बहुत सारे लोगों के मन में ऑयली स्किन को लेकर कई तरह के मिथ होते हैं और अक्सर इन्हीं के चलते लोग ब्यूटी केयर में गलतिया कर बैठते हैं, जोकि स्किन के लिए हानिकारक साबित होती हैं। 
ऑयली स्किन यानि कि कील-मुहांसे की समस्या, यानि की चेहरे पर चिपचिपेपन की शिकायत और रंगत का काला पड़ जाना । लेकिन ऑयली स्किन वालों के लिए जो चीज सबसे बुरी साबित होती है, वो है इससे जुड़े मिथ को सच मान लेना। जी हां, बहुत सारे लोग जाने अंजाने में गलत ब्यूटी रूटीन को अपनाते हैं, जिसके चलते ऑयली स्किन की समस्यां और बढ़ जाती है। ऐसे में बेहद जरूर है कि ऐसे मिथ से दूर रहा जाए। फैट टू स्लिम एंड क्राफ्ट डिटॉक्स की डायरेक्टर और जानीमानी ब्यूटी एक्सपर्ट शिखा ए शर्मा बता रही हैं, ऑयली स्किन वालों के लिए सही स्किन केयर और कॉमन मिथ से जुड़े सही फैक्ट्स । 
1 मिथ- ऑयली स्किन पर क्रीम नहीं लगानी चाहिए, माना जाता है कि इससे कील-मुहांसे की समस्या बढ़ जाती है।
तथ्य- जबकि असल में ऑयली स्किन को भी मॉश्चराइजिंग की जरूरत होती है। क्योंकि अगर मॉश्चराइजिंग नहीं करते हैं स्किन पोर्स खुले रह जाते हैं, जिससे पोर्स में धूल प्रदूषण अंदर तक समा जाती है। इसलिए चेहरा धोने के बाद उस पर लाइट क्रीम या मॉश्चराइजर जरूर लगाएं।
2 मिथ- ऑयली स्किन वालों को बार-बार अपना चेहरा धोना चाहिए
तथ्य- अगर आप बार-बार चेहरा धोते हैं, तो इससे आपकी संवेदनशील स्किन और भी खराब हो सकती है। 
3 मिथ- ऑयली फूड्स के सेवन से कील-मुहांसे की समस्या होती है
तथ्य- ऑयली फूड्स के सेवन से कील-मुहांसों की समस्या पनपती है, पर ऐसा नहीं है कि सिर्फ ऑयली फूड के सेवन से ही कील-मुहांसे की समस्या होती है, असल में ऑयली फूड से कहीं ज्यादा हॉर्मोनल चेंजेज मुंहासों के लिए जिम्मेदार होते हैं। 
4-मिथ- ऑयली स्किन वालों को मेकअप नहीं करना चाहिए
तथ्य-माना जाता है कि ऑयली स्किन वाले लोगों को मेकअप नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये मुहांसों की समस्या को बढ़ावा देता है। जबकि एक्सपर्ट का कहना है कि ऑयली स्किन वालों को वाटर बेस्ड मेकअप करना चाहिए, जोकि न सिर्फ आपको अच्छा लुक देता है, बल्कि ये आपके खुले हुए पोर्स को भरने का भी काम करता है, जिससे आपकी स्किन को बाहरी धूल मिट्टी और प्रदूषण से सुरक्षा होती है।