Friendship Story: अखबार में अपने दोस्त की तस्वीर देखकर मुकुंद की आंखों में नमी आ गई। आज उसके दोस्त का कितना नाम है। सारा देश डॉक्टर प्रताप सिंह की उपलब्धियों पर गर्वान्वित महसूस कर रहा है। मुकुंद उसकी तस्वीर को देखते ही अतीत में खो गया। प्रताप और मुकुंद एक ही गांव में रहते थे। […]
Author Archives: आस्था सिंघल
हमारी कांता मां-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hamari Kanta Maa Story: जो हम दूसरों को देते हैं वही हमें वापस मिलता है, फिर चाहे वो सम्मान हो या धोखा। कांता माँ, यानी बड़ी मां, ने अपने जीवन में सबको प्यार और सम्मान ही दिया था। और बदले में उन्हें सच में सम्मान ही वापस मिला। रघुवंशी परिवार आज एक होकर खड़ा है […]
सच्चा आईना-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: दुनिया में लोग प्यार की खातिर ना जाने क्या-क्या कर जाते हैं। अपने प्यार को साबित करने के लिए अपनी जान तक दे देते हैं। अपने प्यार को पाने के लिए कुछ लोग जुनून की हद को भी पार कर लेते। पागलपन की हद तक पहुंँच जाते हैं। ऐसा ही कुछ किया आर्यन […]
तेरी मेरी कहानी है!!—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahaniya: लॉकडाउन में ज़िन्दगी रुक सी गई थी। सब तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था। कोई बाहर नहीं निकलता था। बुज़ुर्ग दाम्पत्य जो अकेले रहते थे उनकी हालत बहुत ज़्यादा दयनीय थी। घर की चारदीवारी में कैद वो किसी से बात भी नहीं कर पाते थे। किसी को किसी की खबर तक नहीं थी। बच्चे […]
एक नई उम्मीद-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: नन्दनी उत्तर प्रदेश के एक बहुत छोटे से गाँव में रहती थी। इस गाँव के आसपास बहुत से शहर बसे थे। पर गाँव की स्थिति बहुत ही खराब थी। खासतौर से औरतों और लड़कियों की।गाँव में लड़कियों के लिए केवल आठवीं कक्षा तक का ही एक सरकारी स्कूल था। उसके बाद उन्हें दस […]
मेरी प्रिया-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Love Stories in Hindi: गगन एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था। पढ़ाई में बहुत ही होशियार था। इसलिए माता पिता को उससे बहुत सी उम्मीदें थीं। उसके पिता सरकारी दफ्तर में क्लर्क के पद पर आसीन थे। किंतु बेटे की पढ़ाई – लिखाई में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी थी।“बेटा, आज तुम्हारे कॉलेज का […]
माँ की परछाईं-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Mother Shadow Story in Hindi: “कौन संभालेगा ऐसी औलाद को? इससे तो अच्छा तू बेऔलाद ही रहती।” अनामिका की सास ने अपना माथा पीटते हुए कहा।“इसे किसी अनाथ आश्रम में दे आ।” अनामिका की बड़ी ननद बोली।“ये मेरी बेटी है। चाहे जैसी भी है, इसे मैं पालूंँगी।” अनामिका ने अपनी नन्हीं सी जान को अपने […]
“कान्हा – माई फ्रैंड”-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Friend Story: सौम्या बहुत ही शांत स्वभाव की बच्ची थी। वह जल्द ही किसी से घुलती मिलती नहीं थी। उसके माता पिता दोनों नौकरी करते थे। इसलिए सौम्या के लिए ज़्यादा समय नहीं निकाल पाते थे। उसकी मां अक्सर उसे सोसायटी के बच्चों के साथ खेलने को कहती थीं। परन्तु सौम्या उन बच्चों से भी […]
आखिरी ख़त-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Akhiri Khat Story: नारायणी देवी एक छोटे से गांँव में अपने बेटे अमर के साथ रहती। पति की मृत्यु के बाद उसने बहुत मेहनत कर अपने बेटे को पढ़ाया था। उसे सनातन की पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा के लिए शहर भी भेजा था। उसका बेटा शहर जाने को तैयार नहीं था। “माँ क्यों अपने […]
