टोनी तथा अर्नी दोनों एक खड्डेनुमा जगह पर छुपे बैठे थे। वहां से फ्यूजैली के मकान को साफ-साफ देखा जा सकता था। अपनी कार उन्होंने सड़क से काफी फासले पर पेड़ों के एक झुरमुट में खड़ी कर दी थी।
अर्नी ने पोर्क और बीन्स का डिब्बा खोला और चटखारे लेकर खाना आरंभ कर दिया। बाकी डिब्बा उसने टोनी की ओर बढ़ा दिया।
‘खाओ टोनी-पता नहीं कितनी देर तक इंतजार करना पड़े।’
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टोनी ने भी खाना आरंभ कर दिया। खाना खत्म हुआ तो दोनों ने शराब की चुस्कियां भरनी आरंभ कर दीं।
खाने के बाद अर्नी ने कहना आरंभ किया – ‘मेरा विचार है टोनी, यदि उनको आना होता तो वे अब तक यहां पहुंच चुके होते।’
‘तो फिर अब क्या करें?’ टोनी बोला – उस पर हल्का-हल्का सुरूर चढ़ने लगा था। अपनी व्याकुलता छिपाने के लिए उसने बोतल को मुंह से लगाया और शराब की काफी बड़ी मात्रा डकार गया।
‘इस गड्ढे में पड़े-पड़े हमें आठ घंटे हो चुके हैं-’ अर्नी बोला-‘मैं कस्बे में जाकर फोन द्वारा बॉस को सूचित करना चाहता हूं। वह पता नहीं क्या सोच रहा होगा हमारे बारे में।’
टोनी बोला – ‘उन्हें कोई अड़चन आ गई होगी। तभी तो अभी तक नहीं पहुंच सके हैं। तुम कहीं मत जाओ अर्नी-यहीं बैठकर इंतजार करते हैं। वे कभी भी यहां पहुंच सकते हैं।’
‘नहीं’ – अर्नी उठकर खड़ा हो गया। ‘हमें बॉस को सूचित करना ही पड़ेगा। मैं जा रहा हूं – तुम यहीं रुककर उनकी प्रतीक्षा करो।’
‘बकवास मत करो अर्नी।’ टोनी पर शराब का नशा तो जरूर हावी हो रहा था किन्तु इतना नहीं कि वह जौनी की दहशत को अपने दिल से निकाल देता। वह अकेले नहीं रहना चाहता था। जौनी के नाम से ही उसके बदन के रोंगटे खड़े होने लगते थे।
‘तुम भी यहीं ठहरो। कुछ देर इंतजार करने के पश्चात हम दोनों ही कस्बे में चल पड़ेंगे।’
‘शटअप’-अर्नी गुर्राया-‘तुम यहीं रुकोगे।’ वह खड़ा हो गया और पेड़ों के उस झुरमुट की ओर चल पड़ा जहां कार छुपाकर खड़ी की गई थी।
टोनी ने गुस्से में कुछ कहना चाहा, फिर अपने पर काबू रखकर खामोश हो गया।
बीस मिनट बाद अर्नी फोन पर मसीनो से बातें कर रहा था। सारी स्थिति स्पष्ट करने के बाद वह बोला- ‘हमें इस जगह की निगरानी करते हुए आठ घंटे हो चुके हैं बॉस। जबकि उन्हें हम लोगों से चार घंटे पहले ही पहुंच जाना चाहिए था। टोनी के विचार में उन्हें रास्ते में कहीं अड़चन हो गई है अतः हमें और इंतजार करना चाहिए। आपका क्या आदेश है इस बारे में?’
‘टोनी का विचार ठीक है। मसीनो का तेज स्वर लाइन पर उभरा-‘तुम लोग अभी वहीं रुको। यदि सुबह आठ बजे तक भी वे लोग वहां न पहुंचें तो तुम वापिस आ सकते हो।’
‘जैसा आपका आदेश बॉस।’ अर्नी ने कहने को कह दिया किन्तु उस खड्ड में रात काटने के विचार मात्र से ही वह परेशान हो उठा था।
मसीनो ने रिसीवर पटक दिया और एन्डी की ओर देखा जिसने
अभी-अभी कमरे के अंदर प्रवेश किया था। मसीनो ने उसे सारी परिस्थिति से अवगत कराया।
‘मिस्टर मसीनो’ – एन्डी बोला – ‘हमें एक काम करना चाहिए था। हमें रेडी के कैफे को चैक करना चाहिए था। यद्यपि हमें देर हो चुकी है। हमें पहले ही करना था इसे, पर कोई बात नहीं। मैं स्वयं जाकर यह काम करूंगा।’
‘नहीं, तुम कहीं नहीं जाओगे।’ मसीनो ने उसे डांटा-‘तुम यहीं रहोगे। यह काम किसी और के सुपुर्द कर दो। बेहतर हो कि ल्यू बैरोली से ये काम कराओ।’
‘नहीं मिस्टर मसीनो! मैं स्वयं यह काम करूंगा।’ एन्डी ने दृढ़ स्वर में उत्तर दिया।
वास्तव में मसीनो द्वारा जौनी को दी जाने वाली गंदी गालियां सुन-सुनकर वह परेशान हो उठा था और चाह रहा था कि कुछ समय के लिए इसी बहाने से उसे मसीनो के साथ से तो छुटकारा मिल सकेगा, किन्तु मसीनो की छोटी-छोटी आंखों में गुस्से का तूफान उठता देखकर मन मसोसकर खामोश हो गया।
‘तुम यहां से हिल भी नहीं सकते।’ मसीनो ने गरजते हुए कहा-‘यह मत भूलो जाहिल आदमी कि तुम्हीं एकमात्र वह शख्स हो जिसके पास सेफ की चाबी रहती थी। इसलिए जब तक जौनी और रकम का पता नहीं चल जाता, तुम कहीं भी नहीं जा सकते। समझ गए।’
एन्डी उससे किसी ऐसे ही उत्तर की उम्मीद कर रहा था। उसने पूछा-‘और यदि वह नहीं मिला तो?’
‘तब मैं तुम्हें पकड़ूंगा, समझे। बैरोली से कहो कि वह जाकर कैफे की पड़ताल करे।’
‘आप मालिक हैं मिस्टर मसीनो।’ वह मरे-से स्वर में बोला और बैरोल को निर्देश देने के लिए फोन की ओर बढ़ गया।
तीन घंटे बाद बैरोली ने मसीनो के दफ्तर में प्रवेश किया। तीस वर्षीय बैरोली का जिस्म छरहरा तथा कद ऊंचा था। वह किसी फिल्म स्टार जैसा खूबसूरत व्यक्ति था। लड़कियां सहज ही उसकी ओर आकर्षित हो जाती थीं। मसीनो की निगाह में वह एक तेज-तर्रार व्यक्ति था।
वास्तव में दिमाग तो उसका वाकई तेजी के साथ दौड़ता था परन्तु लड़ाई-झगड़े के नाम पर उसकी रूह फना होने लगती थी इसलिए मसीनो के गिरोह में उसकी तरक्की की उम्मीद संदेहास्पद थी।
बैरोली वहां पहुंचा तो मसीनो ने उसे डांटते हुए पूछा – ‘बहुत देर लगा दी तुमने।
‘मैं सही जानकारी हासिल करना चाहता था बॉस’ – बैरोली ने नम्रतापूर्वक जवाब दिया – ‘और वह मुझे मिल गई।’
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उसने एक नक्शा जेब से निकाला और उसे मेज पर फैलाता हुआ बोला – ‘ठीक इस जगह पर वियान्डा को होना चाहिए बॉस।’ उसने अपनी उंगली एक खास जगह पर टिका दी।
मसीनो ने हैरानी से पहले तो नक्शे की ओर नजर घुमाई फिर बैरोली की ओर घूरकर देखा – ‘यह क्या बकवास उठा लाये हो तुम?’
‘मुझे मिली सूचना के अनुसार।’ बैरोली शांत स्वर में बोला – ‘जौनी एक अजीब-सी मानसिक स्थिति वाले ट्रक ड्राइवर के साथ उसके ट्रक में साउथ की ओर रवाना हुआ था। मुझे पता चला है कि वह ट्रक किसी भी वक्त दुर्घटना का शिकार हो सकता था और हुआ भी यही है। लगभग सत्तर मील की स्पीड पर भागता हुआ ट्रक सड़क से उतरकर इस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ट्रक तबाह हो गया। ड्राइवर मर चुका है किन्तु जौनी का कहीं पता नहीं है। मेरे विचार से वह घायल जरूर हुआ होगा। बैरोली ने नक्शे पर एक जगह उंगली जमाई – यदि हमने फौरन कार्यवाही शुरू कर दी तो मुझे विश्वास है कि इस जंगल में हम कहीं न कहीं उसे अवश्य ढूंढ निकालेंगे।

मसीनो की निगाहों में भेड़िए जैसी चमक पैदा हो गई। उसने बैरोली की पीठ थपथपाते हुए उसे शाबाशी दी और फिर एन्डी को बुलाने का आदेश दे दिया।

