Premature Aging: हमारी जीवनशैली समय के साथ काफी बदल गई है, जिसके दुष्परिणाम हैं ढेरों बीमारियां और तनाव। इससे बचाव के लिए इन्हें दुरूस्त करना जरूरी है। आज की जीवनशैली में लोग समय से पहले बूढ़े दिखने लगे हैं। ऐसे समय में जब हमारे पास अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं, सुपरफूड्स, सप्लीमेंट्स, एंटी-एजिंग गोलियां और औषधियां हैं, तो हम क्यों तेजी से बूढ़े हो रहे हैं? एजिंग उसी समय से शुरू हो जाती है, जब हम पैदा होते हैं। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और उस पर किसी भी मनुष्य का नियंत्रण नहीं है। लेकिन उम्र बढ़ने की गति और हमारी उम्र कैसे बढ़ती है, इस पर हमारा नियंत्रण है।
जवां रहने का मंत्र
वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का अध्ययन किया है। जिस गति से आपकी उम्र बढ़ती है, वह टेलोमेरेस की लंबाई पर निर्भर करती है। टेलोमेरेस ऐसी संरचनाएं हैं जो क्रोमोसोम के सबसे आखिरी हिस्से पर पाई जाती हैं। यह उसे सुरक्षित करते हैं। कल्पना करें कि शू लेस के किनारों पर एक प्लास्टिक कैप लगी होती है जिससे वह हमेशा नये दिखते हैं। टेलोमेरेस ठीक यही करते हैं! वे क्रोमोसोमल के उस आखिरी छोर की रक्षा करते हैं।
टेलोमेरेस को सुरक्षित कैसे रखें
ऐसी कुछ लाइफस्टाइल हैबिट्स हैं जो आपको तेजी से बूढ़ा कर रही हैं-
नींद की कमी: नींद की कमी शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव की मात्रा को बढ़ा सकती है, जो समय के साथ कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे उम्र से संबंधित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- हृदय रोग, कैंसर और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो ऐसे में ये प्रक्रियाएं प्रभावी रूप से नहीं हो सकती हैं, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में योगदान दे सकती हैं।
जीवनशैली: नियमित रूप से एक्सरसाइज खासतौर से स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग मसल बिल्डिंग और मसल मास को ठीक रखने के लिए जरूरी है। सिर्फ मसल्स ही एज-रिवॄसग ऑर्गन है, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा मसल मास धीरे-धीरे कम होता जाता है। इससे उम्र से संबंधित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- मोबिलिटी का कम होना और गिरने का खतरा बढ़ जाना। इसलिए लीन मसल्स को बिल्ड करें। हालांकि, यह हैवी वेट के माध्यम से नहीं होना चाहिए। प्लैंक्स, स्क्वैट्स, लंजेस, जंपिंग जैक्स, पुल-अप्स, पुशअप्स आदि जैसे व्यायामों के माध्यम से पहले अपने शरीर के वजन के साथ सहज हो जाएं।
तनाव: फिर से ऑक्सीडेटिव तनाव आपको नुकसान पहुंचा सकता है। क्रॉनिक स्ट्रेस या फिर अनसुलझी नकारात्मक भावनाएं शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव और कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाकर जल्दी बुढ़ापा पैदा कर सकती है। इसके अलावा, क्रॉनिक स्ट्रेस टेलोमेयर को भी छोटा कर सकता है। तनाव और नकारात्मक भावनाओं को हेल्दी तरीके से मैनेज करने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
लगातार खाना: विज्ञान कहता है कि हमारे दैनिक कैलोरी सेवन में 30 प्रतिशत की कमी भी लंबी उम्र और धीमी उम्र बढ़ने को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त है। बस आप अपने पोर्शन साइज को 1-2 चम्मच कम करें। इसका मतलब किसी भी तरह से खुद को भूखा रखना नहीं है। बस आपको खाना उतना ही खाना है जितना हमारे शरीर को चाहिए। हममें से बहुत से लोग जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं। लगातार मचिंग, स्नैकिंग, ओवरईटिंग, हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को एक ओवरड्राइव पर भेजता है। जिस तरह किसी भी चीज को बिना आराम दिए अधिक उपयोग किया जाता है, तो वह खराब हो जाता है। कुछ ऐसा ही हमारे पाचन तंत्र के साथ भी हो सकता है। यही वजह है कि व्रत रखने और हमारे शरीर को आराम देने, रिपेयर करने और उसे रिजुविनेट करने के लिए ब्रेक देने की सुंदर धारणा आती है। उपवास और कुछ वक्त तक ना खाना (जब तक आप सहज हों) लंबी उम्र के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण जीन को सक्रिय करने में मदद करता है- फॉक्सओ-3 और एसआईआरटी। ये जीन लाइफस्पेन, इंफ्लेमेशन, ऑक्सीडेटिव तनाव, कैंसर की रोकथाम, इम्यूनिटी और उम्र से संबंधित बीमारियों को रेग्युलेट करते हैं।
हमने यहां जो शेयर किया है, वह हमने विज्ञान, अनुभव और 80 और 90 के दशक के लोगों से बातचीत और उनसे ज्ञान लेने के माध्यम से सीखा है। साधारण जीवन जीने वाले साधारण लोग। सबसे अच्छा उदाहरण- हमारे दादा-दादी और बुजुर्ग। जाइए और उनसे पूछिए कि वे अपने 80 और 90 के दशक में स्वस्थ रहने के लिए क्या करते हैं? आपको आपका जवाब मिल जाएगा। यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़े-बहुत भी अच्छे बदलाव लाने का प्रयास करते हैं तो इससे हमारी उम्र भी लंबी होगी और हम निरोग भी रहेंगे। रोजाना व्यायाम करें, अच्छा खानपान लें और भरपूर नींद लें।