अगले साल से ब्रिटेन के टीवी चैनल नहीं दिखा सकेंगे दिन में जंक फ़ूड के विज्ञापन
ब्रिटेन के बच्चों में इस वजह से बढ़ते मोटापे को देखते हुए यहाँ की सरकार ने ग्रैनुला, मफिन्स, म्यूसली, बर्गर और एनर्जी ड्रिंक जैसी खाने-पीने की चीजों को जंक फूड मानते हुए इनके विज्ञापनों को दिन में टीवी पर न दिखाए जाने का फ़ैसला लिया है।
Junk Food Advertisment: पिज़्ज़ा, बर्गर, पेस्ट्री, कुकीज़, आइसक्रीम जैसी चीज़ें हर बच्चे को पसंद आती हैं। उन्हें ये आइटम किसी भी समय कितना भी दे दें वो खाने से मना नहीं करेंगे। लेकिन, ये टेस्टी लगने वाले आइटम्स बच्चों की सेहत के लिए बेहद नुक़सानदायक साबित हो सकते हैं क्योंकि इनसे बच्चों में मोटापा तेज़ी से बढ़ता है। टीवी पर इन आइटम्स के विज्ञापन बच्चों को सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं। ब्रिटेन के बच्चों में इस वजह से बढ़ते मोटापे को देखते हुए यहाँ की सरकार ने ग्रैनुला, मफिन्स, म्यूसली, बर्गर और एनर्जी ड्रिंक जैसी खाने-पीने की चीजों को जंक फूड मानते हुए इनके विज्ञापनों को दिन में टीवी पर न दिखाए जाने का फ़ैसला लिया है।
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क्या है नया क़ानून
दरअसल, सरकार जंक फ़ूड से बच्चों को दूर रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। नया नियम लागू होने के बाद खाने पीने की इन चीजों से जुड़े विज्ञापन केवल रात 9 बजे के बाद ही दिखाये जा सकेंगे। यह क़ानून अगले साल अक्टूबर के महीने से लागू किया जाएगा। इन रोक लगाये गये आइटम्स में पैनकेक, बॉम्बे मिक्स और चिकेन नगेट भी शामिल हैं। हेल्दी आइटम्स जैसे पॉरिज ओट और बिना चीनी वाला दही के विज्ञापन इस रोक से बाहर हैं। इसके अलावा सरकार, फैट, शुगर वाले कई दूसरे पैकेट बंद खाने पीनी की चीजों के विज्ञापन पर भी रोक लगा रही है। ज्यादा फैट, शुगर और नमकीन फ़ूड आइटम के विज्ञापन पर टेलीविजन पर रात 9 बजे से पहले तथा ऑनलाइन विज्ञापन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।

क्या होगा असर
ब्रिटेन सरकार का मानना है कि नए प्रतिबंधों के लागू होने के बाद सालाना तौर पर करीब 20 हजार बच्चों को मोटापे की समस्या से बचाया जा सकता है। बच्चों को टारगेट बनाने वाले इन विज्ञापनों पर रोक लगने से बच्चों में इन जंक फ़ूड को लेकर चाहत कम हो सकती है।
चिंताजनक स्थिति
ब्रिटेन के बच्चों में मोटापे की समस्या बहुत बढ़ रही है। यहाँ की नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, बच्चों में मोटापा बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है। ब्रिटेन में चार साल की उम्र वाला हर दसवां बच्चा बढ़ते वजन या मोटापे की समस्या से ग्रस्त है। इसके साथ ही, पांच साल की उम्र वाले हर पांचवे बच्चे को दांत में सड़न की दिक्कत हो रही है। ऐसे प्रॉडक्ट्स जिनमें चीनी की मात्रा ज्यादा है, उनसे दांत सड़ने और मोटापे की समस्या सामने आ रही है।
मोटापे से हो सकती हैं दूसरी समस्याएँ
बच्चों में बढ़ते मोटापे से उनमें दूसरी बहुत सी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। इससे टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएँ कम उम्र में ही हो सकती हैं। अधिक वजन वाले बच्चे हृदय रोग की गंभीर बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं।
