Wamiqa Gabbi Cameo Movie
Wamiqa Gabbi Cameo Movie

Wamiqa Gabbi Cameo Movie: “हर किरदार कुछ न कुछ सिखा जाता है चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो।” यह बात बॉलीवुड की नई चमकती अदाकारा वामिका गब्बी की कही है और उनके फिल्मी सफर पर तो यह बिल्कुल सटीक लगती है। वामिका की बॉलीवुड यात्रा इस बात की मिसाल है कि सितारा बनने के लिए हर बार लीड रोल जरूरी नहीं, बल्किअपने काम से प्यार ही सब कुछ है।

2007 में रिलीज़ हुई इम्तियाज़ अली की सुपरहिट फिल्म ‘जब वी मेट’ ने जहां करीना कपूर और शाहिद कपूर को एक आइकॉनिक जोड़ी बना दिया, वहीं इस फिल्म में एक छोटे से किरदार में नजर आईं वामिका ने भी अपने एक्टिंग करियर का पहला बीज बो दिया था। वो फिल्म में गीत (करीना कपूर) की चुलबुली और प्यारी कज़िन बनी थीं।

‘बॉली’ के साथ बातचीत में वामिका ने उस समय को याद करते हुए कहा है, “मैं लंबे समय से इंडस्ट्री में हूं और इसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है। उन्होंने हमेशा मुझे जमीन से जोड़े रखा। मेरे अच्छे दोस्त हमेशा साथ रहे इसलिए कभी हिम्मत नहीं टूटी। जब आप अंदर से साफ होते हो, तो सही लोग और मौके खुद ही आपके पास आते हैं। जब मैं पूरी तरह तैयार हुई, तब सही मौके मुझे मिलना शुरू हुए।” वामिका ने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि उन्हें फिल्म में कितना स्क्रीन टाइम मिलेगा। उन्हें बस किरदार से जुड़ाव चाहिए होता है। ‘लव आज कल’, ‘मौसम’, ‘बिट्टू बॉस’, ‘सिक्सटीन’ और ‘83’ जैसी फिल्मों में उन्होंने छोटे-छोटे कैमियो किए, लेकिन हर रोल में उन्होंने कुछ नया सीखा और वही सीख आज उनके अभिनय की गहराई में झलकती है।

द बॉम्बे जर्नी में उन्होंने कहा है, “हर रोल, चाहे वो कितना भी छोटा हो, आपको एक्टिंग के बारे में और खुद के बारे में कुछ नया सिखाता है।” वामिका का मानना है कि किसी रोल को करने का फैसला दिमाग से नहीं, दिल से होना चाहिए। वे कहती हैं, “मैं अपनी गट फीलिंग से रोल चुनती हूं। अगर कोई किरदार मुझे उत्साहित करता है, तो मैं स्क्रीन टाइम के बारे में नहीं सोचती। जो सच्चाई से किया जाए, वही लोगों को याद रहता है।”

फिल्म ‘भूल चूक माफ़’ के प्रमोशन के दौरान वामिका ने एक किस्सा सुनाया जो वायरल हो गया। उन्होंने याद किया, “जब मैं पहली बार शाहरुख खान से मिली, तो मेरे भाई ने मजाक में कहा थी अगर उनका ध्यान खींचना है तो कलाई काट लो! ये सुनकर सब सन्न रह गए। बाद में जब मैंने ये बात खुद एसआरके को बताई तो पूरी यूनिट चुप हो गई। मैंने उन्हें तुरंत धन्यवाद कहा और आगे बढ़ गई।” 

‘भूल चूक माफ’ की शूटिंग वामिका के लिए आसान नहीं रही। एक इंटरव्यू में उन्होंने राजकुमार राव के साथ बातचीत में बताया, “हम रोज घाट पर शूट कर रहे थे, 50 डिग्री तापमान में। मेरी स्किन तो जल गई थी, लेकिन बाद में पता चला कि मेरे बाल भी झुलस गए हैं। मुझे तो ये तक नहीं पता था कि बालों पर भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए”। 

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...