Underactive Thyroid Diet: थायरॉइड की समस्या सबसे आम हेल्थ कंडीशंस में से एक है। ये समस्या युवा और कम उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है। वहीं महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक खतरा होता है, खासकर डिलीवरी के बाद या मेनोपॉज के दौरान। थायरॉइड की स्थिति होने पर वजन भी तेजी से बढ़ता है और उसे कम करना कठिन हो जाता है। खासकर अंडरएक्टिव थायरॉइड होने पर कई बार मरीज को लक्षण महसूस नहीं होते जिस वजह से थायरॉइड बढ़ जाता है। इस स्थिति को कंट्रोल करने में आपकी डाइट और लाइफस्टाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ खाद्य पदार्थ इस स्थिति को और अधिक खराब कर सकते हैं जिनसे दूरी बनाना बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जिन्हें डाइट से हटाया जाना जरूरी है।
सोया फूड

हाई प्रोटीन के लिए अधिकांश लोग सोया खाना पसंद करते हैं। सोया हमें फलियों से प्राप्त होता है। सोया में एंजाइम अवरोधक गुण होते हैं जिस वजह से इसे पचाना बेहद मुश्किल हो सकता है। सोया में मौजूद लेक्टिन आंत में जलन पैदा कर सकते हैं और गट हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं। ये गोइट्रोजन का एक स्रोत है जो आयोडीन अवशोषण को रोकता है।
शुगर
शुगर आपकी थायरॉइड ग्रंथि के लिए भी हानिकारक होती है। शुगर आपकी इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। ये आपके शरीर में सूजन को बढ़ाती है और ऑटोइम्यून बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है। यदि आपकी आंत की परत हानिकारक रोगाणुओं से भर जाती है तो आपकी गट हेल्थ का कारण बन सकती है।
डेयरी प्रोडक्ट
डेयरी प्रोडक्ट भी शरीर में सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं। कुछ लोगों का शरीर डेयरी प्रोडक्ट को पचाने में सक्षम नहीं होता जिस वजह से इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम, ब्लोटिंग और रिफ्लेक्स की समस्या हो सकती है। डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद प्रोटीन को कैसईन कहा जाता है और कई लोगों में ग्लूटेन की तरह ही ऑटोम्यून बीमारी को बढ़ाता है। इसलिए इनएक्टिव थायरॉइड होने पर दूध, दही, पनीर और आइसक्रीम से दूरी बना लेनी चाहिए।
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क्रुसिफेरस वेजिटेबल
माना कि क्रुसिफेरस वेजिटेबल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं लेकिन इसमें मौजूद गोइट्रोजन्स थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ा सकता है। ब्रोकली, शलजम, पत्तागोभी, पालक और केल में भरपूर मात्रा में गोइट्रोजन्स होता है जो समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है। इन सब्जियों को कच्चा खाने से बचना चाहिए लेकिन इसे कभी-कभी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
मिलेट्स

मिलेट्स में कई तरह के न्यूट्रिऐंट्स पाए जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने का काम करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि मिलेट्स थायरॉइड पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड जो थायरॉइड पेरोक्सीडेज की एक्टिविटी को कम कर देता है। जिससे थायरॉइड हार्मोन पर प्रभाव पड़ता है और समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इसलिए बाजरा, ज्वार और मक्के के आटे और अनाज को अपनी डाइट से डिलीट करना ही बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
कैफीन
हम सभी जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा कैफीन का सेवन हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर जिन लोगों को पहले से थायरॉइड की समस्या है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए। यदि आपको कैफीन लेने की आदत है तो आप इसका सेवन थायरॉइड की दवा लेने से पहले करें। दवा के साथ या बाद में कैफीन लेने से दवा का असर कम हो सकता है।
