जंक फूड के विज्ञापन से मोटापे का शिकार हो रहे बच्चे
हाल ही में हुए एक नए रिसर्च से यह पता चला है कि जंक फूड के विज्ञापन महज 5 मिनट देखने से भी बच्चे ज्यादा खाना खा जाते हैं, जिससे उनमें मोटापे का खतरा काफी बढ़ जाता है।
Junk Food Ads Effect on Kids on Kids: यह बात तो हम सब अच्छे से जानते हैं कि जंक फूड बच्चों की सेहत के लिए कितना ज्यादा नुकसानदायक होता है। सिर्फ यही नहीं बल्कि जंक फूड के विज्ञापन भी बच्चों को आकर्षित करके उनकी भूख को बढ़ाने का काम करते हैं। हाल ही में हुए एक नए रिसर्च से यह पता चला है कि जंक फूड के विज्ञापन महज 5 मिनट देखने से भी बच्चे ज्यादा खाना खा जाते हैं, जिससे उनमें मोटापे का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन बच्चों ने जंक फूड के विज्ञापन को देखा या सुना, उन्होंने औसतन 130 कैलोरी खाई।
240 बच्चों पर किया गया रिसर्च

यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के द्वारा यह रिसर्च किया गया है और इसे यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी में प्रस्तुत किया गया। यह रिसर्च मर्सीसाइड के स्कूल के 7 – 15 साल के उम्र वाले 240 बच्चों पर किया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार उन्होंने दो अलग-अलग समय पर बच्चों को पांच मिनट जंक फूड का विज्ञापन दिखाया, जिसके बाद बच्चों को चॉकलेट जैसे स्नैक्स दिए गए और इसके बाद में लंच में कई तरह के नमकीन व मीठे चीजें खाने को दी गईं। इसमें पाया कि विज्ञापन देखने के बाद बच्चों ने स्नैक्स में 58 कैलोरी ज्यादा खाई जबकि दोपहर के खाने में 73 कैलोरी ज्यादा खाई।
खाद्य विज्ञापनों का बच्चों की खाने की आदत पर पड़ता है प्रभाव

अध्ययन की मुख्य लेखिका और लिवरपूल विश्वविद्यालय में खाद्य विपणन एवं बाल स्वास्थ्य की प्रोफेसर एम्मा बॉयलैंड ने कहा कि विज्ञापन अब सिर्फ उत्पाद बेचने का तरीका नहीं है, बल्कि ये बच्चों की भूख और स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहे हैं। यह पहला अध्ययन है, जो बच्चों के खाने पर विज्ञापन के प्रभाव को दिखाता है। हमने यह भी दिखाया कि बच्चे न केवल विज्ञापन देखने के तुरंत बाद अधिक खाते हैं, बल्कि विज्ञापन देखने के कुछ घंटे बाद लंच में भी ज्यादा खाना खाते हैं। उन्होंने साथ में यह भी बताया कि बच्चों को वे खाद्य पदार्थ नहीं परोसे गए, जो विज्ञापन में दिखाए गए थे बल्कि वे दूसरे खाद्य पदार्थ थे।
इस बारे में ओबेसिटी हेल्थ अलायंस की निदेशक कैथरीन जेनर ने कहा कि इस अध्ययन से “नीति निर्माताओं को स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि वे जंक फूड के विज्ञापन से बच्चों में अत्यधिक कैलोरी सेवन को बढ़ावा दे रहे हैं।
क्या होनी चाहिए पेरेंट्स की भूमिका

- कुछ देश की सरकार जंक फूड के विज्ञापन पर काम करना शुरू कर दी हैं, जैसे यूके में रात 9 बजे से पहले जंक फ़ूड के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर काम किया जा रहा है। सरकार के अलावा इसमें माता-पिता और विज्ञापनदाता की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है। ये कुछ समाधान हैं, जिनका हम सब मिलकर पालन कर सकते हैं-
- पेरेंट्स बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करने की कोशिश करें और इस बात का पूरा ध्यान रखें कि उनके बच्चे टीवी व फोन पर क्या देख रहे हैं। साथ ही बच्चों को घर में रखने के बजाए उन्हें बाहर खेलने के लिए भेजें।
- बच्चों के लंच बॉक्स के लिए हेल्दी चीजें आकर्षक अंदाज में बनाएं, जिसे देखकर बच्चे खुशी-खुशी खाएं।
- बच्चों को हेल्दी खाना खाने के फायदों के बारे में बताएं। उन्हें प्यार से समझाएं कि विज्ञापनों में दिखाई जाने वाली चीजें हेल्दी नहीं होती हैं, उन्हें खाने से बच्चे बीमार पड़ते हैं और मोटापे का शिकार होते हैं।
