Best fruits to lower cholesterol
Best fruits to lower cholesterol - Plum

आलू बुखारा एक स्वादिष्ट और जूसी फल है और विभिन्न रंगों में उपलब्ध होता है। ये फल विटामिन्स और मिनरल्स का एक उत्कृष्ट स्रोत है। साथ ही इसमें विटामिन ए, सी, के, बी 1, बी 2, बी 3 के साथ.साथ विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में होता है। यह खट्टा.मीठा फल आपकी हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। आलूबुखारे में सैच्युरेटेड फैट या संतृप्त वसा बिल्कुल भी नहीं होता, जिससे इसे खाने के बाद आपको पोषक तत्व भी मिलते हैं और वजन भी नहीं बढ़ता। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके दिमाग को भी स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। यह आपके तनाव को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है।लेकिन क्या आप जानती हैं कि आलूबुखारा आपकी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इसे त्वचा लगाने से आप त्वचा को जवां, बेदाग और गोरा बना सकती हैं।

 

एंटी.एजिंग में फायदेमंद

आलूबुखारे में हमारी त्वचा के लिए एंटी.एजिंग गुण होते हैं। यह उम्र बढ़ने के संकेत जैसे कि झुर्रियां, फाइन लाइन्स, उम्र के धब्बे आदि को कम करने में बहुत प्रभावी है । इसमें विटामिन सी, ई के साथ.साथ बीटा.कैरोटीन होता है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और हमारे शरीर के सेल्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है। इस तरह आलूबुखारा उम्र बढ़ने के संकेतों को दूर रखने का काम करता है। इसके अलावा, आलू बुखारा के एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण हमारी त्वचा की लोच को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमारी त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को बूस्ट करने के साथ.साथ सूजन को भी कम करता है।

 

एंटी.एजिंग के लिए आलूबुखारे का इस्तेमाल कैसे करें।

 

सामग्री

आलू बुखारे. 1 से 2

गुलाबजल. 1/2 चम्मच

बनाने और इस्तेमाल का तरीका

इस पैक को बनाने के लिए सबसे पहले आलूबुखारे लें और उनका गूदा निकाल लें।

गूदे को मैश कर लें और फिर इसमें गुलाब जल या खीरे का रस मिलाएं।

इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाएं।

इसे 15.20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

फिर सामान्य पानी से धो लें। इस उपाय को कम से कम हफ्ते में दो बार जरूर आजमाएं।

 

चमकदार त्वचा

आलूबुखारे में मौजूद विटामिन सी त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करता है। अपनी डाइट में इसको शामिल करने से त्वचा का रंग निखरता है और चमक भी बनी रहती है। इसके अलावा यह त्वचा को धूप की खतरनाक किरणों से भी बचा कर रखता है।

 

मजबूत बाल

इसमें मौजूद विटामिन और प्रोटीन बालों को झड़ने से रोकते हैं और उन्हें मजबूती प्रदान करते हैं।

 

डैंड्रफ

इस समस्या को दूर करने के लिए आलूबुखारे के बीज को पीसकर उसमें पानी मिक्स करें और इसे बालों की जड़ों में लगाएं।

 

हड्डियां मजबूत बनाएं 

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में आलूबुखारा बेहद सहायक है। रजोनिवृत्ति के उपरांत महिलाएं आलूबुखारे का सेवन करें तो वे स्वयं को ओस्टियोपोरेसिस से बचा सकती हैं।

 

दिमाग को रखे स्वस्थ

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी त्वचा के साथ ही दिमाग को भी स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। यह आपके तनाव को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है।

 

बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है

यह आपके बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। आलुबुखारे में आयरन की मात्रा होती है जो ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करती है। पोटेशियम होने से शरीर के सेल्स स्ट्रांग बनते हैं और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

 

शुगर कंट्रोल में मदद

आलूबुखारा शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। आलूबुखारा में कार्बोहाईड्रेट्स काफी मात्रा में होते हैं। चूंकि इसमें फाइबर भी होता है और वह कार्ब्स को अब्जॉर्ब करने की प्रक्रिया को स्लो कर देते हैं। इसकी वजह से खाना खाने के बाद भी शुगर का लेवल नहीं बढ़ता।

 

आंखों के लिए फायदेमंद

इसमें मौजूद जेक्सनथिन फाइबर आंखो के रोटी.ना को हैल्दी रखने में बहुत फायदेमंद है। इसी के साथ आलूबुखारा आंखों को सूरज की यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

 

एसिडिटी

आलूबुखारे की पत्तियों को पीसकर पेट पर लगाने से पेट के कीड़े मरते है। पित्त से जुड़े विकारों से छुटकारा पाने के लिए इनका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। जिन लोगों को खाने के बाद एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है, उन्हें खाने से 1 घंटा पहले आलूबुखारे के जूस का सेवन आवश्य करना चाहिए। आलूबुखारे के बीजों में से निकलने वाले बादामों के सेवन करने से खट्टे डकारों की प्रॉब्लम से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

कब्ज

आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में सहायक माना जा सकता है। साथ ही एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

इम्यूनिटी

आलूबुखारा फल में मौजूद विटामिन.ए प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही इसमें मिलने वाला विटामिन.सी शरीर में मौजूद टिश्यू को रिपेयर करने और इनके विकास में सहायक होते हैं। वहीं, आलूबुखारा को लेकर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, प्लम में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण हो सकते हैं। आहार में प्लम को शामिल करने के बाद बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी पाई गई à¤¹à¥ˆà¤‚।

आलूबुखारा का उपयोग

आलूबुखारा के उपयोग करने के कई तरीके हैं, लेकिन इससे पहले आपको ठोसए रसदार और बिना निशान लगे हुए आलूबुखारे खरीदने चाहिए।

आप आलूबुखारे को काटकर ओटमील, सलाद, दही, स्मूदी और पुडिंग में मिलाकर खा सकते हैं।

आप आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा दोनों को पिज्जा की टॉपिंग के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं।

आलूबुखारा का इस्तेमाल मफिन, ब्रेड और अन्य डेजर्ट में भी किया जा सकता है।

आलूबुखारे की आप खट्टी.मिठ्ठी चटनी भी बना सकते हैं।

आप इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं।

सूखा आलूबुखारा को आप आइसक्रीम व केक की टॉपिंग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

सूखे आलूबुखारे को सीधे स्नैक के तौर पर भी खाया जा सकता है ।

 

 

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