Manage Screen Time
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बच्चों की ये आदतें छुड़ाना है बेहद जरूरी: Harmful Habits in Children

चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी आदतें हैं जो बच्चों में सुधारना जरूरी है।

Kids Bad Habits: बच्चे मन के सच्चे होते हैं, वह बेहद मासूम होते हैं और कुछ भी करने से पहले ज्यादा सोचने पर यकीन नहीं रखते हैं। लेकिन उनमें कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिन्हें बचपन में ही सुधारनी चाहिए, नहीं तो वह भविष्य में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी आदतें हैं जो बच्चों में सुधारना जरूरी है।

Kids Bad Habits-Kids Screen Time
Kids Screen Time

बच्चों का ज्यादातर समय मोबाइल, टेलीविजन या कंप्यूटर पर बिताना उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट डाल सकता है। इससे आंखों की समस्याएं, मोटापा की कमी हो सकती है। माता-पिता को बच्चों को बाहरी खेलों और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ताकि उनकी स्क्रीन टाइम कम हो सकें।

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Junk Food habits

बच्चों को ज्यादा शक्कर, चॉकलेट, बर्गर, पिज्जा जैसे जंक फूड से दूर रखना जरूरी है। यह आदतें मोटापा, डायबिटीज, दांतों की समस्या और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। बच्चों को स्वस्थ और संतुलित आहार की आदत डालनी चाहिए।

बच्चों को झूठ बोलने की आदत पड़ने से उनके मानसिक और भावनात्मक विकास पर गंभीर असर पड़ सकता है। जब बच्चे झूठ बोलते हैं, तो यह उनके भीतर एक तरह की असत्यता की भावना उत्पन्न करता है, जिससे उनका आत्मविश्वास और रिश्तों में विश्वास की भावना कमजोर हो सकती है। भविष्य में, ऐसे बच्चे दूसरों पर विश्वास नहीं कर पाते और खुद भी दूसरों को गलत साबित करने में लगे रहते हैं। यह आदत उनके जीवन में बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि दोस्ती में दरार, फैमिली में तनाव।

कई बार बच्चों को हर छोटी-छोटी चीज़ों के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आदत हो जाती है, खासकर जब वे किसी भी काम को करने में असमर्थ महसूस करते हैं या उन्हें लगता है कि वे यह काम अकेले नहीं कर सकते। यह आदत धीरे-धीरे बच्चों के आत्मविश्वास को कम कर सकती है, क्योंकि वे खुद को हर समस्या का समाधान ढूंढने में सक्षम नहीं समझते। इसलिए बच्चों को छोटे-छोटे काम खुद करने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे अपने कपड़े पहनना, खुद खाना बनाना आदि।

बच्चों में नकारात्मक सोच का विकास एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो न केवल उनके आत्मविश्वास को प्रभावित करती है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकती है। जब बच्चों के मन में नकारात्मक विचार आते हैं, तो वे अपने आत्म-संस्कार को कमजोर महसूस करने लगते हैं, और उन्हें हर समस्या का समाधान कठिन और असंभव सा नजर आता है। यह उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे वे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इसलिए उन्हें हमेशा पॉजिटिव एनर्जी दें।

बच्चों में अनुशासन की कमी से उनकी पढ़ाई, घर का काम और दैनिक गतिविधियों में परेशानी हो सकती है। उन्हें समय का प्रबंधन, जिम्मेदारी और नियमितता सिखाना महत्वपूर्ण है। ताकि वो भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए पहले से ही तैयार रहे।

स्वाति कुमारी एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो वर्तमान में गृहलक्ष्मी में फ्रीलांसर के रूप में काम कर रही हैं। चार वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली स्वाति को खासतौर पर लाइफस्टाइल विषयों पर लेखन में दक्षता हासिल है। खाली समय...