राजामौली बनाएंगे महाभारत, 10 भागों में होगी फिल्म?: Mahabharat
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Mahabharat: आर आर आर, बाहुबली और मक्‍खी जैसी फिल्‍में बनाने वाले राजामौली बहुत समय से पौराणिक फिल्‍म बनाने का संकेत देते हैं। लार्जर दैन लाइफ फिल्‍में बनाने वाले राजामौली की फिल्‍मों में सिनेमैटोग्राफी के जरिए जो करिश्‍मा पर्दे पर उतारा जाता है उसका जादू दर्शक बाहुबली और आरआरआर जैसी फिल्‍मों में देख चुके हैं। पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्‍म बनाना उनका सपना रहा है। राजामौली ने कुछ समय पहले महाभारत बनाने की इच्‍छा जताई थी। महाभारत पर फिल्‍म बनाना इतना आसान नहीं होगा और राजामौली भी इस पर फिल्‍म बनाने से पहले रिसर्च करना चाहते हैं। वे इससे जुड़ी अब तक की सीरियल्‍स और मौजूद ग्रंथों को पढ़ कर आगे काम करना चाहते हैं। अपने इस ड्रीम प्रोजेक्‍ट पर वे जल्‍द ही काम शुरू कर सकते हैं।

दस पार्ट में बनेगी महाभारत

एसएस राजामौली ने महाभारत की स्क्रिप्‍ट खुछ लिखना चाहते हैं। वे महाभारत ग्रंथ पढ़ने के बाद स्क्रिप्‍ट में कुछ ट्विस्‍ट देकर उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। उन्‍होंने आरआरआर के प्रमोशन के दौरान इन बातों का जिक्र करते हुए कहा था कि स्क्रिप्‍ट पूरी होने के बाद ही वो कास्टिंग के बारे में सोचेंगे। राजामौली का मानान है कि अगर महाभारत पर फिल्‍म बनी तो उसे एक पार्ट में पूरा करना थोडा मुश्किल होगा। उन्‍हें लगता है कि फिल्‍म लगभग दस हिस्‍सों में पूरी हो पाएगी। क्‍योंकि टीवी पर मौजुद महाभारत के लगभग 266 एपिसोड की गाथा को दो-ढाई घंटे में पूरी दिखा पाना आसान नहीं है। राजामौली इस फिल्‍म को बनाने का सपना काफी समय से देख रहे हैं।

फिल्‍म के लिए ग्रंथों को पढ़ने में सालों लग सकते हैं

महाभारत हो या कोई अन्‍य पौराणिक गाथा उसके लिए उससे जुडे ग्रंथों से समझना जरूरी हो जाता है। क्‍योंकि आप किसी धर्म से जुडी एक गाथा दिखाने जा रहे हैं तो उसपर रिसर्च करनी ही पड़ती है। इसी के चलते राजामौली का मानना है कि महाभारत के जितने भी वर्जन है उन्‍हें पढने में लगभग एक साल लग सकता है। यही नहीं उसे पढ़ने के बाद ही स्क्रिप्‍ट लिखी जा सकेगी। तो आप ये मान सकते हैं कि अपने सपने को पूरा करने के लिए राजामौली को भी सालों तक तपस्‍या करनी पड़ेगी।

प्राचीन सभ्‍यता पर फिल्‍म बनाने का सपना रह गया अधूरा

राजामौली ने कुछ समय पहले बताया था कि वो प्राचीन सभ्‍यता पर भी फिल्‍म बनाना चाहते थे। मोहनजोदडो की प्राचीन सभ्‍यता को पर्दे पर दिखाने का उनका सपना अधूरा ही रह गया। क्‍योंकि इस फिल्‍म के लिए पाकिस्‍तान सरकार ने उन्‍हें मोहनजोदडो जाने की परमिशन नहीं दी। दरअसल कुछ दिनों पहले महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने सोशल मीडिया पर राजामौली से प्राचीन सभ्‍यता पर फिल्‍म बनाने का आग्रह किया था।

उसके जवाब में राजामौली ने बताया कि वो सिंधु घाटी स‍भ्‍यता पर फिल्‍म बनाना चाहते थे। मगधीरा की शूटिंग के दौरान एक पुराने पेड़ के जीवाश्‍म को देख उन्‍हें ये आइडिया आया था। जिसके लिए वे पाकिस्‍तान गए भी ल‍ेकिन पाकिस्‍तान सरकार की तरफ से सपोर्ट न मिलने पर उनका ये सपना अधूरा ही रह गया।

भले ही उनका प्राचीन सभ्‍यता पर फिल्‍म बनाने का सपना पूरा न हुआ हो लेकिन हम उम्‍मीद करते हैं कि महाभारत की पौराणिक गाथा पर वे फिल्‍म बनाने में सफल होंगे। जिससे दर्शकों भी एक और महान गाथा करिश्‍माई रूप में बडे पर्दे पर देखने को मिल सके।