aging is one reason
aging is one reason

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे त्वचा में झुर्रियां नज़र आने लगती हैं। ऐसे में आप चिंतित हो जाती हैं। पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। बाजार में कई तरह की एंटी रिंकल क्रीम, एंटी एजिंग सीरम, और एंटी एजिंग रिजीम उपलब्ध हैं, जो आपको युवा होने का एहसास दिलाएंगी और आपकी सुंदरता को चार-चांद लगाएंगी, लेकिन उनका सही चयन भी उतना ही जरूरी है। तो आइये बताते हैं कि एंटी रिंकल क्रीम, एंटी एजिंग सीरम, एंटी एजिंग रिजीम का चयन और इस्तेमाल कैसे करें। 

एजिंग के विभिन्न रूप :- स्किन स्पेशलिस्ट के आधार पर चेहरे की स्किन की उम्र को हम तीन पार्ट में बांट सकते हैं। पहले पार्ट को हम कहते हैं मियो एजिंग। दरअसल इसकी शिकायत उन युवतियों या महिलाओं को ज्यादा होती है, जिनका कार्य मार्केटिंग, एयर हॉस्टेस या रेसेप्सनिस्ट का है, क्योंकि इन्हें अपने कस्टमर्स से डार्केस्ट डील करनी होती है और इसके लिए अक्सर बनावटी हंसी का भी सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में उनकी एक्सप्रेशन लाइन्स यानी आंख और मुंह के आसपास की कोशिकाओं पर प्रभाव पड़ता है। दूसरे पार्ट को हम प्रोमो एजिंग कह सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि जब महिला 35 से 40 की उम्र के पड़ाव पर पहुंचती है, तब उनकी स्किन के टिश्यू यानी ऊतक कमजोर हो जाते हैं, जिसके कारण इस उम्र में स्किन ढीली पड़ जाती है। तीसरे पार्ट को हम हार्मोनल एजिंग कहते हैं। यह शरीर में हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है। इसे पोस्ट मेनोपोजल एजिंग भी कहते हैं। इसमें स्किन की पहली परत काफी पतली हो जाती है। चेहरे पर झांइयां होने लगती हैं। फिर स्किन का रूखापन बढऩे लगता है। चेहरे की रूपरेखा बदलने लगती है। नाक व गालों की हड्डी आदि में थोड़ा बदलाव हो जाता है।

सामान्य उपाय :- त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार 30 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते चेहरे की त्वचा में शुष्कता बढ़ती जाती है। इसके लिए क्लीजिंग, टोनिंग, मॉइश्चराइजिंग के अलावा हाइड्रेटिंग जरूरी है। हाइड्रेटिंग यानी चेहरे की शुष्कता को खास तौर पर बनाई गई हाइड्रेटिंग क्रीम लगा कर दूर की जाती है। तनावपूर्ण जीवन के कारण आंखों के नीचे काले घेरे, हल्की सूजन और झुर्रियां हो जाती हैं। इससे बचने के लिए अंडरआई क्रीम का इस्तेमाल करें। यवन एस्थेटिक की फाउंडर और मेडिकल हेड डॉ. माधुरी अग्रवाल ने एंटी रिंकल क्रीम, सीरम, रिजीम को चुनने के कुछ तरीके बताएं हैं जैसे –

  • दिन की शुरुआत हमेशा सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर से करनी चाहिए। आपकी त्वचा पर सबसे ज्यादा नुकसान बाहरी वातावरण और सूरज की तेज रोशनी से होता है। इसलिए सबसे पहला एंटी एजिंग प्रोडक्ट सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर होना चाहिए।
  • सनस्क्रीन खरीदते वक्त उसमें यूवीए और यूवीबी किरणों से सुरक्षा देने की क्षमता हो और मॉइश्चराइजर भी हो क्योंकि मॉइश्चराइजर आपके चेहरे की फाइन लाइन्स को कवर करता है। त्वचा के खुरदरेपन और झुर्रियों से बचने के लिए हर 2 से 3 घंटे में सनस्क्रीन एप्लाई करें।
  • अब एक-एक करके अपनी त्वचा की समस्या को समझें और फिर इसके उपाय करें। अगर आपको झाइयों की समस्या है तो आप पहले एंटी पिगमेंटेशन प्रोडक्ट का यूज करें या रिंकल की समस्या होने पर पहले एंटी रिंकल क्रीम का प्रयोग करें।
  • अपनी त्वचा के अनुरूप ही प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिये। यदि किसी प्रोडक्ट से आपको रैशेस या खुजली होने लगे तो उसका इस्तेमाल बंद कर दें।
  • डॉ. अग्रवाल के अनुसार कोई भी प्रोडक्ट हमें दस साल कम उम्र का नहीं दिखा सकता, इसलिए ऐसे भुलावे में न आए। किसी भी एंटी एजिंग प्रोडक्ट का सही परिणाम आपको 6 से 8 हफ़्तों में दिखेगा। इसलिए कम से कम 3 महीने तक इसका डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस्तेमाल करें।

एंटी रिंकल क्रीम का उपयोग करें :- क्रीम का उपयोग करने से पहले अच्छे से निर्देशों को पढ़ लें। ज़्यादातर क्रीम्स लगाने के बाद त्वचा में समा जाती हैं, परंतु कुछ क्रीम्स को बाद में धोना भी पड़ता है। उन क्रीम्स का उपयोग करें जिनमें मुख्यत: अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड, किनेटिन, कोएंजाइम, कॉपर पेप्टाइड्स या अन्य एंटीऑक्सीडेंट हों।

डॉक्टर द्वारा दी क्रीम का उपयोग करें :- डॉक्टर द्वारा दिया गया कोई भी उत्पाद जिसमें रेटिनॉइड की अधिक मात्रा हो, वो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। अपने डॉक्टर या औषध विक्रेता से रेटिनॉइड के उपयोग के बारे में सलाह लें। ट्रेटिनॉइन और टेजारॉटीन डॉक्टर द्वारा दी गई रेटिनॉइड्स के दो सामान्य उदाहरण हैं। याद रखें कि रेटिनॉइड्स विटामिन से उत्पन्न होते हैं।

त्वचा पर प्राइमर लगाएं :- अस्थायी रूप से और तुरंत ही त्वचा की झुर्रियों को कम करने के लिए प्राइमर का उपयोग करें कोई भी अन्य मेकअप, खासकर फाउंडेशन लगाने से पहले, प्राइमर का उपयोग करें। मॉइश्चराइजर लगाने के तुरंत बाद प्राइमर लगाना ठीक उपाय है। सिर्फ फाउंडेशन या कन्सीलर से झुर्रियों को ढकने की कोशिश ना करें।

वेनम सीरम का प्रयोग करें :- कुछ प्रसिद्ध हॉलीवुड हस्तियां इसका प्रयोग करती हैं। ऐसे उत्पाद जिन पर ‘वेनम सीरम या ‘वेनम रिंकल क्रीम लिखा हो, उनमें ऐसे प्रोटीन होते हैं, जो सांप के वेनम जैसे प्रतीत होते हैं। ये आपके चेहरे की त्वचा को अस्थायी रूप से पैरालाइज करते हुए कसता है और झुर्रियों को कम करता है। इस प्रकार के सीरम कुछ ही समय में बहुत अच्छे परिणाम देते हैं। केरेटिनोसाइट ग्रोथ फैक्टर युक्त उत्पाद का प्रयोग अपनी झुर्रियों पर करें, फिर मॉइश्चराइजर का उपयोग करें।

एंटी एजिंग आई क्रीम :- एंटी एजिंग स्किन क्रीम ही नहीं बल्कि एंटी एजिंग आई क्रीम के चयन में भी सावधानी बरतनी चाहिए। इस बाबत डॉ माधुरी अग्रवाल कहती हैं कि आंखों के लिए अच्छी मॉइस्चराइजिंग आई क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। इस क्रीम में विटामिन सी, ह्यलुरोनिक,सीवीड एक्सट्रेक्ट, एक्टिव पेप्टिसाइड्स, क्यू10 कोइंज़ीम का समावेश होना चाहिए। इन सामग्रियों से आंखों के काले घेरे के साथ आंखों के नीचे का फूलापन भी कम होता है। सनस्क्रीन के साथ साथ हर 3 से 4 घंटे में आई क्रीम का भी इस्तेमाल करना चाहिए। घर से बहार निकलते समय uva और uvb किरणों से बचने के लिए ग्लेयर्स यानि चश्मों का प्रयोग करें। डॉ अग्रवाल के अनुसार खानपान का असर भी आंखों पर होता है। इसलिए ज़्यादा मसालेदार भोजन और मदिरा का सेवन कम करें। इतना ही नहीं सोते समय अपनी पोजीशन का भी ध्यान रखें। मसलन सोते समय पेट के बाल न सोएं इससे आंखों के निचले हिस्से की त्वचा फूल जाती है।

नई तकनीकों का बाजार :- आजकल विशेष स्किन टेस्टिंग मशीन द्वारा स्किन टेस्ट किया जाता है, जिसमें चेहरे के किस भाग की त्वचा कैसी है यह आसानी से मालूम हो जा सकता है। टेस्टिंग मशीन में एक लैपटॉप और एक डर्मोस्कोप होता है। डर्मोस्कोप के जरिए हम त्वचा पर कैमरे को लगाते हैं, जिससे त्वचा की बड़ी और बारीक छवि लैपटॉप स्क्रीन पर दिखाई देती है। मेलानोमीटर से चेहरे पर झांइयों का स्तर मालूम हो जाता है। चेहरे के प्रभावित हिस्से मालूम हो जाने पर उसका इलाज करने में आसानी होती है। आजकल बाजार में प्रोस्टीन, अतिरिक्त विटामिन सी और बीसा ब्लोर युक्त क्रीम मिलती हैं, जो असमय पड़ी झांइयों पर काबू पाने में सहायक मानी जाती है । प्रोस्टीन चेहरे की ऊपरी सांवली परत को फिर से जीवंत करता है।

बाजार में उपलब्ध एंटी-एजिंग क्रीम :- इसके अलावा बाजार में कई ऐसी क्रीम भी उपलब्ध हैं जिसका प्रयोग आप कर सकते हैं जैसे- 

ओले टोटल इफेक्ट 7 इन 1 क्रीम :- ओले टोटल इफेक्ट 7 इन 1 एंटी-एजिंग क्रीम स्किन को लंबे समय तक जवां बनाए रखने में मदद करती है। एसपीएफ 15 के साथ आने वाली इस एक क्रीम से आप एजिंग की सात निशानियों से छुटकारा पा सकती हैं।

लैक्मे युथ इंफिनिटी स्किन फर्मिंग सीरम :- ये एक एंटी-एजिंग सीरम हैजिसमें स्किन लाइटनिंग क्वालिटी मौजूद होती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से आप पा सकती हैं ग्लोइंग स्किन। ये डार्क स्पॉट्स, दाग-धब्बे, पैची स्किन और झुर्रियों को खत्म करने में भी काफी असरदार है। इसमें मौजूद कॉलेजन स्किन में कसाव लाने का काम करता है।

न्युट्रोजेना रैपिड रिंकल रिपेयर मॉइश्चराइजर ब्रॉड स्पेक्ट्रम 30 :-  इस प्रोडक्ट में मौजूद एक खास तरह का इंग्रीडिएंट स्किन प्रक्रियाओं को बढ़ाकर झुर्रियों और झाईयों को खत्म करने में मदद करता है। विटामिन सी से भरा ये प्रोडक्ट आपकी रंगत भी निखारेगा।

विची लिफ्टेक्टिव अडवांस्ड फिलर:- ये सीरम इस बात का दावा करता है कि चेहरे पर मौजूद सारी डीप (अंदर की तरफ) और वर्टिकल झुर्रियों को खत्म करने में असरदार है। ये एक डर्मल फीलर की तरह काम करता है। ये सभी तरह की स्किन को सूट करता है और इसे आप अपने रेगुलर मॉइश्चराइजर या फेस क्रीम के साथ लगा सकती हैं।

उपरोक्त सभी उपायों से आप खूबसूरत दिख सकती हैं लेकिन ध्यान रखिये कोई भी बाजार के उत्पाद का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।