वर्तमान समय में जब लोग भौतिक सुख-साधनों की तलाश में अपने शरीर व स्वास्थ्य को नष्ट कर रहे हैं, ऐसे में वास्तु के कुछ सर्व-सम्मत नियम व शास्त्रोक्त बातें निश्चित रूप से मरहम के रूप में आपको सुख प्रदान करेंगी। बस आवश्यकता है थोड़ा-सा समय निकाल कर प्रकृति के ज्यादा से ज्यादा करीब होने की।
सूर्य किरण
— उगता हुआ सूर्य अमृत जैसा शुभ प्रभाव छोड़ता है। यह हमारे शरीर के कई रोगों का नाश करता है।
— दिल, दिमाग व ऐंठन संबंधी रोगों में उगते सूर्य की किरणें विशेष लाभकारी है।
— सूर्य की किरणें लंबी आयु प्रदान करती हैं।
— ज्वर, पीलिया और फोड़े-फुंसियों के उपचार मे सूर्य की किरणों का खास महत्त्व है।
— सौर वर्णक्रम की लाल किरणें हृदय रोग और पांडु रोग को दूर करती हैं।
— शरीर को सौर किरणों का सेवन कराने से हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु जनित रोग कभी नहीं होंगे।
— सुंदर स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए घर में सूर्य की, किरणों के प्रवेश को सुनिश्चित करें।
जल
— बहते हुए पानी से आर्थिक समृद्धि और भौतिक सफलता पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होती है।
— वर्षा का जल औषधीय गुणों से भरपूर पीने के लिए सर्वोत्तम है।
— वर्षा जल में सोम रस और अन्य समान रस मिलाकर पीने से व्यक्ति दीर्घायु और तेजस्वी होता है।
— जल पैरों और आंखों के रोगों को दूर करता है।
— जल त्वचा की कांति और सौंदर्य वृद्धि में सहायक है।
— जल से नित्य स्नान करने से शरीर ऊर्जावान बनता है।
— पेय जल को पीने से पहले रंगीन कांच की बोतल में रखें।
— रोजाना कम से कम दो लीटर जल पीने से कब्ज व पेट की अन्य बीमारियां नहीं होती।
— सोने से पहले पैरों के पंजे ठंडे जल से धोने से रात को बुरे स्वप्न नहीं आते।
— तीव्र ज्वर में ठंडा जल विशेष औषधि का काम करता है।
—बिच्छु द्वारा काटने पर कटे अंग पर पानी डालें। विष तुरंत उतर जाएगा।
—बर्फ को गुड़ में मिलाकर खाने से पेट के सभी कीड़े मर जाते हैं।
—जल से भरे टब में स्नान करने से रोगी के अंग ठीक होते हैं।
आहार
—खाना खाते समय व्यक्ति की मनोस्थिति भोजन की पोषकता के निर्धारण में मुख्य भूमिका निभाती है।
—प्रसन्न चित्त भोजन करने से खाना जल्दी हजम होता है। स्वास्थ्य पुष्ट होता है, रोग दूर होते हैं।
—भोजन को खूब चबा-चबाकर खाएं। इससे शरीर में बल प्राप्त होता है। रोग दूर होते हैं।
—मूल, फल, सब्जियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। ये शरीर को रोगमुक्त रखते हैं।
—हमेशा प्रसन्नतापूर्वक भोजन करें।
—भोजन करते समय अपना ध्यान भोजन पर केंद्रित रखें।
—भोजन स्वादिष्ट व पोषक गुणों से भरपूर होना चाहिए।
—मौसमी भोजन शरीर को रोग मुक्त रखता है।
—दूध को उबालकर ही पीएं।
—आहार में मसालों, तले-भुने पदार्थों का कम से कम सेवन करें।
—कच्चा मांस कभी न खाएं।
शयन चिकित्सा
— पर्याप्त नींद से प्राण-शक्ति, बल और ऊर्जा प्राप्त होती है।
—हमेशा रात में सही समय पर सोएं, सुबह सही समय पर उठें।
—दक्षिण की तरफ सिर और उत्तर की तरफ पैर करके सोने से मनुष्य दीर्घ आयु को प्राप्त करता है।
यह भी पढ़ें –