Overview: 65 साल पुराना वो क्लासिक सॉन्ग, जिसने आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज कर रखा है
“जब प्यार किया तो डरना क्या” सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और परफेक्शन की मिसाल है। 105 धुनों की अस्वीकृति, 106 बार लिखे गए बोल, लता मंगेशकर की जादुई आवाज़ और करोड़ों के भव्य सेट ने मिलकर इसे हिंदी सिनेमा का सबसे आइकॉनिक गीत बना दिया।
Lata Mangeshkar Song Cult After 65 Years: हिंदी फिल्मों में गानों की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। पुराने दौर में बने कई गीत आज भी उतनी ही ताजगी के साथ सुने जाते हैं, जैसे पहली बार रिलीज़ हुए हों। इन्हीं कल्ट क्लासिक गानों में एक ऐसा गीत भी शामिल है, जिसे बनाने के लिए संगीतकार ने 105 धुनों को ठुकरा दिया था और जिसकी शूटिंग पर उस जमाने में करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लता मंगेशकर की आवाज़ और मधुबाला की अदाओं ने इस गीत को अमर बना दिया। आइए जानते हैं इस यादगार गाने की पूरी कहानी।
हिंदी सिनेमा का बेमिसाल कल्ट क्लासिक
जिस गीत की आज भी उतनी ही दीवानगी है, वह 1960 में रिलीज़ हुई ऐतिहासिक फिल्म मुगल-ए-आजम का मशहूर गीत “जब प्यार किया तो डरना क्या” है। के. आसिफ के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इस गाने को मधुबाला पर फिल्माया गया था, जिसने अनारकली के किरदार को हमेशा के लिए अमर कर दिया।
105 धुनें रिजेक्ट करने के बाद मिला सही सुर
फिल्म के संगीतकार नौशाद अपने काम में बेहद परफेक्शनिस्ट थे। कहा जाता है कि “जब प्यार किया तो डरना क्या” को फाइनल करने से पहले उन्होंने करीब 105 धुनों को खारिज कर दिया था। उन्हें कुछ ऐसा चाहिए था, जो शाही ठाठ और इश्क़ की बेखौफ भावना को एक साथ बयां कर सके। आखिरकार कई कोशिशों के बाद वह धुन तैयार हुई, जो आज भी लोगों के दिलों में बसती है।
106 बार लिखा गया गीत, तब जाकर हुआ फाइनल
इस गाने के बोल लिखने में भी कम मेहनत नहीं लगी। मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी ने इस गीत को करीब 106 बार लिखा और बदला, तब जाकर इसके शब्दों को अंतिम रूप मिला। हर पंक्ति में मोहब्बत, आत्मविश्वास और बगावत का एहसास साफ झलकता है, जो अनारकली के किरदार को पूरी तरह दर्शाता है।
लता मंगेशकर की आवाज़ ने दिया अमर रूप
इस गीत को सुरों की कोकिला लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज़ दी थी। करीब 6 मिनट 16 सेकेंड का यह गीत सुनते ही आज भी दिल को सुकून मिलता है। लता जी की गायकी ने इस गाने में ऐसी जान डाल दी कि यह सिर्फ एक फिल्मी गीत नहीं, बल्कि भारतीय संगीत की धरोहर बन गया।
भव्य सेट और शाही अंदाज़ ने बढ़ाई भव्यता
“जब प्यार किया तो डरना क्या” गीत की शूटिंग के लिए खास शीशमहल जैसा सेट तैयार किया गया था। कहा जाता है कि उस दौर में इस एक गाने पर करीब 1 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। भव्य सेट, शानदार सिनेमैटोग्राफी और मधुबाला की अदाओं ने इस गीत को दृश्य और संगीत—दोनों रूपों में यादगार बना दिया।
