इन आयुर्वेदिक रेमेडीज से घर पर ही मैनेज करें थायरॉइड: Ayurvedic Remedies for Thyroid
Ayurvedic Remedies for Thyroid

इन आयुर्वेदिक रेमेडीज से घर पर ही मैनेज करें थायरॉइड

थायरॉइड की समस्या आजकल आम होती जा रही है। इस समस्या से राहत पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक रेमेडीज फायदेमंद साबित हो सकती हैं। जानिए इन रेमेडीज के बारे में।

Ayurvedic Remedies for Thyroid: थायरॉइड का निदान खराब लाइफस्टाइल का प्रतीक है। यानी, थायराइड कोई रोग नहीं बल्कि हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ा एक डिसऑर्डर है। थायरॉइड प्रॉब्लम कई लक्षणों का कारण बन सकता है और पारम्परिक ट्रीटमेंट्स से इसे मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन, कुछ आयुर्वेदिक रेमेडीज हैं, जिनके इस्तेमाल से थायरॉइड ग्लैंड को रेगुलेट किया जा सकता है और इसके लक्षणों से भी राहत पाई जा सकती है। जानिए, कुछ आयुर्वेदिक रेमेडीज के बारे में जिनके इस्तेमाल से थायरॉइड को घर पर ही आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

थायरॉइड को मैनेज करने के लिए आयुर्वेदिक रेमेडीज

आयुर्वेदिक मेडिसिन दुनिया की सबसे पुराने मेडिकल सिस्टम्स में से एक है। हालांकि, अभी थायरॉइड डिसऑर्डर्स के लिए आयुर्वेदिक मेडिसिन के बारे में की गयी रिसर्च अभी सीमित है। लेकिन, ऐसा पाया गया है कि यह रेमेडीज थायरॉइड को मैनेज करने में फायदेमंद हो सकती हैं। यह हैं इसे मैनेज करने की होम रेमेडीज:

त्रिफला

Triphala for Thyroid
Triphala for Thyroid

यह हर्ब तीन फलों का मिश्रण है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर आयुर्वेद में शरीर को क्लीन करने और पाचन क्रिया को सही रखने के लिए किया जाता है। यह भी पाया गया है कि त्रिफला के थायरॉइड ग्लैंड पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और हॉर्मोन्स के प्रोडशन को रेगुलेट करने में भी मदद मिलती है। 

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आमलकी 

ऐसा माना गया है कि यह फल भी शरीर को साफ करता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है जिसमें थायरॉइड भी शामिल है। इससे हॉर्मोन प्रोडक्शन के सही होने में मदद मिलती है और कई लक्षणों से आराम मिलता है जैसे थकावट और तनाव आदि।

अश्वगंधा

Ashawgandha for Thyroid
Ashawgandha for Thyroid

आयुर्वेद में अश्वगंधा का आमतौर पर इस्तेमाल इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने और स्ट्रेस को कम करने के लिए किया जाता है। यह हर्ब भी थायरॉइड की समस्या से राहत पाने के लिए फायदेमंद पाई गयी है।

मोरिंगा 

आयुर्वेद में मोरिंगा उन महत्वपूर्ण हर्ब्स में से एक है, जिसका प्रयोग थायरॉइड को मैनेज करने के लिए किया जाता है। यह जड़ी-बूटी आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी व विटामिन ए से भरपूर होती है। जिससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है। यही नहीं, इसमें प्रोटीन भी होता है, जो शरीर में आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है। 

शंखपुष्पी

ऐसा माना गया है कि शंखपुष्पी शरीर और दिमाग को शांत करती है। आयुर्वेद में यह हर्ब कई कंडिशंस के उपचार के लिए फायदेमंद पाई गयी है जिसमें थायरॉइड भी शामिल है। ऐसा भी पाया गया है कि यह हर्ब हॉर्मोन्स के प्रोडक्शन को रेगुलेट करती है और कई समस्याओं से राहत पाने में मददगार हो सकती है।

shankhpushpi for Thyroid
shankhpushpi for Thyroid

इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि ऊपर बताई रेमेडीज थायरॉइड प्रॉब्लम्स के लक्षणों से कुछ हद तक राहत पाने में फायदेमंद हैं। लेकिन यह पारंपरिक ट्रीटमेंट्स जैसे दवाईयों का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी नए ट्रीटमेंट को शुरू करने से पहले किसी एक्सपर्ट से राय लेना न भूलें। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि आयुर्वेदिक मेडिसिन दुनिया के सबसे पुराने मेडिकल सिस्टम्स में से एक है। लेकिन, अभी थायरॉइड डिसऑडर्स के लिए आयुर्वेदिक मेडिसिन्स के प्रभाव के बारे में भी पर्याप्त रिसर्च नहीं की गयी है। आयुर्वेद साबुत, अनप्रोसेस्ड फूड्स को लेने की सलाह देता है, जिससे सम्पूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मदद मिलती है।