Hidden Reasons for Stress
Hidden Reasons for Stress

Summary: बार-बार उदासी और तनाव का कारण सिर्फ स्ट्रेस नहीं होता – जानिए 10 छुपे हुए कारण

लगातार उदासी और थकान महसूस होना मामूली नहीं है। जानें ऐसे 10 अनदेखे कारण जो मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं।

Hidden Reasons for Stress: क्या आप अक्सर बिना वजह थके हुए, निराश और दुखी महसूस करते हैं? मन करता है कुछ भी न करें, बस चुपचाप पड़े रहें? यह कोई असामान्य बात नहीं है लेकिन इसके पीछे कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं जिन पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते। आइए जानते हैं ऐसे ही 8 कारण जो आपके मूड को लगातार खराब सकते हैं:

जब हम नियमित रूप से अपने शरीर को नहीं चलाते, तो न केवल हमारी मांसपेशियां कमजोर होती हैं, बल्कि हमारा मूड भी प्रभावित होता है। व्यायाम से शरीर में ‘फील-गुड’ हार्मोन जैसे एंडोर्फिन्स निकलते हैं जो तनाव और चिंता को कम करते हैं। यदि आप पूरा दिन बैठे रहते हैं, तो यह नकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा दे सकता है।

हमारा भोजन ही हमारा ईंधन है। यदि आपके शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन नहीं मिलते, तो यह सीधे तौर पर आपके मूड, एनर्जी और सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है। विटामिन B12, आयरन, ओमेगा-3 की कमी उदासी और मानसिक थकान का कारण बन सकती है।

women scrolling mobile at night
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रात को देर तक मोबाइल पर रील्स देखना, फिर नींद का समय टालना यह आज की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। नींद पूरी न होना हमारे दिमाग की कार्यक्षमता और मूड को बुरी तरह प्रभावित करता है।

जब हम नियमित रूप से नहाना, कपड़े बदलना या साफ-सफाई नहीं करते, तो यह मानसिक रूप से भी हमें सुस्त और उदास कर देता है। अच्छी स्वच्छता आत्म-सम्मान को बढ़ाती है और फ्रेश महसूस कराती है।

हर व्यक्ति के भीतर एक गहरा आत्मिक पक्ष होता है। जब हम ध्यान, प्रार्थना या किसी उच्च शक्ति से जुड़ने का प्रयास नहीं करते, तो हम भीतर से खोखले और दिशाहीन महसूस करते हैं।

Woman praying
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हरियाली, पेड़-पौधे, पक्षियों की आवाज ये सब हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। यदि आप हफ्तों तक बाहर नहीं निकले हैं, तो यह भी उदासी का एक बड़ा कारण हो सकता है।

सूरज की रोशनी विटामिन D का स्रोत है, जो हमारे मूड को स्थिर रखने में मदद करता है। धूप से दूर रहना मूड डिसऑर्डर, खासकर ‘सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर’ का कारण बन सकता है।

woman getting vitamin D from sun
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हम इंसान सामाजिक प्राणी हैं। जब हम अपनों से बात करना बंद कर देते हैं, तो एक अजीब-सी अकेलापन और उदासी हमें घेर लेती है। रिश्तों से जुड़ाव जीवन में ऊर्जा और उद्देश्य लाता है।

कभी-कभी हम इतने व्यस्त हो जाते हैं दुनिया की मांगों को पूरा करने में कि खुद से संवाद करना ही भूल जाते हैं। अपनी भावनाओं को समझना, अपने भीतर झांकना और अपनी पसंद-नापसंद का ख्याल रखना भी जरूरी है। जब हम अपनी भावनाओं को दबाते हैं या नजरअंदाज करते हैं, तो भीतर एक खालीपन बनने लगता है जो धीरे-धीरे उदासी, तनाव और हताशा में बदल सकता है।

जब हमारे दिन की कोई ठोस योजना नहीं होती कब उठना है, क्या करना है, कब आराम करना है तो मन भटकने लगता है और एक अराजकता-सी महसूस होती है। बिना दिनचर्या के हम अक्सर आलस्य, अनिर्णय और आत्मग्लानि में फंस जाते हैं। एक साधारण सी दिनचर्या चाहे वह सुबह की चाय के साथ किताब पढ़ना हो या शाम को टहलना हमें स्थिरता देती है और मन को दिशा देती है।

अगर आप खुद को बार-बार टूटता, थका हुआ और दिशाहीन महसूस कर रहे हैं, तो ऊपर दिए गए बिंदुओं पर एक नज़र डालिए। बदलाव आसान नहीं होता, लेकिन हर दिन एक छोटा-सा कदम भी आपको फिर से खुश, प्रेरित और ज़िंदा महसूस करवा सकता है।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...