Symptoms and Signs of Stress: आज की भागदौड़ भरी दुनिया में स्ट्रेस हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा बन गया है, जिसकी हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं। यदि लंबे समय तक या लगातार स्ट्रेस रह गया तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए सही नहीं है। आप में से शायद अधिकतर लोगों को यह पता होगा कि स्ट्रेस होने पर हमारा शरीर अलग अलग तरह के संकेत देता है लेकिन इनकी तब तक अनदेखी करते हैं है, जब तक कि ये गंभीर प्रभाव नहीं दिखाते हैं। स्ट्रेस इन संकेतों को जल्दी पहचानकर इन्हें मैनेज करना जरूरी है। स्ट्रेस में हमारा शरीर 7 मुख्य संकेत देता है, आइए इनके बारे में जानने के साथ यह भी जानते हैं कि इन्हें कैसे मैनेज किया जा सकता है।
1. लगातार सिरदर्द

लक्षण : बार-बार होने वाला सिरदर्द स्ट्रेस का एक सामान्य संकेत है। यह अक्सर माथे के चारों ओर एक कसी हुई पट्टी की तरह महसूस होता है
समाधान : गहरी सांस लेने और रिलैक्स करने की कोशिश करें। स्ट्रेस कम करने के लिए सही पोश्चर जरूरी है। खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें और पर्याप्त नींद लें।
2. पाचन संबंधी समस्याएं
लक्षण : स्ट्रेस हमारे पाचन को बाधित कर सकता है, जिससे पेट दर्द, सूजन, मतली, एसिड रिफ्लक्स या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम हो सकते हैं।आपको यह जानकार आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन स्ट्रेस हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, इसमें गट और मस्तिष्क का कनेक्शन अहम भूमिका निभाता है।
समाधान : फाइबर वाली डाइट लें और अधिक कैफीन, शराब और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें। मेडिटेशन करें और रिलैक्स करने वाले एक्सरसाइज करें।
3. नींद में गड़बड़ी

लक्षण : सोने में दिक्कत, बार-बार जागना या बुरे सपने आना स्ट्रेस का संकेत हो सकता है। इसमें दिमाग बहुत एक्टिव रहता है, जिससे आराम करना मुश्किल हो जाता है।
समाधान : सोने से पहले स्क्रीन कम से कम देखने की सलाह दी जाती है। देर शाम कैफीन के सेवन से बचें। रिलैक्स करने वाला म्यूजिक सुनें।
4. दिल की धड़कन और सीने में जकड़न का बढ़ना
लक्षण : दिल की तेज धड़कन, सीने में जकड़न का अनुभव होना स्ट्रेस वाले एड्रेनालाईन स्पाइक्स का रीएक्शन हो सकता है। हालांकि कभी-कभार होना सामान्य है, लेकिन जब यह लगातार हो तो इसे नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
समाधान : गहरी सांस वाले एक्सरसाइज और योग करें। कैफ़ीन और शराब का सेवन कम से कम करें। यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
5. बिना किसी वजह मांसपेशियों में तनाव और शरीर में दर्द

लक्षण : स्ट्रेस की वजह से मसल्स टाइट हो जाते हैं, जिससे शरीर में दर्द, जबड़े में ऐंठन और पीठ या गर्दन में भी दर्द हो सकता है। लंबे समय तक मांसपेशियों में तनाव रहने से क्रॉनिक दर्द हो सकता है।
समाधान : नियमित रूप से स्ट्रेच करना और हिलना डुलना जरूरी है, खासकर यदि आपका काम लंबे समय के लिए बैठने का है। प्रोग्रेसिव म्सल्स रिलैक्सेशन एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही मसाज थेरेपी और वॉर्म बाथ जरूरी है।
6. बार-बार बीमार होना और कमजोर इम्यूनिटी
लक्षण : क्रॉनिक स्ट्रेस इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे आपको सर्दी, इन्फेक्शन और घाव भरने में देरी होने की आशंका अधिक हो जाती है।
समाधान : न्यूट्रिशन वाली डाइट लें और हाइड्रेटेड रहें। रेगुलर एक्सरसाइज जरूरी है। भरपूर नींद भी उतनी ही जरूरी है। करें और पर्याप्त नींद लें।
7. मूड स्विंग और भावनात्मक असंतुलन

लक्षण : इरिटेशन, एंजायटी, मूड स्विंग या उदास महसूस करना मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले स्ट्रेस का संकेत हो सकते हैं। कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।
समाधान : सेल्फ केयर पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर ब्रेक लें। किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या डॉक्टर से मिलें और बात करें। खुश आकर देने वाली हाबी और एक्टिविटीज करना जरूरी है।
