Summary: मानसून में क्यों ज़रूरी है फ्रिज की सफाई और डीफ्रॉस्टिंग
FSSAI की गाइडलाइंस के अनुसार, मानसून में हर 2 हफ्ते में फ्रिज की सफाई और डीफ्रॉस्टिंग जरूरी है, ताकि बैक्टीरिया, फंगस और फूड पॉइज़निंग के खतरे से बचा जा सके। यह आदत न सिर्फ स्वास्थ्य की सुरक्षा करती है, बल्कि बिजली की बचत और खाने की गुणवत्ता भी बनाए रखती है।
Monsoon Fridge Defrost: मानसून का मौसम अपने साथ नमी और उमस लेकर आता है, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य और दिनचर्या को प्रभावित करता है, बल्कि खाने-पीने की चीज़ों को स्टोर करने के तरीके को भी बदल देता है। इसी संदर्भ में FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने मानसून के दौरान खाद्य सुरक्षा को लेकर कुछ अहम दिशानिर्देश जारी किए। जहां आम तौर पर फलों और सब्जियों को अच्छे से धोने और रसोई की सफाई पर ज़ोर दिया जाता है, वहीं एक सलाह ने सबसे ज़्यादा ध्यान खींचा हर दो हफ्ते में फ्रिज को पूरी तरह साफ और डीफ्रॉस्ट करने की सिफारिश।
क्यों जरूरी है फ्रिज की सफाई और डीफ्रॉस्टिंग?
मानसून में हवा में मौजूद अत्यधिक नमी फ्रिज के अंदर भी घुस जाती है। इससे फ्रिज के अंदर नमी बढ़ जाती है, जो बैक्टीरिया और फंगस के विकास के लिए एक आदर्श माहौल बनाती है। यह सूक्ष्मजीव खाने की चीजों को दूषित कर सकते हैं, जिससे फूड पॉइज़निंग और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
हर दो हफ्ते में फ्रिज को डीफ्रॉस्ट और अच्छी तरह से साफ करने से इन संभावनाओं को कम किया जा सकता है। फ्रिज में गिरी हुई चीजें, जमी हुई बर्फ और छिपी नमी बैक्टीरिया और फंगस के लिए घर बन सकती हैं। अगर इन्हें समय रहते साफ नहीं किया जाए, तो यह आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं।
#Monsoon is a time of freshness and pleasant weather to enjoy, while personal #hygiene and #foodsafety can be a big concern!
— FSSAI (@fssaiindia) August 11, 2024
Here's your guide to #FoodSafety and #EatRight during Monsoons!!! #FSSAIMonsoon @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/M9sDKK7gzm
फ्रिज की डीफ्रॉस्टिंग और ऊर्जा बचत
फ्रिज में जमी हुई बर्फ न केवल कूलिंग एफिशिएंसी को कम करती है, बल्कि बिजली की खपत को भी बढ़ा देती है। जब फ्रिज पर ज्यादा बर्फ जम जाती है, तो कंप्रेसर को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है और बिजली का बिल भी। नियमित डीफ्रॉस्टिंग न केवल खाने को सुरक्षित रखती है, बल्कि बिजली की बचत में भी मदद करती है और फ्रिज की उम्र बढ़ाती है। इसलिए मानसून के दौरान हर दो हफ्ते में डीफ्रॉस्टिंग को आदत में शामिल करना एक समझदारी भरा कदम है।
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव

अगर आप मानसून के मौसम में फ्रिज की सफाई को नजरअंदाज करते हैं, तो इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। गर्मी और नमी के कारण फ्रिज में रखी चीज़ें जल्दी खराब होने लगती हैं। ऐसा खाना खाने से पेट दर्द, दस्त, उल्टी और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
खराब हो चुके खाने में न केवल स्वाद और गंध खराब हो जाती है, बल्कि वह खतरनाक जीवाणुओं का घर बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि मानसून में खासतौर पर फ्रिज की साफ-सफाई को प्राथमिकता दी जाए।
फ्रिज की सफाई कैसे करें?
हर दो हफ्ते में फ्रिज को बंद कर के अच्छी तरह से साफ करें।
अंदर की सभी ट्रे और कंटेनरों को निकालकर साबुन और गर्म पानी से धोएं।
फ्रिज के कोनों में जमा पानी और बर्फ को पूरी तरह हटाएं।
बेकिंग सोडा और पानी के मिश्रण से फ्रिज को साफ करने से दुर्गंध भी दूर होती है।
फ्रिज में रखे खाने को ढककर रखें और एक्सपायरी डेट पर ध्यान दें।
मानसून में फ्रिज की सफाई और डीफ्रॉस्टिंग केवल एक घरेलू काम नहीं, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ कदम है। FSSAI की इस सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि एक साफ-सुथरा और सूखा फ्रिज ही आपके भोजन को ताज़ा और सुरक्षित रख सकता है। इस आदत को अपनाकर आप न केवल बीमारी से बच सकते हैं, बल्कि खाने की बर्बादी और बिजली की खपत को भी कम कर सकते हैं।
