Parenting
child self-reliant Credit: Istock

Parenting Tips: बच्‍चों को आत्‍म-निर्भर बनाना पेरेंट्स की सबसे बड़ी जिम्‍मेदारी होती है। बच्‍चों की अच्‍छी परवरिश में शिक्षा के अलावा लाइफ स्किल्‍स का भी अहम किरदार होता है। कुछ बच्‍चे बचपन से आज्ञाकारी और कर्मठ होते हैं जो खुद से अपना काम करना जानते हैं लेकिन वहीं कुछ बच्‍चे पूरी तरह से पेरेंट्स पर निर्भर होते हैं। ऐसे बच्‍चों को विषम परिस्थितियों में सर्वाइव करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। ध्‍यान रखें कि छोटी-छोटी स्किल्‍स बच्‍चों के हमेशा काम आती हैं। कुछ पेरेंट्स बच्‍चे को स्किल्‍स सिखाने के लिए उसके बड़े होने का इंजतार करते हैं लेकिन यदि बच्‍चे को बचपन से ही कुछ आदतें सिखाई जाएं तो उनका दिमाग तेजी से ग्रो करता है और वह उसे ताउम्र याद रखते हैं। खासकर 12 वर्ष के बाद बच्‍चे को ये 5  स्किल्‍स जरूर सिखानी चाहिए। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

दें जिम्‍मेदारियां

give responsibilities
give responsibilities

12 वर्ष की उम्र में बच्‍चे काफी समझदार हो जाते हैं। वह अपनी और पेरेंट्स की जिम्‍मेदारियां बखूबी समझने लगते हैं। इस उम्र में सौंपी गई जिम्‍मेदारियां बच्चे को परिवार और घर में योगदान देने के लिए सशक्‍त बनाती हैं। इस उम्र में बच्‍चों से अधिक आशा नहीं लगानी चाहिए लेकिन उन्‍हें आपना काम खुद करने की आदत जरूर डालें। यदि बच्‍चा अपना काम करना सीख जाएगा तो वह कई बाधाओं को सामना कर सकता है। इसके लिए एक चार्ट बनाएं जिसमें उसके रोज के कामों को शामिल करें। ऐसा करने से उसकी प्रोग्रेस को ट्रैक करने में मदद मिल सकती है।

लेने दें निर्णय

इस उम्र में बच्‍चे खुद को बड़ा समझने लगते हैं और अपने डिसीजन यानी निर्णय खुद लेना चाहते हैं। ऐसे में आप उनकी मदद करें और उन्‍हें निर्णय लेने दें। जरूरी नहीं कि आप बच्‍चे पर हर निर्णय छोड़ दें। दिनभर के छोटे-मोटे निर्णय जैसे क्‍या खाना है, क्‍या पहनना है या पढ़ाई के लिए कैसे चीजों को मैनेज करना है। इससे बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा और वह आत्‍मनिर्भर बन सकेंगे।

पैसों का हिसाब सिखाएं

बच्‍चों को यदि बचपन से ही पैसों का लेन-देन सिखाया जाए तो बच्‍चा बड़े होकर पैसों की अहमियत को समझेगा। बच्‍चे को बचपन से ही खर्च और सेविंग की बेसिक जानकारी दें। इसकी शुरुआत आप पिगी बैंक से कर सकते हैं। बच्‍चे से छोटे-मोटे बिल भरवाएं ताकि उसकी मनी स्किल डेवपल हो सके। ऐसा करने से आगे चलकर वह आर्थिक स्थिति को बखूबी समझ सकेगा।

किचन में लें मदद

बच्‍चों को बनाएं आत्‍मनिर्भर
Get help in the kitchen

आजकल ज्‍यादातर बच्‍चे अपना समय फोन और स्‍क्रीन के सामने बिताते हैं। ऐसे में बच्‍चे न केवल अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल का हिस्‍सा बन रहे हैं बल्कि कई बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। इसलिए बच्‍चों को जितना हो सके बिजी रखें। इसके लिए आप उन्‍हें कुकिंग स्किल से भी अवगत करवा सकते हैं। ये स्किल बच्‍चे को आत्‍मनिर्भर बनाती है। शुरुआत में बच्‍चे से पानी मंगवाएं,ब्रेड-जैम या ब्रेड बटर बनवाएं, चाय बनाना और अंडे उबालना सिखाएं। ये स्किल बच्‍चे को अकेले सर्वाइव करना सिखाती है ताकि बच्‍चा खुद से बनाकर खा सके।

रूम की सफाई

अधिकांश बच्‍चों का रूम फैला और बिखरा होता है क्‍योंकि साफ-सफाई का जिम्‍मा पेरेंट्स का होता है। इस उम्र में बच्‍चे इतने बड़े हो जाते हैं कि वह अपना सामान खुद उठाकर रख सकें। इ‍सलिए पेरेंट्स उन्‍हें रूम की सफाई की जिम्‍मेदारी सौपें। ऐसा करने से बच्‍चे की सर्वाइविंग स्किल डेवलप होती है। साथ ही बच्‍चा आत्‍मनिर्भर बनता है।