Dada dadi ki kahani : एक बौना था-बादल। वह संदेश और पत्र एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने का काम करता था। वह इतनी तेज़ी से आता-जाता था कि सब उसके काम से खुश रहते थे। वह था ठीक आज की कूरियर सर्विस की तरह।
बादल की बस एक ही इच्छा थी कि उसका एक बेटा हो, जो उससे भी ज्यादा फुर्तीला हो। इसी इच्छा को लेकर वह एक जादूगर के पास पहुँचा। उसने जादूगर को बताया कि वह क्या चाहता है। जादूगर ने बादल से कहा-
‘मैं तुमको एक डिब्बा दूंगा। यदि यह डिब्बा तुम शाम तक पहाड़ी वाली जादूगरनी के पास पहुँचा दोगे तो मैं तुम्हारी मदद ज़रूर करूँगा।’ बादल को पता था कि काम मुश्किल है, क्योंकि वह जगह बहुत दूर थी। फिर भी उसने सोचा कि कोशिश तो करनी ही चाहिए।
उसने डिब्बा लिया और पहाड़ी की ओर चल दिया। वह थोड़ी ही दूर चला होगा, तभी उसे डिब्बे में से कुछ आवाजें सुनाई दीं। अंदर कोई था, जो मदद के लिए चिल्ला रहा था।
उसने झाँककर देखा, अंदर एक राजकुमार बंद था। राजकुमार की मदद करने के लिए उसने डिब्बा खोलना चाहा। लेकिन नहीं कर पाया। उसने डिब्बे को तोड़ने की भी कोशिश की, लेकिन डिब्बा नहीं टूटा। डिब्बे पर बस कुछ खरोंचें और कुछ गड्ढे पड़ गए थे।
शाम होने में कुछ ही समय बाक़ी था। बादल हारकर डिब्बा जादूगरनी को दे आया। वापिस आया तो जादूगर ने उसे एक अंडा दिया। उस अंडे में से एक छोटा-सा कछुआ निकला। यह एक जादुई कछुआ था और बादल से भी ज्यादा तेज़ चल सकता था। बादल ने एक बेटा माँगा था। लेकिन उसे कछुआ मिला था, फिर भी वह काफ़ी खुश था।
कुछ दिनों के बाद वहाँ एक राजकुमार आया। बौना उसे देखते ही पहचान गया। यह वही राजकुमार था, जो डिब्बे में बंद था। वह पहाड़ी वाली जादूगरनी के जादू को तोड़कर आया था। बादल ने जब उसे छुड़ाने के लिए जादुई डिब्बे को तोड़ने की कोशिश की थी, तब डिब्बे में एक जगह दरार पड़ गई थी। राजकुमार ने धीरे-धीरे वहाँ एक छेद बना लिया। वह उसी छेद से बाहर निकल आया और बाहर निकलते ही जादूगरनी का जादू ख़त्म हो गया। इस तरह वह उसकी कैद से आज़ाद हो गया।
राजकुमार बादल को धन्यवाद देना चाहता था। इसलिए उसे ढूँढता हुआ उसके घर तक पहुँच गया। जादूगरनी के पास रहने पर उसे पता चला कि बादल के पास जो कछुआ है उस पर भी किसी ने जादू किया हुआ है। राजकुमार ने कछुए की पीठ पर ज़ोर से प्रहार किया। कछुए का कवच टूटकर गिर गया और उसकी जगह एक सुंदर बौना उठकर खड़ा हो गया।
बादल एक बेटा पाकर बहुत खुश था। उसने हमेशा यही तो चाहा था-उसका अपना एक बेटा, बिल्कुल उसके जैसा।
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