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर मंत्रोच्चारण करें। शिवजी की आरती के साथ पूजा का समापन करें।
नियम:- सावन सोमवार के दिन व्रत रखने का विधान है। आप चाहे तो फलाहार या सात्विक भोजन भी कर सकते हैं। व्रत के दिन वाद-विवाद से बचें और संयमित रहें। खासकर तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखें। मन, वाणी और कर्म से शुद्ध रहकर अपने व्रत को सफल बनाएं।

महत्व:- सावन के आखिरी सोमवार को भक्ति, व्रत और तपस्या का समापन माना जाता है। मान्यता है कि जो लोग सावन में किसी भी सोमवार किसी कारण व्रत नहीं रख पाएं, उन्हें आखिरी सोमवार पर व्रत जरूर रखना चाहिए और अपनी सभी इच्छाएं और प्रार्थनाएं भगवान शिव के समक्ष अर्पित कर दें। भगवान आपके कष्टों को जरूर दूर करेंगे और आपकी सारी मनोकामनाएं भी पूर्ण करेंगे।
