accha kaam
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एक बार एक राजा एक बहुत ज्ञानी ऋषि के आश्रम में पहुँचा और उनसे बोला कि उसके मन में लंबे समय से तीन प्रश्न घुमड़ रहे हैं, वह उनका उत्तर चाहता है।ऋषि की अनुमति पाकर उसने अपने तीनों प्रश्न उनके सामने रखे। एक, सबसे अच्छा मित्र कौन है? दो, सबसे अच्छा समय कौन-सा है? और तीन, सबसे अच्छा काम क्या है? ऋषि उसे अपने साथ आश्रम के पीछे के हिस्से में ले गए। वहाँ एक चारपाई पर एक घायल सैनिक पड़ा हुआ था।

राजा को देखते ही वह उससे क्षमायाचना करने लगा।राजा ने ऋषि से पूछा कि यह कौन है। ऋषि ने मुस्वफ़ुराकर कहा कि वैसे तो यह आपके शत्रु देश का सैनिक है, जो आपको मारने आया था, लेकिन आपके गुप्तचरों के हाथ लग गया और उनसे बचकर भागने के प्रयास में बुरी तरह घायल हो गया।

लेकिन, वस्तुतः यह आपके तीनों प्रश्नों का उत्तर है। यह आपसे क्षमा माँग रहा है, इसलिए आपका सबसे अच्छा मित्र है। सबसे अच्छा समय वर्तमान है और सबसे अच्छा काम वह है, जो सामने हो। इस प्रकार आप इसे क्षमा कर वर्तमान को सबसे अच्छा समय और क्षमा को सबसे अच्छा काम बना सकते हैं।

सारः जो वर्तमान में है, वही सर्वश्रेष्ठ है।

ये कहानी ‘इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंIndradhanushi Prerak Prasang (इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग)