आमतौर पर गर्मियों में बच्चों को सनस्ट्रोक की समस्या हो जाती है क्योंकि इस मौसम में शरीर की खुद को ठंडा रखने की क्षमता कम हो जाती है। ब्रेन में एक पार्ट हाइपोथैलेमस होता है, जो बॉडी के टेंपरेचर को 95 से 98.6 फारनहाइट बीच में कंट्रोल करता है लेकिन जब हीट की वजह से हाइपोथैलेमस एबनॉर्मली काम करने लगता है, तो बॉडी का टेंपरेचर बढऩे लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में सन स्ट्रोक कहते हैं। इससे बच्चे में तेज बुखार, उलटी, दस्त, सिरदर्द, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो जाती है।
घरेलू उपाय
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अगर बच्चे को सन स्ट्रोक हो गया हो तो उसे आम का पन्ना पिलाएं। यह डिहाइडेशन और लू से बचाव करता है। इसे बनाने के लिए तीन चार कच्चे आमों को उबाल लें और फिर छीलकर उसके गूदे को पोदीने की पत्तियों के साथ पीस लें। इसे छानकर सादा पानी में मिक्स कर लें और उसमें हींग, जीरा पाउडर, काला नमक, चीनी स्वादानुसार मिलाएं।
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गर्मी से घबराहट होने पर या जी मिचलाने पर एक चम्मच सूखे पोदीने की पत्तियां और आधा चम्मच इलाइची का चूर्ण एक गिलास पानी में उबालकर ठंडा होने के बाद पीने से आराम मिलता है।
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प्याज और नींबू का रस पुदीना के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से बहुत जल्द आराम मिलता है।
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गर्मी में चक्कर आने पर एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर उसमें आधा चम्मच सफेद नमक मिलाकर देने से गर्मी कम होती है।
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गर्मी से बचने के लिए बेल को फोड़कर चीनी के साथ थोड़ा पानी डालकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। उसका गूदा अलग कर लें और थोड़े से पानी के साथ मिक्सी में चला लें। बच्चे को ठंडे 1 गिलास पानी में 3-4 चम्मच मिलाकर दें।
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धनिए को पानी में भिगो कर अच्छी तरह से मसल लें और छानकर उसमें थेाड़ी सी शकर मिला लें। इसे पीने से गर्मियों में राहत मिलेगी।
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पैरों के तलुवों में प्याज का जूस लगाने से लू उतर जाती है।
इन पर भी ध्यान दें
-बच्चों को लू में बाहर खेलने ना जाने दें और बच्चों को ढीले कपड़े पहनाएं।
-अपने भोजन में फलों और सब्जियों को खूब शामिल करें। लिक्विड डाइट भी खूब लें।
-शरीर पर ठंडा कपड़ा रखें, आइस की पट्टी रखें और शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें।
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