हाल के समय में पर्यावरण को बचाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, वहीं ऐसा कहा जाता है कि यज्ञ भी पर्यावरण शुद्घि का काम करते हैं। इस विषय पर विज्ञान क्या कहता है, आइए जानते हैं लेख से।
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योग एक मार्ग अनेक
परमात्मा हो या परमशांति या फिर गणित का कोई भी छोटा सा सवाल। इन तक पहुंचने के या सवाल को हल करने के भले कई मार्ग व माध्यम होते हैं परंतु इनका उत्तर एक ही होता है ऐसे ही योग की भी विभिन्न शाखाएं हैं, विभिन्न आसन और अवस्थाएं हैं परंतु सबकी मंजिल, सबकि उपलब्धि एक ही है।
‘ओशो ‘ , गजब का ज्ञान दे गये , कोरोना जैसी जगत बीमारी के लिए
70 के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब अमेरिका में किसी ने ओशो रजनीश जी से प्रश्न किया – ‘इस महामारी से कैसे बचे ?’
ओशो ने विस्तार से जो समझाया वो आज ‘कोरोना’ के संबंध में भी बिल्कुल ‘प्रासंगिक’ है।
आत्मसंयम का अभ्यास
यदि आप मानसिक व्यसनी हैं, तो अपना उपचार करने का प्रयत्न करें; परन्तु इस बीच कम- से-कम आप दूसरों को संक्रमित या प्रभावित करने की चेष्टा न करें, क्योंकि इसमें चाहे आप सफल हों या न हों, आप सम्भवत: अपने लिए और मुश्किलें पैदा कर लेंगे।
वास्तु और चिकित्सा
वास्तु के नियम अनुसार कई उपायों को अपनाकर समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। कैसे व किस प्रकार? जानते हैं लेख से।
तेज और कांति के स्रोत भी हैं रत्न
रत्नों का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्त्व है।रत्न दुर्लभ एवं आकर्षक होते हैं इसको धारण करने से दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।आइए रत्नों के विषय में लेख से विस्तार पूर्वक जानें।
मुस्कुराने के हैं कई लाभ
कुछ लोगों को आपने देखा होगा कि वह विकट परिस्थितियों में भी सदैव मुस्कुराते रहते हैं, वहीं दूसरे कुछ लोग होते हैं जो बात-बात पर दुखी हो जाते हैं और जीवन से शिकायते करते रहते हैं। जबकि शोध भी बताते हैं कि सदैव प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति निरोगी, स्वस्थ एवं सदैव सकारात्मक रहते हैं।
उच्च रक्तचाप यानी ‘खामोश हत्यारा’
अक्सर ऐसा देखा गया है व्यक्ति को जब तक बहुत ज्यादा तकलीफ या किसी बीमारी के ऊपरी लक्षण नहीं दिखाई देते तब तक वह डॉक्टर के पास इलाज कराने नहीं जाता। ऐसा रक्तचाप के मामलों में ज्यादातर देखा गया है। शायद इसलिए ही रक्तचाप को खामोश हत्यारा कहा जाता है।
शुभ फलदायी है केले का पूजन
हिन्दू धर्म संस्कृति में कई पेड़-पौधों को भी ईश्वर के समान ही पूजनीय माना जाता है। यहां तक कि इन पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास भी कहा जाता है। औषधीय गुणों के साथ-साथ इनका पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्त्व भी है।
दूषित जल यानी संकट में जीवन
एक तो वैसे ही पूरा विश्व पानी की किल्लत से जूझ रहा है ऊपर से जो पानी बचा है वो पीने योग्य नहीं है, यदि इस समस्या को जल्द नहीं सुलझाया गया तो पृथ्वी पर जीवन बचेगा ही नहीं।
