svarg mein ameer gareeb, dada dadi ki kahani
svarg mein ameer gareeb, dada dadi ki kahani

Dada dadi ki kahani : मैंने कुछ समय पहले एक कहानी तुम्हें सुनाई थी, जिसका नाम था-‘स्वर्ग के स्टूल’। तुम्हें याद होगा, मैंने बताया था कि ‘स्वर्ग’ और ‘नर्क’ क्या हैं। तो एक और कहानी सुनो, स्वर्ग के लोगों के बारे में।

स्वर्ग के दरवाज़े पर एक दिन दो व्यक्ति एक साथ आए। एक बहुत अमीर व्यक्ति था और एक बहुत गरीब था। अमीर व्यक्ति बढ़िया और कीमती कपड़े पहने हुए था और गरीब व्यक्ति बेचारा एक धोती लपेटे हुए था। अमीर व्यक्ति ने स्वर्ग का दरवाज़ा खटखटाया। अंदर से एक देवदूत बाहर आया। उसने देखा कि सामने एक अमीर व्यक्ति खड़ा है, लंबा, चौड़ा। देवदूत ने उसका स्वागत किया और अंदर आने दिया। गरीब व्यक्ति, अमीर व्यक्ति के पीछे खड़ा था। देवदूत ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया। गरीब व्यक्ति वहीं खड़ा रह गया और देवदूत ने दरवाज़ा बंद कर लिया। गरीब व्यक्ति को इस बात से बड़ा बुरा लगा। लेकिन वह क्या कहता। बस खड़ा रहा।

तभी उसे अंदर से बड़ा शोर आता सुनाई दिया। ऐसा लग रहा था, जैसे कि अंदर कोई उत्सव मनाया जा रहा हो। बाजे बज रहे थे और स्वागत के गीत गाए जा रहे थे। गरीब व्यक्ति ने सोचा कि उसका भी ऐसे ही स्वागत किया जाएगा। उसने मन-ही-मन सोचा, ‘नीचे धरती पर तो कभी मुझे इतना सम्मान नहीं मिला। न ही कभी किसी ने मेरा इतना स्वागत-सत्कार किया। चलो ऊपर स्वर्ग में आकर तो कम-से-कम मेरा सत्कार किया जाएगा।’ बहुत खुश हुआ वह यह बात सोचकर।

जब अंदर का शोर बंद हो गया तो उसने दरवाजा खटखटाया। देवदूत ने दरवाज़ा खोला। उसने गरीब व्यक्ति का मुस्कुराकर स्वागत किया। फिर उसे आदर से अंदर ले गया। अंदर भी उसको बहुत आदरपूर्वक उसके कक्ष तक ले जाया गया, जैसे कि वह कोई बड़ा आदमी हो। लेकिन न वहाँ कोई संगीत था, न ही उसके स्वागत में कोई गीत गाया गया। गरीब व्यक्ति को बड़ी निराशा हुई। उसने देवदूत से कहा, ‘मैंने सुना था कि स्वर्ग में आकर सबको बराबर सम्मान मिलता है। लेकिन अब लगता है यह बात गलत है।’

‘आपको ऐसा क्यों लगा?’ देवदूत ने पूछा।

गरीब व्यक्ति बोला, ‘क्योंकि धरती पर तो हमेशा हम गरीबों के साथ पक्षपात किया ही जाता है। लेकिन अब मैं समझ गया हूँ कि स्वर्ग में भी वही सब होता है। अभी-अभी जो अमीर व्यक्ति आया था, उसका स्वागत कितनी धूमधाम से किया गया और मेरे लिए ऐसा कुछ भी नहीं?’

तब देवदूत ने उसे समझाया, ‘ऐसी कोई बात नहीं है श्रीमान। सच्चाई यह है कि आप जैसे नेक व्यक्ति यहाँ हर रोज़ आते रहते हैं। लेकिन अमीर व्यक्ति महीनों में कोई एक ही आता है। इसीलिए जब कोई अमीर व्यक्ति आता है तो हम उसके आने की खुशी में उत्सव मनाते हैं। इस उत्सव में सभी शामिल होते हैं। चाहे कोई गरीब हो या अमीर। यहाँ आने के बाद, सभी को एक जैसा आदर दिया जाता है। तो अब आप नाराज तो नहीं हैं न?’

‘यह बात सुनकर मेरी सारी परेशानी दूर हो गई।’ गरीब व्यक्ति ने कहा और अपने कक्ष में चला गया।

ऐसा सम्मान और प्रेम पाने के लिए अच्छे काम करना, सबसे प्रेम करना बहुत ज़रूरी है। अपना मन साफ़ रखो बस! बाकी सब अपने-आप हो जाएगा। समझ गए ना!

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